वापस लौटने लगे किसान, अभी गाजीपुर बॉर्डर नहीं छोड़ेंगे राकेश टिकैत, बताई इसकी वजह
किसान आंदोलन की समाप्ति की घोषणा करने और 11 दिसंबर को प्रदर्शन स्थल को औपचारिक रूप से खाली करने के बाद प्रदर्शनकारी किसान अब गाजीपुर बॉर्डर समेत सभी प्रदर्शन स्थल खाली करके वापस लौटने लगे हैं, लेकिन गाजीपुर बॉर्डर पर आंदोलन की अगुवाई कर रहे भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत अभी लौटने के मूड़ में नहीं हैं।
राकेश टिकैत ने शनिवार को बताया कि आज से किसान अपने-अपने घर जा रहे हैं, लेकिन हम 15 दिसंबर को घर जाएंगे क्योंकि देश में हजारों धरने चल रहे हैं, हम पहले उन्हें समाप्त करवाएंगे और उन्हें घर वापस भेजेंगे। उन्होंने कहा कि किसानों का एक बड़ा समूह रविवार सुबह 8 बजे क्षेत्र खाली कर देगा। आज की बैठक में हम बात करेंगे, प्रार्थना करेंगे और उन लोगों से मिलेंगे जिन्होंने हमारी मदद की। लोगों ने प्रदर्शन स्थल खाली करने भी शुरू कर दिए हैं, इसमें 4-5 दिन लगेंगे। मैं 15 दिसंबर को निकलूंगा।
A large group of farmers shall vacate the area at 8 AM tomorrow. In today’s meeting, we’ll talk, pray, & meet the people who helped us. People have started vacating already, it’ll take 4-5 days. I will leave on 15th December: BKU leader Rakesh Tikait at Ghazipur Border pic.twitter.com/FG4Zhz4S9e
— ANI UP (@ANINewsUP) December 11, 2021
राकेश टिकैत ने कल एक बयान में कहा कि आंदोलन को सफल बनाने में डॉक्टरों, अस्पतालों, खाप पंचायतों, सफाई कर्मियों, गुरुद्वारा समिति और अन्य गुरुधामों ने अहम भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि आंदोलन सफल हुआ क्योंकि गुरु साहिब की कृपा थी। यहां तक कि तीनों कानूनों को वापस लेने की घोषण भी गुरुपरब को हुई। किसान आंदोलन ने भाईचारे को और मजबूत किया है।
गौरतलब है कि पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के हजारों किसान पिछले साल 26 नवंबर से राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं पर तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। किसानों की मुख्य मांगों में से एक कानूनों को निरस्त करने के लिए 29 नवंबर को संसद में एक विधेयक पारित किया गया था। हालांकि, किसानों ने यह मांग करते हुए अपना विरोध प्रदर्शन समाप्त करने से इनकार कर दिया था कि सरकार उनकी अन्य मांगों को पूरा करे जिसमें न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए कानूनी गारंटी और किसानों के खिलाफ मामलों को वापस लेना शामिल है।
Protesting farmers take down their tents at Ghazipur border (Delhi-UP border) as they prepare to return to their homes following the announcement of the suspension of their year-long protest. pic.twitter.com/mSAWOc2WOz
— ANI UP (@ANINewsUP) December 11, 2021
संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने गुरुवार को आंदोलन स्थगित करने का फैसला किया और घोषणा की कि केंद्र सरकार द्वारा औपचारिक रूप से उनकी मांगों पर विचार करने के लिए सहमत होने के बाद किसान शनिवार को दिल्ली की सीमाओं पर विरोध स्थलों से घर लौटना शुरू करेंगे।
किसान आंदोलन की समाप्ति की घोषणा करने और 11 दिसंबर को प्रदर्शन स्थल को औपचारिक रूप से खाली करने के बाद प्रदर्शनकारी किसान अब गाजीपुर बॉर्डर समेत सभी प्रदर्शन स्थल खाली करके वापस लौटने लगे हैं, लेकिन गाजीपुर बॉर्डर पर आंदोलन की अगुवाई कर रहे भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत अभी लौटने के मूड़ में नहीं हैं।
राकेश टिकैत ने शनिवार को बताया कि आज से किसान अपने-अपने घर जा रहे हैं, लेकिन हम 15 दिसंबर को घर जाएंगे क्योंकि देश में हजारों धरने चल रहे हैं, हम पहले उन्हें समाप्त करवाएंगे और उन्हें घर वापस भेजेंगे। उन्होंने कहा कि किसानों का एक बड़ा समूह रविवार सुबह 8 बजे क्षेत्र खाली कर देगा। आज की बैठक में हम बात करेंगे, प्रार्थना करेंगे और उन लोगों से मिलेंगे जिन्होंने हमारी मदद की। लोगों ने प्रदर्शन स्थल खाली करने भी शुरू कर दिए हैं, इसमें 4-5 दिन लगेंगे। मैं 15 दिसंबर को निकलूंगा।
A large group of farmers shall vacate the area at 8 AM tomorrow. In today’s meeting, we’ll talk, pray, & meet the people who helped us. People have started vacating already, it’ll take 4-5 days. I will leave on 15th December: BKU leader Rakesh Tikait at Ghazipur Border pic.twitter.com/FG4Zhz4S9e
— ANI UP (@ANINewsUP) December 11, 2021
राकेश टिकैत ने कल एक बयान में कहा कि आंदोलन को सफल बनाने में डॉक्टरों, अस्पतालों, खाप पंचायतों, सफाई कर्मियों, गुरुद्वारा समिति और अन्य गुरुधामों ने अहम भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि आंदोलन सफल हुआ क्योंकि गुरु साहिब की कृपा थी। यहां तक कि तीनों कानूनों को वापस लेने की घोषण भी गुरुपरब को हुई। किसान आंदोलन ने भाईचारे को और मजबूत किया है।
गौरतलब है कि पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के हजारों किसान पिछले साल 26 नवंबर से राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं पर तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। किसानों की मुख्य मांगों में से एक कानूनों को निरस्त करने के लिए 29 नवंबर को संसद में एक विधेयक पारित किया गया था। हालांकि, किसानों ने यह मांग करते हुए अपना विरोध प्रदर्शन समाप्त करने से इनकार कर दिया था कि सरकार उनकी अन्य मांगों को पूरा करे जिसमें न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए कानूनी गारंटी और किसानों के खिलाफ मामलों को वापस लेना शामिल है।
Protesting farmers take down their tents at Ghazipur border (Delhi-UP border) as they prepare to return to their homes following the announcement of the suspension of their year-long protest. pic.twitter.com/mSAWOc2WOz
— ANI UP (@ANINewsUP) December 11, 2021
संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने गुरुवार को आंदोलन स्थगित करने का फैसला किया और घोषणा की कि केंद्र सरकार द्वारा औपचारिक रूप से उनकी मांगों पर विचार करने के लिए सहमत होने के बाद किसान शनिवार को दिल्ली की सीमाओं पर विरोध स्थलों से घर लौटना शुरू करेंगे।