लोदी कॉलोनी मर्डर: मेरे बेटे को ले गए खींच के… सिसकियां ऐसी कि मां बता भी नहीं पा रही क्या हुआ
खुशियां ढूंढ़ने आए थे मिला गम
एक महीने पहले अशोक अपनी पत्नी भगवती, दो बेटे और एक बेटी के साथ दिल्ली में खुशियों की तलाश में आए थे। पति-पत्नी दोनों मिलकर मजदूरी करने लगे, ताकि दीपावली में बच्चों को नए कपड़े खरीद सकें। लेकिन दो नशेड़ियों ने उनकी जिंदगी उजाड़ दी। भगवती बताती हैं कि धर्मेंद्र उनका सबसे दुलारा बेटा था। वह हमेशा कहता था कि मां मैं बड़ा होकर तुम्हारे सपने पूरा करूंगा। लेकिन अब उनके सपने को कौन पूरा करेगा। यह कहते ही मां फफक पड़ीं।
सच पर पहरा
सीआरपीएफ मुख्यालय की निर्माणाधीन इमारत में अशोक मजदूरी का काम करते थे। इसी मुख्यालय के अंदर सभी मजदूर झुग्गी बनाकर रहते थे। धमेंद्र की मौत के बाद झुग्गी में रहने वाली माएं अपने कलेजे के टुकड़े को सीने से लगा कर रखी हैं। लोगों में डर का माहौल बना हुआ है। यह डर बाहर न आए। इसके लिए वहां मौजूद सीआरपीएफ के जवान, ठेकेदारों का पहरा है। गेट चारों तरफ से बंद है। मासूम की मौत के चलते दर्जनों लोगों के घर चूल्हा नहीं जला।
खून से लथपथ मासूम को सीने से लगाकर रोई मां
भगवती करीब एक घंटे तक बेटे को ढूंढ़ती रही। उन्हें लगा कि वह किसी के वहां फिल्म देख रहा होगा, अपने झुग्गी में चली गईं। कुछ देर होने पर उनका जी घबराने लगा। वह सभी झुग्गी में बेटे की तलाश करने लगीं। उधर, मासूम की लाश को आरोपी लकड़ी के प्लाई से दबाकर नीचे रखे थे, ताकि किसी को पता नहीं चल सके। साथ ही हत्या के बाद आरोपियों ने कपड़े भी बदल लिए, जिससे लोगों को शक न हो। लेकिन मासूम के शव से बहते खून ने राज खोल दिया। बेटे के गले से खून बहता देख मां चिल्लाते हुए बेटे को अपने गोद में उठा लिया। वह जोर-जोर से चिल्ला रही थी। लेकिन धमेंद्र नें आंख नहीं खोली।
एक और बच्चे की बलि करने की थी तैयारी
मृतक के पिता होती लाल ने बताया कि आरोपी बिहार के रहने वाले हैं। वह शराब और गांजे के आदी हैं। नशे में अक्सर झगड़ा भी करते हैं। हत्या के आरोप में पकड़े जाने के बाद आरोपियों ने बताया कि एक और बच्चे की बलि देने की तैयारी थी। भगवान के कहने पर उन्होंने बच्चे को जान से मारा है।