विदेशी सर्वर पर चलते हैं ज्यादातर लोन ऐप | loan apps run on foreign servers | Patrika News
क्राइम ब्रांच में इस साल लोन ऐप को लेकर 400-500 शिकायतें आ चुकी हैं लेकिन इनके संचालकों तक पुलिस नहीं पहुंच पाई है। कई ऐप तो आरबीआइ में भी रजिस्टर्ड नहीं है जिसके कारण इन पर कार्रवाई नहीं हो पाती है। बाणगंगा के मामले में भी प्राथमिक जांच में संबंधित ऐप का आरबीआइ से रजिस्ट्रेशन नहीं मिला है।
ये ऐप इस तरह करते हैं काम- यूजर जब लोन ऐप डाउनलोड करते हैं तो वे फोटो, कॉलिंग, कांटेक्ट को एक्सेस करने की अनुमति दे देते हैं। – सभी शर्तें पढे बिना अनुमति दे देने से यूजर और उसके फोन की जानकारी एप्लीकेशन के सर्वर पर अपलोड हो जाती हैै।
– लोन ऐप्लीकेशन वाले मोबाइल नंबर व अकाउंट नंबर के जरिए काम करते हैं। सिर्फ पैन कार्ड पर लोन दिया जाता है। – कुछ मिनट में पांच हजार का लोन देते हैं। तय समय में जमा किया तो करीब 6 हजार रुपए लिया जाता है। हर कंपनी की अलग-अलग पॉलिसी होती है। कई कंपनियां तगड़ी पेनल्टी लगाती है और नहीं भरने पर लोन वाले के साथ ही उसके परिचित-रिश्तेदारों को धमकाती भी हैं।
– लोन नहींं जमा करने की स्थिति में ऐप्लीकेशन कांटेक्ट लिस्ट के लोगोंं को कम्प्यूटर जनित मैसेज भेजकर परेशान करता है। कई बार इनकी भाषा बेहद आपत्तिजनक होती है। – दोस्त-रिश्तेदार को मैसेज जाता है तो लोग बदनामी से बचने के लिए मुंहमांगी रकम लौटाते हैं।
इस तरह रखें सावधानी – क्राइम ब्रांच ने ठगी की शिकायतों के आधार पर कई ऐप्लीकेशन को ब्लैक लिस्टेड किया है। साथ ही लोगों को सचेत किया है कि वे लोन ऐप्लीकेशन को मोबाइल में डाउनलोड न करें।
– कम ब्याज दर पर लोन देने की सूचना पर बिना जांच किए भरोसा ना करें, अधिकृत बैंक-संस्था आदि से व्यक्तिगत रूप से संपर्क कर लोन लें। – लोन के लिए किसी भी अज्ञात व्यक्ति को ऑनलाइन अपने निजी दस्तावेज सांझा ना करें।
– कोई फ्रॉड हो तो साइबर सेल के नंबर 7049124445 पर शिकायत करें। इन लोन ऐप से रहें सावधान क्राइम ब्रांच ने शिकायतों के आधार पर लोन ऐप की सूची जारी की है। पुलिस ने लोगों को सचेत किया है कि वे इनसे सावधान रहें। इनमें से कुछ मुख्य हैं-
– स्टोर लोन ऐप, मेट्रो फाइनेंस, इजी क्रेडिट, मनी ट्री, रुपी स्मार्ट, फ्लैश रूपी, कैश पार्क, लाइव कैश, सन कैश, इनकम, यूनिट कैश, ब्राइट कैश, मैजिक मनी, सनी ऐप, रॉयल कैश, शार्प कॉम, मार्वल ऐप, मोबीक्विक ऐप, वाइस लोन ऐप, कैश फिश ऐप, लोन लोन ऐप, रुपिज बज, एक्सप्रेस लोन, लोन ड्रीम सहित करीब 100 ऐप हैं।
अमरीका, यूरोपियन देश व चीन में है कई ऐप के सर्वर पुलिस के पास प्रतिदिन लोन ऐप के जरिए फ्रॉड या परेशान करने की 2-3 शिकायतें आती हैं। शिकायतों की जांच में पता चला कि कुछ ऐप दिल्ली, झारखंड से चल रहे हैं तो कुछ के सर्वर अमरीका, यूरोप के देश और चीन में हैं। शिकायतों के आधार पर कई ऐप को लेकर लोगों सचेत किया है।
गुरुप्रसाद पाराशर, एडिशनल डीसीपी। विदेशी सर्वर के कारण जांच में देरी लोन ऐप की ठगी की समस्या को देखते हुए क्राइम ब्रांच जांच कर रही है। कई ऐप के सर्वर विदेश में हैं, इससे वहां से जानकारी मिलने में देरी होती हैै जिसके कारण दिक्कत आती है। बाणगंगा आत्महत्या के मामले में विदेशी सर्वर पर ऐप संचालित होने की आशंका सामने आ रही है जिसके कारण अभी तक जानकारी नहींं मिली है। ऐप को बंद कराने का भी प्रयास कर रहे हैं।
हरिनारायणाचारी मिश्र, पुलिस कमिश्नर।
क्राइम ब्रांच में इस साल लोन ऐप को लेकर 400-500 शिकायतें आ चुकी हैं लेकिन इनके संचालकों तक पुलिस नहीं पहुंच पाई है। कई ऐप तो आरबीआइ में भी रजिस्टर्ड नहीं है जिसके कारण इन पर कार्रवाई नहीं हो पाती है। बाणगंगा के मामले में भी प्राथमिक जांच में संबंधित ऐप का आरबीआइ से रजिस्ट्रेशन नहीं मिला है।
ये ऐप इस तरह करते हैं काम- यूजर जब लोन ऐप डाउनलोड करते हैं तो वे फोटो, कॉलिंग, कांटेक्ट को एक्सेस करने की अनुमति दे देते हैं। – सभी शर्तें पढे बिना अनुमति दे देने से यूजर और उसके फोन की जानकारी एप्लीकेशन के सर्वर पर अपलोड हो जाती हैै।
– लोन ऐप्लीकेशन वाले मोबाइल नंबर व अकाउंट नंबर के जरिए काम करते हैं। सिर्फ पैन कार्ड पर लोन दिया जाता है। – कुछ मिनट में पांच हजार का लोन देते हैं। तय समय में जमा किया तो करीब 6 हजार रुपए लिया जाता है। हर कंपनी की अलग-अलग पॉलिसी होती है। कई कंपनियां तगड़ी पेनल्टी लगाती है और नहीं भरने पर लोन वाले के साथ ही उसके परिचित-रिश्तेदारों को धमकाती भी हैं।
– लोन नहींं जमा करने की स्थिति में ऐप्लीकेशन कांटेक्ट लिस्ट के लोगोंं को कम्प्यूटर जनित मैसेज भेजकर परेशान करता है। कई बार इनकी भाषा बेहद आपत्तिजनक होती है। – दोस्त-रिश्तेदार को मैसेज जाता है तो लोग बदनामी से बचने के लिए मुंहमांगी रकम लौटाते हैं।
इस तरह रखें सावधानी – क्राइम ब्रांच ने ठगी की शिकायतों के आधार पर कई ऐप्लीकेशन को ब्लैक लिस्टेड किया है। साथ ही लोगों को सचेत किया है कि वे लोन ऐप्लीकेशन को मोबाइल में डाउनलोड न करें।
– कम ब्याज दर पर लोन देने की सूचना पर बिना जांच किए भरोसा ना करें, अधिकृत बैंक-संस्था आदि से व्यक्तिगत रूप से संपर्क कर लोन लें। – लोन के लिए किसी भी अज्ञात व्यक्ति को ऑनलाइन अपने निजी दस्तावेज सांझा ना करें।
– कोई फ्रॉड हो तो साइबर सेल के नंबर 7049124445 पर शिकायत करें। इन लोन ऐप से रहें सावधान क्राइम ब्रांच ने शिकायतों के आधार पर लोन ऐप की सूची जारी की है। पुलिस ने लोगों को सचेत किया है कि वे इनसे सावधान रहें। इनमें से कुछ मुख्य हैं-
– स्टोर लोन ऐप, मेट्रो फाइनेंस, इजी क्रेडिट, मनी ट्री, रुपी स्मार्ट, फ्लैश रूपी, कैश पार्क, लाइव कैश, सन कैश, इनकम, यूनिट कैश, ब्राइट कैश, मैजिक मनी, सनी ऐप, रॉयल कैश, शार्प कॉम, मार्वल ऐप, मोबीक्विक ऐप, वाइस लोन ऐप, कैश फिश ऐप, लोन लोन ऐप, रुपिज बज, एक्सप्रेस लोन, लोन ड्रीम सहित करीब 100 ऐप हैं।
अमरीका, यूरोपियन देश व चीन में है कई ऐप के सर्वर पुलिस के पास प्रतिदिन लोन ऐप के जरिए फ्रॉड या परेशान करने की 2-3 शिकायतें आती हैं। शिकायतों की जांच में पता चला कि कुछ ऐप दिल्ली, झारखंड से चल रहे हैं तो कुछ के सर्वर अमरीका, यूरोप के देश और चीन में हैं। शिकायतों के आधार पर कई ऐप को लेकर लोगों सचेत किया है।
गुरुप्रसाद पाराशर, एडिशनल डीसीपी। विदेशी सर्वर के कारण जांच में देरी लोन ऐप की ठगी की समस्या को देखते हुए क्राइम ब्रांच जांच कर रही है। कई ऐप के सर्वर विदेश में हैं, इससे वहां से जानकारी मिलने में देरी होती हैै जिसके कारण दिक्कत आती है। बाणगंगा आत्महत्या के मामले में विदेशी सर्वर पर ऐप संचालित होने की आशंका सामने आ रही है जिसके कारण अभी तक जानकारी नहींं मिली है। ऐप को बंद कराने का भी प्रयास कर रहे हैं।
हरिनारायणाचारी मिश्र, पुलिस कमिश्नर।