‘शमशेरा’ फ्लॉप क्‍यों हो गई? डायरेक्‍टर और संजय दत्त ने सबकुछ तो कहा, लेकिन सच से मुंह मोड़ लिया

246
‘शमशेरा’ फ्लॉप क्‍यों हो गई? डायरेक्‍टर और संजय दत्त ने सबकुछ तो कहा, लेकिन सच से मुंह मोड़ लिया


‘शमशेरा’ फ्लॉप क्‍यों हो गई? डायरेक्‍टर और संजय दत्त ने सबकुछ तो कहा, लेकिन सच से मुंह मोड़ लिया

‘शमशेरा’ बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप.. नहीं नहीं, डिजास्टर साबित हुई है। वो फिल्म जिससे रणबीर कपूर को बहुत उम्मीदें थीं। तीन लगातार फ्लॉप के बाद ये वो फिल्म थी, जिससे यशराज फिल्म्स को भी बहुत आशाएं थीं। रणबीर कपूर ने ‘संजू’ के चार साल बाद बड़े पर्दे पर ‘शमशेरा’ बनकर वापसी की। 150 करोड़ का भारी भरकम बजट लगाया गया। रणबीर कपूर के साथ फिल्म में संजय दत्त, वाणी कपूर, सौरभ शुक्ला और रोनित रॉय जैसे दमदार एक्टर्स को कास्ट किया गया। लेकिन नतीजा क्या हुआ? वही जो बीते तीन महीनों से बॉलीवुड की हर दूसरी फिल्म के साथ हो रहा है। ‘शमशेरा’ एक हफ्ते में 40 करोड़ रुपये भी नहीं कमा पाई। ‘शमशेरा’ के डिजास्टर साबित होने के बाद डायरेक्टर करण मल्होत्रा ने प्रतिक्रिया दी। कहा कि वह फिल्म के लिए ‘नफरत’ नहीं झेल पाए। संजय दत्त ने कहा कि शमशेरा अपनी जमात ढूंढ लेगा। लेकिन दोनों सूरमाओं ने वह बात नहीं कही जिस कारण दर्शकों ने इस फिल्म को खारिज कर दिया। वो दर्शक जो 150-200 रुपये खर्च कर ढाई घंटे मनोरंजन के लिए गए थे, लेकिन हताश होकर सिनेमाघर से बाहर निकले।

सोशल मीडिया पर ‘शमशेरा’ को लेकर तरह तरह की बातें की गई। कुछ ने लिखा कि इसका जॉनर एकदम साउथ जैसा था। आजकल दक्षिण फिल्मों की बहार थी और इसमें भी वो सब एलिमेंट्स जोड़े गए जो हालिया फिल्में RRR, ‘केजीएफ 2’ से लेकर ‘पुष्पा’ जैसी फिल्मों में रहा। साउथ वाला तड़का लगाने के बाद भी क्यों शमशेरा का जादू नहीं चल पाया? पर क्या वाकई ऐसा था? या फिर शमशेरा के फ्लॉप होने की बड़ी वजह फिल्म का हिंदू और सनातन धर्मों का वह विरोध प्रदर्शन था, जो आजकल हर बॉलीवुड फिल्म की घोषणा के साथ ही सोशल मीडिया पर दिखने लगता है।

शमशेरा हो या बल्लू, सवाल तो उठेंगे ही
‘शमशेरा’ की एक बात और सबको खटकी कि इस फिल्म के डायरेक्टर करण मल्होत्रा बढ़िया, स्टारकास्ट उम्दा और इसे बड़े पैमाने पर इस बनाया गया… तो सबकुछ ठीक था तो दिक्कत कहां रह गई? एक बढ़िया फिल्म में जो कुछ होना चाहिए वो सब था लेकिन फिर भी ‘शमशेरा’ पिट गई। अभी तक सही मायने में इस बात चर्चा नहीं हुई कि आखिर शमशेरा में चूक हुई तो हुई कहां?

‘शमशेरा’ के निर्देशक करण मल्होत्रा ने उन सभी बातों पर रिएक्ट किया जो पिछले कई दिनों से इस बारे में चल रही है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा,

मेरे प्यारे शमशेरा तुम बहुत ही तेजस्वी हो। मेरे लिए ये बहुत जरूरी है कि मैं इस प्लेटफॉर्म पर खुद को व्यक्त करूं, जहां आपके लिए प्यार, नफरत, सेलिब्रेशन से लेकर बेइज्जती तक सबकुछ मौजूद है। मैं सभी से इस लापरवाही के लिए माफी मांगना चाहती हूं कि मैं इस नफरत और गुस्से को हैंडल नहीं कर पाया। मेरा ये पलटवार मेरी वीकनेस है और ये कोई बहाना नहीं है। शमशेरा अब यहां हूं.. मैं गर्व करता हूं और तुम मेरे हो। हम सबकुछ साथ सह लेंगे, बेशक वो खुशियां हो या फिर कमियां। शमशेरा फैमिली मिलकर सब ठीक कर लेंगे। हमें जो प्यार, आशीर्वाद, दुआं मिले उसे हमसे कोई नहीं छीन सकता है।

करण मल्होत्रा

Shamshera: ‘शमशेरा’ के फ्लॉप होने पर छलका डायरेक्टर करण मल्होत्रा का दर्द, कहा- मैं नफरत नहीं झेल पाया
करण के बाद संजय दत्त भी ‘शमशेरा’ की डूबती नैया पर रिएक्ट करने सामने आए। उन्होंने ओपन लेटर लिखा और कहा,

कुछ तो लोग कहेंगे, लोगों का काम है कहना। उन्होंने कहा कि फिल्म एक जुनून है। यही जुनून स्टोरी को बयां करती है। आप ऐसे किरदारों से मिलते हैं जिनसे आप पहले कभी नहीं मिले होते हो। शमशेरा हमारे लिए बेहद खास है। ये मूवी हमारे खून, पसीने और आंसूओं से बनी है। ये एक सपना है जिसे अपने स्क्रीन पर दिखाया है। हर फिल्म को दर्शक मिल जाते हैं पहले या फिर बाद में।

संजय दत्त

आगे संजय दत्त ने कहा, ‘शमशेरा को बहुत सारे नफरत करने वाले लोग भी मिले। उन लोगों ने भी नफरते दिखाई जिसने इसे देखा तक नहीं। मैं इसे बहुत ही डरावना मानता हूं कि लोग किसी की मेहनत को ऐसे नफरती नजरों से देखते हैं। मैं फिल्ममेकर करण की बहुत इज्जत करता हूं। वह बेस्ट डायरेक्टर्स में से एक हैं। मैंने उनके साथ में अग्निपथ भी की, जहां मैंने कांचा चिना का रोल अदा किया। वह सभी को शानदार लगी। उन्होंने मेरे ऊपर एक बार फिर विश्वास किया और शमशेरा का अहम किरदार निभाने की जिम्मेदारी दी। करण मेरे परिवार के हिस्से की तरह है। इस फिल्म के जरिए मैंने और रणबीर ने एक बंधन बना लिया। नफरत इन सबके बीच नहीं आ सकती है। बाकि कुछ तो लोग कहेंगे और लोगों का काम है कहना !’

navbharat times -Sanjay Dutt: ‘शमशेरा’ अपनी जमात खुद ढूंढ लेगा- फिल्म के लिए नफरत भरी बयानबाजियों पर संजय दत्त का मुंहतोड़ जवाब
आइए अब हम बताते हैं आखिर वो कौन से कारण थे जो वाकई शमशेरा को डूबा गए

कमजोर कहानी

shamshera

शमशेरा का पोस्टर


अगर वाकई शमशेरा में साउथ जैसा टच मेकर्स ने जान-बूझकर दिया तो वह कहानी पर मेहनत करना भूल गए। अगर तुलना ‘आरआरआर’ या ‘केजीएफ 2’ से हो तो इन फिल्मों की कहानी में कई परतें थी जो दर्शकों को आगे बिना किसी रुकावट के ले जाती है। लेकिन यहां कहानी सिंपल थी। एक डाकू है और वह अपनी मां को बचाने के लिए आया है। साउथ का तड़का तो मेकर्स ने डाला लेकिन कहानी की परते और सस्पेंस बनाने में वह फेल हो गए।

फिल्म की लेंथ

shamshera 1

शमशेरा का पोस्टर


‘शमशेरा’ की समय सीमा भी एक कारण हो सकता है। अगर कहानी में दम हो तो ढाई क्या 3 घंटा भी दर्शकों को आप बांधने में कामयाब हो जाएंगे। लेकिन ऐसी कमजोर पटकथा के साथ ढाई घंटा दर्शकों को चुभ सकता है। अगर शमशेरा की समय सीमा कम करके इसे थोड़ा कसा गया होता तो शायद रिजल्ट बेहतर होता।

शमशेरा में रणबीर कपूर और संजय दत्त बढ़िया रहे लेकिन..

shamshera 5

रणबीर कपूर

कोई संदेह नहीं है कि रणबीर कपूर (Ranbir Kapoor) और संजय दत्त ने अच्छा काम किया। लेकिन रणबीर का किरदार था डकैत का। उन्होंने एक्सप्रेशंस तो बढ़िया संभाले लेकिन कुछ चीजें वह कैच नहीं कर पाए। जैसे, ‘पुष्पा’ फिल्म में अल्लू अर्जुन एकदम लोकल गुंडे की तरह लगते हैं। जिस स्टाइल से चप्पल पहनते हैं या बीड़ी पीते हैं सबकुछ उनकी चंदन तस्करी करने वाले गुंडे जैसी लगती है। यही सेम चीज केजीएफ रॉकी के साथ भी हुआ। इसी खासियत से रणबीर कपूर चूक गए।

शमशेरा में संजय दत्त का किरदार और वो मजाक

shamshera 3

शमशेरा का पोस्टर


संजय दत्त ने कई फिल्मों में खलनायक बनकर तारीफे बटौरी हैं। लेकिन इस बार संजय दत्त (Sanjay Dutt) वो कमाल नहीं रच पाए जो केजीएफ के अधीरा बनकर हासिल किया या जो अग्निपथ में कांचा चीना बनकर किया। हंसी तो तब छूटती है जब शमशेरा में 25 साल तक विलेन दरोगा शुद्ध सिंह के चेहरे पर झाई तक नहीं आती। 25 साल बाद भी संजय दत्त का किरदार वैसे ही था और सालों बाद जब रणबीर से उसका मुकाबला होता है तो भी शुद्ध सिंह जस का तस बना रहता है।

navbharat times -Shamshera Box Office Collection Day 1: पहले दिन रणबीर कपूर की ‘शमशेरा’ ने किया निराश, उम्‍मीद से भी कम कमाई
शमशेरा का बायकॉट

shamshera 4


शमशेरा का जब ट्रेलर रिलीज हुआ तो ये तुरंत चर्चा में आ गया। वजह थी इस फिल्म का बायकॉट। यूजर्स ने धड़ल्ले से इस ट्रेलर पर रिएक्ट किया और मेकर्स की खिंचाई की। शमशेरा बायकॉट (Shamshera Boycott) की वजह थी संजय दत्त का किरदार का नाम और लुक। लोगों ने इस पर हिंदू भावनाओं का आहात करने का आरोप लगाया। लोगों ने इस मूवी में हिंदू को एक खलनायक के रूप में दिखाए जाने पर आपत्ति जताई। हो सकता है कि कभी कभी सोशल मीडिया पर बेवजह चीजों को तूल मिलता है लेकिन शमशेरा को लेकर काफी बवाल मचा और इसी राह में इसकी खिंचाई चलती रही। तो संभव है कि दर्शकों के बीच ये चीज खटक गई हो और इसके बिजनेस पर फर्क पड़ा हो।

Public Review Shamshera : शमशेरा देख लोग क्यों बोले सिर्फ थिएटर में आकर ही फिल्म देखना, यहां देखिए पब्लिक का रुझान

कुछ भी कीजिए कंटेंट से खिलवाड़ न कीजिए
कुल मिलाकर एक ही बात कहेंगे कि कंटेंट के साथ कोई समझौता नहीं हो सकता। जैसे कहा जाता है कि राइटिंग और प्लॉटिंग के हिस्से पर जितना गुड़ घोला जाता है, सिनेमा उतना ही उभकर सामने आता है। बस यही चीज हर फिल्म को डूबा देता है तो उसका बेड़ा पार भी लगा देता है। हिंदी सिनेमा के मामले में ये सब देख चुके हैं कि यहां कि ऑडियंस कहानी और म्यूजिक दोनों से बहुत प्यार करती है।

इस लेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक/लेखिका के निजी हैं।



Source link