‘विक्रम वेधा’, ‘लाल सिंह चड्ढा’ बनी लाल झंडी, क्या अब थम जाएगा रीमेक फिल्मों का सिलसिला?

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‘विक्रम वेधा’, ‘लाल सिंह चड्ढा’ बनी लाल झंडी, क्या अब थम जाएगा रीमेक फिल्मों का सिलसिला?

‘विक्रम वेधा’, ‘लाल सिंह चड्ढा’ बनी लाल झंडी, क्या अब थम जाएगा रीमेक फिल्मों का सिलसिला?

पिछले कुछ अरसे में बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाईं रीमेक फिल्मों ‘विक्रम वेधा’, ‘लाल सिंह चड्ढा’, ‘जर्सी’ और ‘बच्चन पांडे’ का हश्र देखकर आने वाले दिनों में रीमेक फिल्मों का ट्रेंड कम होने की उम्मीद लगाई जा रही है। पेश है एक रिपोर्ट-

बॉलीवुड और रीमेक का काफी पुराना नाता
बॉलीवुड और रीमेक का काफी पुराना नाता है। फिर चाहे वह सलमान खान से लेकर अजय देवगन और अक्षय कुमार तक सुपर सितारे हों या फिर फिर दूसरे स्टार्स। बॉलिवुडवाले साउथ और विदेशी फिल्मों की हमेशा से ढेरों रीमेक बनाते रहे हैं, लेकिन कोरोना के बाद से रीमेक फिल्मों को दर्शक इतना पसंद नहीं कर रहे हैं। यही वजह है कि साउथ से लेकर हॉलीवुड तक की रीमेक फिल्में बॉक्स ऑफिस पर धड़ाम हो रही हैं। फिर चाहे इनमें रितिक रोशन की हालिया रिलीज ‘विक्रम वेधा’ (तमिल फिल्म की रीमेक) हो, पिछले दिनों आई आमिर खान की फिल्म ‘लाल सिंह चड्ढा’ (हॉलिवुड फिल्म की रीमेक) हो, शाहिद कपूर की ‘जर्सी’ (तेलुगू फिल्म की रीमेक) हो या फिर अक्षय कुमार की ‘बच्चन पांडे'(तमिल फिल्म की रीमेक)।

बड़े स्टार्स के बावजूद दर्शकों ने सिरे से नकार दिया
इन सभी फिल्मों को बड़े स्टार्स के बावजूद दर्शकों ने सिरे से नकार दिया। इसकी वजह इन फिल्मों की ओरिजिनल फिल्म रीमेक फिल्म की रिलीज से पहले ही हिंदी में दर्शकों को उपलब्ध होना बताई जा रही है। यही वजह रही कि इनकी ओरिजिनल फिल्मों को दर्शक पहले ही देख चुके थे। आने वाले दिनों में कई और रीमेक फिल्में रिलीज होने वाली हैं। इनमें अजय देवगन की ‘दृश्यम 2’ व भोला और कार्तिक आर्यन की ‘शहजादा’ शामिल हैं। हालांकि, इनमें से ‘दृश्यम 2’ और ‘शहजादा’ दर्शकों के लिए हिंदी में उपलब्ध नहीं हैं। लेकिन भोला की ओरिजिनल फिल्म ‘कैथी’ हिंदी में ओटीटी पर उपलब्ध है।

कम हुआ है रीमेक फिल्मों का क्रेज

इस बारे में गिरीश जौहर, प्रड्यूसर और फिल्म बिजनेस एनालिस्ट कहते हैं, ‘यह सच है कि अब हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में रीमेक फिल्मों का क्रेज कम हुआ है। बॉलीवुड की रीमेक फिल्मों का बजट काफी ज्यादा हो जाता है, जिससे कि उन्हें हिट होने के संघर्ष करना पड़ता है। जैसा कि रितिक की हालिया रिलीज विक्रम वेधा के साथ हुआ। फिल्म के निर्माताओं की ओर से इसका बजट करीब 200 करोड़ बताया जा रहा है। जबकि ओरिजिनल तमिल विक्रम वेधा का बजट मुश्किल से दहाई में था। हमारे यहां ज्यादातर रीमेक फिल्मों के साथ ऐसा ही हो रहा है। पैन इंडिया फिल्मों के दौर में अब पब्लिक साउथ के स्टार्स को घर घर में जानने लगे हैं। इसके अलावा ओटीटी पर भी हिंदी रीमेक फिल्म की रिलीज से पहले ही दर्शक साउथ की या विदेशी फिल्म को हिंदी में दिखा देते हैं, तो इससे रीमेक की वैल्यू कम हो जाती है। इसके चलते दर्शक रीमेक फिल्म को सिनेमा में देखने जाने से बचते हैं। हालांकि अगर रीमेक होने वाली फिल्म हिंदी में उपलब्ध नहीं है, तो भी एक बार को उसे दर्शक देख सकते हैं।’

निर्माता सोचेंगे रीमेक बनाएं या नहीं
फिल्म ट्रेड एनालिस्ट कोमल नाहटा कहते हैं, ‘रितिक रोशन की फिल्म विक्रम वेधा का ट्रेलर लोगों को पसंद आया था, तो फिल्म ट्रेड में चर्चा थी कि फिल्म की ओपनिंग कम से कम 18 से 20 करोड़ की होगी। लेकिन जब फिल्म ने पहले दिन महज 9.5 करोड़ ही कमाए, तो सब हैरान थे। ऐसा शायद इसलिए हुआ, क्योंकि विक्रम वेधा तमिल फिल्म का रीमेक है, जिसका नाम भी विक्रम वेधा ही था। जो लोग तमिल, तेलुगु फिल्में नहीं देखते हैं, उन्हें भी पता था कि इस नाम की फिल्म आई थी। आजकल ओटीटी प्लैटफॉर्म्स, सेटेलाइट चैनल्स पर और यूट्यूब पर तमाम कॉन्टेंट मौजूद है। ओटीटी प्लैटफॉर्म्स पर फिल्म का कॉन्टेंट अलग-अलग भाषाओं में सब टाइटल्स और डबिंग के साथ मौजूद है। ऐसे में वह कॉन्टेंट बहुत से लोग देख चुके थे। इसलिए जब कोई साउथ की रीमेक बनती है, तो पहले ही उसकी इतनी चर्चा होने लगती है कि जिन लोगों को नहीं पता होता वे भी साउथ में बनी फिल्म के डब वर्जन को ऑनलाइन देख लेते हैं। इसलिए उस पर रिलीज होने वाली हिंदी फिल्म की ओपनिंग कमजोर पड़ जाती है। ऐसे में, अब बॉलिवुड के प्रड्यूसर्स कई बार सोचेंगे कि हमें रीमेक बनानी चाहिए या नहीं।’