वेस्ट यूपी में सतह पर आई सपा के मुस्लिम नेताओं की लड़ाई, इमरान मसूद और आशु मलिक आमने-सामने

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वेस्ट यूपी में सतह पर आई सपा के मुस्लिम नेताओं की लड़ाई, इमरान मसूद और आशु मलिक आमने-सामने

वेस्ट यूपी में सतह पर आई सपा के मुस्लिम नेताओं की लड़ाई, इमरान मसूद और आशु मलिक आमने-सामने

लखनऊ: समाजवादी पार्टी में आंतरिक लड़ाई थमने का नाम नहीं ले रही है। अब वेस्ट यूपी में पार्टी के मुस्लिम नेताओं की लड़ाई सतह पर आ गई है। सहारनपुर में जिला पंचायत सदस्य के उपचुनाव में इमरान मसूद और आशु मलिक आमने-सामने हैं। दोनों ने अपने-अपने प्रत्याशी उतारे हैं। इमरान आरोप लगा रहे हैं कि उनको बेइज्जत करने व बर्बाद करने की साजिश रची जा रही है। फिलहाल इस स्थानीय चुनाव के बहाने टकरा रही महत्वाकांक्षाओं की गूंज लखनऊ तक है।

सहारनपुर में जिला पंचायत के वॉर्ड नंबर-43 के सदस्य पद का उपचुनाव हो रहा है। यहां से अवनीश त्यागी उर्फ ‘बिट्टू’ का प्रचार सपा के सहारनपुर ग्रामीण से विधायक आशु मलिक कर रहे हैं। प्रचार पोस्ट में साफ तौर पर अवनीश को सपा-रालोद गठबंधन का अधिकृत प्रत्याशी लिखा गया है। वहीं, इमरान मसूद ने आशा लता को प्रत्याशी बनाया है। सार्वजनिक मंच से इमरान ने दर्द भी जाहिर किया। कहा कि पर्चा भरवाया तो लखनऊ से परवाना आ गया कि ये अधिकृत प्रत्याशी नहीं हैं।

सपा में हाशिए पर हैं इमरान
2014 के लोकसभा चुनाव में ‘बोटी-बोटी’ बयान से चर्चा में आए इमरान मसूद 2022 के विधानसभा चुनाव के ठीक पहले कांग्रेस से सपा में आए थे। जबकि, कांग्रेस ने उन्हें राष्ट्रीय सचिव एवं दिल्ली के प्रभारी का अहम ओहदा भी दे रखा था। टिकट के आश्वासन पर साइकल पर सवार हुए इमरान न खुद को टिकट दिला पाए और न ही अपने समर्थकों को। इस दौरान भी उन्होंने सार्वजनिक तौर पर अपना असंतोष जाहिर किया था लेकिन सपा मुखिया अखिलेश यादव से मुलाकात के बाद संतुष्ट हो गए।

विधानसभा चुनाव के बाद उनको एमएलसी बनाए जाने की भी चर्चा थी, लेकिन सहारनपुर से आजम खां के करीबी सरफराज खान एमएलसी बन गए। फिलहाल इमरान सपा में अपने अस्तित्व के लिए जूझ रहे हैं। सोमवार को चुनाव प्रचार के दौरान एक नुक्कड़ सभा में उन्होंने खुद ही कहा कि ‘अखिलेश जी ने कहा चुनाव मत लड़ो, मैं नहीं लड़ा।…मुझसे कितनी कुर्बानी चाहिए।..आशु मलिक के लिए क्या नहीं किया, वह कह रहे थे कि मैं चुनाव हराना चाहता था। मुझे खत्म करने की साजिश की जा रही है, बेइज्जत किया जा रहा है। ..जबकि, लखनऊ में बैठकर जो फरमान जारी कर रहे हैं, उनसे हमारी लड़ाई नहीं है।’ इमरान सपा के स्थानीय विधायक व नेताओं पर मुस्लिमों की लड़ाई न लड़ने का भी आरोप लगा रहे हैं।

इसलिए छिड़ी है ‘जंग’
सूत्रों का कहना है कि दअरसल सहारनपुर सहित वेस्ट यूपी के अहम जिलों में पार्टी के अल्पसंख्यक चेहरों में फिलहाल वर्चस्व की लड़ाई चल रही है। रामपुर में आजम नाराज हुए तो राज्यसभा से लेकर विधान परिषद तक में टिकट दिला लिया। लेकिन, मुस्लिमों में अच्छी पैठ रखने के बाद भी इमरान खाली हाथ हैं। दूसरी ओर अखिलेश के करीबी कहे जाने वाले जिले के दूसरे मुस्लिम नेता भी इमरान को लेकर असहज हैं, क्योंकि इमरान का विस्तार उनके लिए भी चुनौती है।

अल्पसंख्यक वोटों को जोड़े रखने के साथ ही ‘सॉफ्ट हिंदुत्व’ की सियासत के चलते सपा नेतृत्व भी इमरान को लेकर असमंजस में है। इसके चलते नीचे से ऊपर तक पार्टी के भीतर ‘जंग’ छिड़ी हुई है। हालांकि, सार्वजनिक मंचों पर मोर्चा खोल रहे इमरान का व्यक्तिगत बातचीत में कहना है कि ये मामूली मसले हैं और उन्होंने नेतृत्व की मर्जी से उम्मीदवार उतारा है।

सहारनपुर देहात के सपा विधायक आशु मलिक ने कहा कि जो भी आरोप लग रहे हैं उनकी ओर से लग रहे हैं। मैं पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी का प्रचार कर रहा हूं। अवसरवादी लोग हैं उनके मन में कुछ चल रहा होगा, इसलिए, मेरी विधानसभा में विवाद पैदा करने व गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। मैं इस विवाद को तूल नहीं देना चाहता हूं। वहीं, सपा नेता इमरान मसूद ने कहा कि स्थानीय स्तर के मसले हैं, सुलझा लिए जाएंगे। कोई बड़ा विवाद नहीं है। मैनें राष्ट्रीय अध्यक्ष को बताकर प्रत्याशी उतारा है।

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