लोकेशन ऑफ, मोबाइल फ्लैट पर… फिर श्रद्धा की लाश के टुकड़े फेंकने निकलता था आफताब
पुलिस को अक्टूबर की एक फुटेज में सुबह 4 बजे आफताब निकलता दिखा। फिर उसके बाद पुलिस ने छतरपुर पहाड़ी और साउथ दिल्ली के अन्य इलाकों की फुटेज भी छानी। इनमें से कई कैमरों की स्टोरेज कैपेसिटी 9 महीने से ज्यादा की थी और वीडियो क्वालिटी भी अच्छी मिली। इनमें से कम से कम तीन CCTVs की फुटेज में आफताब नजर आया है।
लोकेशन ऑफ, मोबाइल छोड़कर जाता था आफताब
दिल्ली पुलिस का कहना है कि पिछले 12 दिनों की जांच में ये तो कन्फर्म हो गया है कि आफताब ने बॉडी पार्ट्स डिस्पोज करने की पूरी प्लानिंग की थी। सूत्रों के अनुसार, आफताब न सिर्फ अपने फोन की लोकेशन ऑफ कर देता था। बल्कि बाहर निकलने से पहले किराए वाले फ्लैट में मोबाइल छोड़कर जाता था। ऐसा इसलिए ताकि कोई इलेक्ट्रॉनिक ट्रेल न छूटे और पुलिस उसे स्पॉट से कनेक्ट न कर सके।
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आफताब के पिता से फिर होंगे सवाल
आफताब ने जान-बूझकर महीनों बाद लाश ठिकाने लगाई। उसे लगा था कि सीसीटीवी फुटेज में नई रिकॉर्डिंग आ जाएगी और पुरानी फुटेज मिट चुकी होगी। पूछताछ के दौरान, आफताब से इंटरनेट सर्च हिस्ट्री को लेकर भी सवाल हुए। महरौली जंगल की खाक छानने के दौरान पुलिस को हड्डियों के टुकड़े मिले हैं जिनका डीएनए एनालिसिस कराया जा रहा है। पुलिस ने आफताब के पिता का बयान भी दर्ज किया है। परिवार के अनुसार, आफताब उनके रेगुलर कॉन्टैक्ट में नहीं रहता था। आफताब के पिता से फिर पूछताछ हो सकती है क्योंकि श्रद्धा की 2020 में लिखी पुलिस कम्प्लेंट सामने आई है। महाराष्ट्र पुलिस को शिकायत में श्रद्धा ने लिखा था कि आफताब के पैरंट्स को पता है कि वह उसे मारता-पीटता है। अपनी शिकायत में श्रद्धा ने कहा था कि आफताब ने उसे कई मौकों पर मारने की कोशिश की।