वर्जिनिटी टेस्ट के नाम पर दुल्हन को ससुराल से निकाला, और फिर खाप ने ‘पवित्र’ करने के लिए लगा दिया 10 लाख जुर्माना

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वर्जिनिटी टेस्ट के नाम पर दुल्हन को ससुराल से निकाला, और फिर खाप ने ‘पवित्र’ करने के लिए लगा दिया 10 लाख जुर्माना

वर्जिनिटी टेस्ट के नाम पर दुल्हन को ससुराल से निकाला, और फिर खाप ने ‘पवित्र’ करने के लिए लगा दिया 10 लाख जुर्माना

भीलवाड़ा: शादी के बाद (वर्जिनिटी) कौमार्य टेस्ट के नाम पर ससुराल वालों ने दुल्हन को घर से निकाल दिया। इतना ही नहीं, गांव की खाप पंचायत ने लड़की के घरवालों पर 10 लाख का जुर्माना भी लगा दिया। अब जुर्माने की इतनी बड़ी रकम को घर वाले अदा नहीं कर पा रहे हैं, तो उसके घरवालों को प्रताड़ित किया जा रहा है। मामला भीलवाड़ा जिले के बागोर थाना क्षेत्र का है। बागौर थाना इंचार्ज अयूब खान ने इस मामले में जानकारी दी है।

अयूब खान ने बताया कि भीलवाड़ा शहर में रहने वाली एक 24 साल की युवती का विवाह 11 मई 2022 को बागौर में हुआ था। शादी के बाद समाज में प्रचलित कुप्रथा कुकड़ी के तहत उसका वर्जिनिटी टेस्ट किया गया। इस पर उसने ससुरालवालों को बताया कि विवाह से पहले पीहर में उसके पड़ोस में रहने वाले एक युवक ने उसके साथ दुष्कर्म किया था। इसका मामला भी पुलिस थाने में दर्ज कराया गया था। उसके जवाब से उसका ससुराल पक्ष संतुष्ट नहीं हुआ।

शुद्धिकरण के नाम पर दस लाख का जुर्माना
युवती के ससुराल पक्ष की ओर से बागोर थाना क्षेत्र के भादू माता मंदिर में समाज की खाप पंचायत बुलाई गई। पंचायत में लड़की के पीहर पक्ष वालों ने 18 मई को भीलवाड़ा के सुभाषनगर थाने में उसके साथ हुए दुष्कर्म की रिपोर्ट की बात भी बताई। उस समय तो पंचायत में कोई फैसला नहीं सुनाया गया। 31 मई को दोबारा बैठी पंचायत ने पीहर पक्ष पर अनुष्ठान और शुद्धिकरण के नाम पर दस लाख रुपये का जुर्माना लगा दिया।

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पुलिस ने की मामले की तफ्तीश तो मिली जानकारी
खाप पंचायत के इस तुगलकी फरमान के खिलाफ युवती के परिजनों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस उप अधीक्षक ने जांच में मामला सही पाया। इसके बाद भीलवाड़ा जिले की बागोर पुलिस ने अब मामला दर्ज किया है। इस मामले में जांच अधिकारी मांडल के पुलिस उप अधीक्षक सुरेंद्र कुमार ने बताया कि पीड़िता के परिजनों की रिपोर्ट के बाद जांच में इस मंदिर में पंचायत बुलाई गई। वहां के पुजारी समाज के पंच और अन्य लोगों के बयान लिए गए, जिसमें सामने आया कि शादी के बाद रेप पीड़िता कुकड़ी प्रथा में पास नहीं हो पाई थी। इससे चलते उसके परिजनों पर 10 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया। पिछले 5 माह से जुर्माने के रमक को लेकर पीड़िता को प्रताड़ित किया जा रहा था।

पीड़िता के ससुराल पक्ष में पहले एक बेटी ने की आत्महत्या
बता दें कि राजस्थान में आज भी कुछ समाज में व्याप्त कुकडी कुप्रथा के कारण कई बेटियों की जिंदगी खराब हुई है। कई जगह इस कुप्रथा की प्रताड़ना के कारण आत्महत्या के मामले भी सामने आए हैं। इस पहले इस युवती के ससुराल पक्ष में भी इस कुप्रथा से प्रताड़ित होकर एक बेटी ने आत्महत्या कर ली थी।

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जानिए क्या है कुकड़ी प्रथा
कुकडी कुप्रथा के अंतर्गत वर्जिनिटी टेस्ट के लिए शादी के बाद सुहागरात के समय दूल्हा दुल्हन के मिलन के वक्त घरवाले बेड पर सफेद चादर बिछाने के साथ कच्चे सूत की एक गेंद (कुकडी) रख देते हैं। इस कुकड़ी और सफेद चादर पर खून के धब्बे मिलने पर दुल्हन वर्जिनिटी टेस्ट में पास होती है, जिसे परिवार के सदस्य देखते हैं। अगर ऐसा नहीं होता है तो दूल्हा, दुल्हन पर चरित्रहीन होने का आरोप लगा देता है और फिर उसे पीट कर उससे उसके पहले के संबंध के बारे में जानकारी लेकर उससे जुर्माना वसूला जाता है। अभी भी यह प्रथा कालांतर में सामाजिक अपराधों में लिप्त रहे समाजों में व्याप्त है।

रिपोर्ट: प्रमोद तिवारी

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