विशेषज्ञ बोले – एक दशक में औसत आबादी वृध्दि दर 42 प्रतिशत रही, मेट्रोपॉलिटिन रीजन नहीं बना तो 2035 में इंदौर की आबादी होगी 60 लाख पार | population increase rate is 42 persent in a decade, if continue | Patrika News
यह बातें भारत सरकार व यूरोपीयन संघ के बीच महानगरों के सतत विकास को ले कर हुए समझौते के तहत आइडीए के सहयोग से हो रही कार्यशाला में सामने आई। शुभारंभ बीसीसी में सांसद शंकर लालवानी, आइडीए अध्यक्ष जयपाल सिंह चावड़ा व महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने किया। इस मौके पर संघ के प्रतिनिधिमंडल की काउंसलर कामिला क्रिस्टेन्सन राइ वर्चुअली शामिल हुई। रूपरेखा संघ के विशेषज्ञ पेड्रो आरटिज ने रखी। कार्यक्रम में इंदौर के मेट्रोपॉलिटन विकास को ले कर सभी ने अपनी बात रखते हुए कहा, कार्यशाला से जो सुझाव मिलेंगे वह भविष्य की नीति तय करने में मददगार होंगे।
यह बोले जनप्रतिनिधि
महापौर भार्गव ने कहा, इस दिशा में सोचने के लिए यह समय उपयुक्त है। इंदौर के सामने विस्तारित क्षेत्र को विकसित करना बडी चुनौती है। इसमें शहर से लगा बड़ा ग्रामीण इलाका है। उसके बारे में भी सोचना होगा। आइडीए अध्यक्ष सिंह ने कहा, मेट्रो रीजन बनने से समग्र विकास होगा। सबसे बड़ी बात माइग्रेशन रूकने से संसाधनों पर दबाव कम होगा। सांसद लालवानी ने कहा, इंदौर ने इस दिशा में काम करना शुरू कर दिया है। नए मास्टर प्लान के साथ एक विजन भी दे रहे हैं। टीएनसीपी के संयुक्त संचालक एसके मुदगल और आइडीए सीईओ रामप्रकाश अहिरवार ने भविष्य की योजनाओं पर विस्तार से चर्चा की। कार्यशाला में शहर के आर्किटेक्ट, पूर्व प्लानर व बुध्दिजीवी हिस्सा ले रहे हैं। सभी लोग मेट्रोपॉलिटिन विकास के प्रमुख विषय परिवहन, पर्यावरण, हाउसिंग, उत्पादक गतिविधियां और सामाजिक सुविधाओं पर समूह बना कर कार्ययोजनाएं तैयार करेंगे।
एरिया दुगना करने से अर्थव्यवस्था 15 फीसदी से बढ़ेगी
विशेषज्ञ पेड्रो आरटिज ने मेट्राे पॉलिटिन विकास के विषयों पर चर्चा की। उन्होंने बताया, इंदौर की जनसंख्या 25 साल में दुगनी हो गई है। इसी तरह की वृध्दि दर रही तो भविष्य में मुश्किल आएगी। अब समय है, विकास को लोकल से ग्लोबल विजन देने का। इसके लिए दीर्घकालिक सतत विकास की योजनाएं तैयार करना होगी। मेट्रोपॉलिटिन रीजन का विकास करने का तात्पर्य सिर्फ क्षेत्र बढ़ाने से नहीं है। एरिया दुगना करने पर अर्थव्यवस्था में 15 फीसदी का इजाफा होता है। इस कवायद से परिवहन, इन्वायरमेंट, उत्पादक गतिविधियों की बड़ी प्लानिंग होती है।
वर्तमान में इंदौर-महू-पीथमपुर महानगरीय क्षेत्र
संयुक्त संचालक मुदगल ने इंदौर के मास्टर प्लान और विकास को ले कर विस्तृत प्रस्तुतिकरण दिया। उन्होंने बताया, वर्तमान में इंदज्ञैर, महू व पीथमपुर को महानगरीय क्षेत्र बनाया है। इसके विस्तार को ले कर काम चल रहा है। इस दिशा में काम करते हुए इंदौर, देवास व धार के निवेश क्षेत्र की सीमाओं को मिला दिया है। वर्तमान में महानगर एरिया 1540 वर्ग किमी का है। यदि इसमें उज्जैन को शामिल करेंगे तो यह 6 हजार से ज्यादा हो जाएगा। इसके लिए काउंटर मेग्नेट एरिया प्लान भी प्रस्तावित किया है, जिससे उपनगरीय विकास होगा।
यह बातें भारत सरकार व यूरोपीयन संघ के बीच महानगरों के सतत विकास को ले कर हुए समझौते के तहत आइडीए के सहयोग से हो रही कार्यशाला में सामने आई। शुभारंभ बीसीसी में सांसद शंकर लालवानी, आइडीए अध्यक्ष जयपाल सिंह चावड़ा व महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने किया। इस मौके पर संघ के प्रतिनिधिमंडल की काउंसलर कामिला क्रिस्टेन्सन राइ वर्चुअली शामिल हुई। रूपरेखा संघ के विशेषज्ञ पेड्रो आरटिज ने रखी। कार्यक्रम में इंदौर के मेट्रोपॉलिटन विकास को ले कर सभी ने अपनी बात रखते हुए कहा, कार्यशाला से जो सुझाव मिलेंगे वह भविष्य की नीति तय करने में मददगार होंगे।
यह बोले जनप्रतिनिधि
महापौर भार्गव ने कहा, इस दिशा में सोचने के लिए यह समय उपयुक्त है। इंदौर के सामने विस्तारित क्षेत्र को विकसित करना बडी चुनौती है। इसमें शहर से लगा बड़ा ग्रामीण इलाका है। उसके बारे में भी सोचना होगा। आइडीए अध्यक्ष सिंह ने कहा, मेट्रो रीजन बनने से समग्र विकास होगा। सबसे बड़ी बात माइग्रेशन रूकने से संसाधनों पर दबाव कम होगा। सांसद लालवानी ने कहा, इंदौर ने इस दिशा में काम करना शुरू कर दिया है। नए मास्टर प्लान के साथ एक विजन भी दे रहे हैं। टीएनसीपी के संयुक्त संचालक एसके मुदगल और आइडीए सीईओ रामप्रकाश अहिरवार ने भविष्य की योजनाओं पर विस्तार से चर्चा की। कार्यशाला में शहर के आर्किटेक्ट, पूर्व प्लानर व बुध्दिजीवी हिस्सा ले रहे हैं। सभी लोग मेट्रोपॉलिटिन विकास के प्रमुख विषय परिवहन, पर्यावरण, हाउसिंग, उत्पादक गतिविधियां और सामाजिक सुविधाओं पर समूह बना कर कार्ययोजनाएं तैयार करेंगे।
एरिया दुगना करने से अर्थव्यवस्था 15 फीसदी से बढ़ेगी
विशेषज्ञ पेड्रो आरटिज ने मेट्राे पॉलिटिन विकास के विषयों पर चर्चा की। उन्होंने बताया, इंदौर की जनसंख्या 25 साल में दुगनी हो गई है। इसी तरह की वृध्दि दर रही तो भविष्य में मुश्किल आएगी। अब समय है, विकास को लोकल से ग्लोबल विजन देने का। इसके लिए दीर्घकालिक सतत विकास की योजनाएं तैयार करना होगी। मेट्रोपॉलिटिन रीजन का विकास करने का तात्पर्य सिर्फ क्षेत्र बढ़ाने से नहीं है। एरिया दुगना करने पर अर्थव्यवस्था में 15 फीसदी का इजाफा होता है। इस कवायद से परिवहन, इन्वायरमेंट, उत्पादक गतिविधियों की बड़ी प्लानिंग होती है।
वर्तमान में इंदौर-महू-पीथमपुर महानगरीय क्षेत्र
संयुक्त संचालक मुदगल ने इंदौर के मास्टर प्लान और विकास को ले कर विस्तृत प्रस्तुतिकरण दिया। उन्होंने बताया, वर्तमान में इंदज्ञैर, महू व पीथमपुर को महानगरीय क्षेत्र बनाया है। इसके विस्तार को ले कर काम चल रहा है। इस दिशा में काम करते हुए इंदौर, देवास व धार के निवेश क्षेत्र की सीमाओं को मिला दिया है। वर्तमान में महानगर एरिया 1540 वर्ग किमी का है। यदि इसमें उज्जैन को शामिल करेंगे तो यह 6 हजार से ज्यादा हो जाएगा। इसके लिए काउंटर मेग्नेट एरिया प्लान भी प्रस्तावित किया है, जिससे उपनगरीय विकास होगा।