वो 5 बातें, जिनके कारण ‘धोनी’ की बायॉपिक के सामने फीकी पड़ गई क्रिकेट वर्ल्ड कप पर बनी ’83’

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वो 5 बातें, जिनके कारण ‘धोनी’ की बायॉपिक के सामने फीकी पड़ गई क्रिकेट वर्ल्ड कप पर बनी ’83’

कहा जाता है कि इंडिया में केवल तीन ‘सी’ चलते हैं और वो हैं क्रिकेट, सिनेमा और क्राइम। शायद इसीलिए बॉलिवुड में भी हमेशा इसी मसाले का इस्तेमाल बॉक्स ऑफिस पर कमाई करने के लिए किया जाता रहा है। बॉलिवुड में क्रिकेट पर कई फिल्में बनीं हैं और उन्होंने खूब बिजनस भी किया है। हालांकि हालिया रिलीज फिल्म ’83’ ने कमाई के मामले में इसके मेकर्स को बुरी तरह निराश किया है। ’83’ ने अपने दूसरे हफ्ते बाद केवल 72 करोड़ रुपये के आसपास कुल कमाई की है।

रणवीर सिंह स्टारर और कबीर खान के डायरेक्शन में बनी ’83’ साल 1983 में कपिल देव की अगुआई में क्रिकेट वर्ल्ड कप जीतने की घटना पर बनी है। फिल्म के काफी उम्मीदें थीं लेकिन यह बॉक्स ऑफिस पर औंधे मुंह गिरी है। दूसरी तरफ क्रिकेट वर्ल्ड कप जीतने वाली दूसरे कैप्टन एमएस धोनी की बायॉपिक सुशांत सिंह राजपूत स्टारर ‘एमएस धोनी: द अन्टोल्ड स्टोरी’ को न केवल बॉक्स ऑफिस पर सफलता भी मिली थी बल्कि ऑडियंस का भरपूर प्यार भी मिला था। आइए, जानते हैं कि आखिर ऐसे कौन से कारण रहे जिनके कारण धोनी की बायॉपिक के आगे फेल हो गई ’83’।

1. एमएस धोनी पर बनी फिल्म एक बायॉपिक थी जिसमें उनका किरदार सुशांत सिंह राजपूत ने निभाया था। फिल्म ’83’ की बात करें तो यह एक पुरानी घटना पर बनी फिल्म है। इस घटना में बहुत सारे किरदारों और उनकी पर्सनल लाइफ को समेटना था। शायद इसके कारण फिल्म का फोकस भटक गया और वह खिचड़ी बन गई। दूसरी तरफ धोनी की बायॉपिक की बात करें तो उसमें केवल धोनी की जिंदगी और पर्सनैलिटी पर ही फोकस करना था।

2. आजकल थिएटर में जाकर फिल्म देखने वाली ज्यादातर ऑडियंस साल 1983 के बाद ही पैदा हुई है। इस पीढ़ी ने 1983 का वर्ल्ड कप टीवी पर नहीं देखा था। काफी लोग तो उस टीम के खिलाड़ियों को भी नहीं जानते। दूसरी तरफ इसी ऑडियंस ने धोनी की टीम को अपनी आंखों के सामने वर्ल्ड कप जीतते हुए देखा। शायद यह पीढ़ी खुद को 1983 की टीम से ठीक से रिलेट नहीं कर सकी और इसीलिए फिल्म में इतनी दिलचस्पी नहीं दिखाई। मीडिया कवरेज देखा जाए तो पुराने समय के मुकाबले यानी कपिल के मुकाबले धोनी को कई गुना ज्यादा कवरेज मिला है।

3. आजकल की ऑडियंस जितनी बॉलिवुड फिल्में देखती है, उतना ही उसका रुझान हॉलिवुड और साउथ की फिल्मों की तरफ भी रहता है। जब ’83’ रिलीज हुई तो उस समय सिनेमाघरों में हॉलिवुड फिल्म ‘स्पाइडर मैन: नो वे होम’ और अल्लू अर्जुन की फिल्म ‘पुष्पा’ भी चल रही थीं। इन दोनों ही फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर रेकॉर्ड तोड़ कमाई की है। इनकी कमाई का सीधा असर भी ’83’ के बिजनस पर सीधे तौर से पड़ा है।

4. साल 2020 में कोरोना वायरस के आने के बाद ऑडियंस का एक बड़ा वर्ग ओटीटी पर सिनेमा देखना पसंद करने लगा है। 83 को ओटीटी पर रिलीज नहीं किया गया लेकिन पिछले डेढ़ साल में काफी फिल्म ऑनलाइन रिलीज की गई थीं। इसके अलावा हाल में कोरोना वायरस का नया वैरियंट ‘ओमिक्रोन’ ने भी दस्तक दे दी है। ऐसे में ऑडियंस का एक वर्ग सिनेमाघरों में फिल्म देखकर रिस्क लेने के बजाय फिल्म के ओटीटी रिलीज का इंतजार कर रहा होगा।

5. ‘एसएस धोनी: द अन्टोल्ड स्टोरी’ और ’83’ दोनों फिल्मों के बजट में जमीन-आसमान का अंतर है। धोनी की बायॉपिक केवल 104 करोड़ रुपये के बजट में बनी थी। इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर लगभग 250 करोड़ रुपये के आसपास का बिजनस किया था जो लागत के दोगुने से ज्यादा था। दूसरी तरफ ’83’ की बात करें तो इसका बजट ही 270 करोड़ रुपये का था। ऐसे में फिल्म को लागत निकालने के लिए कई गुना कमाई चाहिए जो यह बिल्कुल नहीं कर सकी।



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