लाल मौरंग का काला खेल, बांदा में छह माह में 43 करोड़ जुटाएगा खनिज विभाग, जारी है अवैध खनन | illegal mining Mineral department will raise 43 crores Banda 6 months | Patrika News

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लाल मौरंग का काला खेल, बांदा में छह माह में 43 करोड़ जुटाएगा खनिज विभाग, जारी है अवैध खनन | illegal mining Mineral department will raise 43 crores Banda 6 months | Patrika News

illegal mining खनन विभाग ने करीब डेढ़ दर्जन खदानों से 43 करोड़ के राजस्व वसूली का लक्ष्य रखा है। दूसरी तरफ अवैध खनन और ओवरलोड ट्रकों की वजह से प्रदूषण की मार से भी लोग परेशान हैं।

बांदा

Published: April 19, 2022 10:16:12 am

गर्मी की शुरुआत होते ही बांदा में पानी की समस्या पैदा हो गयी है। हर तरफ पानी के लिए त्राहि-त्राहि मची हुई है। इसी के साथ बांदा जिले से 43 करोड़ की राजस्व उगाही का भी खेल शुरू हो गया है। खनन विभाग ने करीब डेढ़ दर्जन खदानों से 43 करोड़ के राजस्व वसूली का लक्ष्य रखा है। दूसरी तरफ अवैध खनन और ओवरलोड ट्रकों की वजह से प्रदूषण की मार से भी लोग परेशान हैं। खनन माफिया अधरौड़, खप्टिहा 100/3 और अमलोर खंड-8 में धरती का सीना छलनी कर रहे हैं। इनकी दबंगई की वजह से स्थानीय ग्रामीण गांव छोडऩे को मजबूर हो गए हैं।

लाल मौरंग का काला खेल, बांदा में छह माह में 43 करोड़ जुटाएगा खनिज विभाग, जारी है अवैध खनन

जारी है अवैध खदान अवैध रूप से खनन करने वाले दर्जनों ट्रक हर रोज स्थानीय थाने-चौकी के सामने से बिना रवन्ना के गुजरते हैं। अमलोर खंड-8 खदान के अजहर और अछरौड़ खदान इन दिनों जोरों से चल रहा है। इस संबंध में खनन अधिकारी भी कुछ बोलने से कतराते हैं। साफ जाहिर है अवैध खनन के इस काले खेल में इनकी भी सहभागिता है। दबंगई का आलम यह है कि यहां नदी में अवैध रूप से पुल निर्माण हो गया। बात लखनऊ तक पहुंची तब प्रशासन ने इसे तुड़वा दिया। अवैध-खनन के चलते नदी का पानी सूख गया है। इससे पीने की समस्या के साथ ही हजारों हेक्टेयर भूमि के लिए सिंचाई की समस्या भी पैदा हो गयी है।

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पोकलैंड नदी को कर रहीं छलनी नदियों के बीच पोकलैंड मशीनों से मौरंग की खुदाई हो रही है। इससे लाखों जलीय जीव-जंतुओं का मौतें हो रही हैं। अवैध-खनन के इस काले खेल से करोड़ों के राजस्व का नुकसान अलग से हो रहा है। खनिज विभाग अपने खजाने में छह माह के अंदर 43 करोड़ रुपये से ज्यादा जुटाने में जुट गया है। खनिज विभाग ने डेढ़ दर्जन से ज्यादा खदानों को 6-6 माह के लिए पट्टे पर देने का ई-टेंडर जारी कर दिया है। टेंडर इसी माह खुलेंगे। पूर्व में खदान पांच वर्ष के लिए पट्टे पर दी जाती थी। जनपद की लगभग दो दर्जन खदानों को पांच वर्ष के लिए पट्टे पर लेकर देश-प्रदेश की कई बड़ी कंपनियों और बालू के दिग्गज कारोबारियों ने भारी-भरकम मशीनों से रात-दिन वैध और अवैध खनन कर खदानों को 2 या 3 वर्ष में ही खोखला कर दिया। अब शेष अवधि में इन खदानों की रॉयल्टी जमा करना उनके लिए घाटे का सौदा साबित हो रहा है। ऐसे में कई चालाक खदान संचालकों ने अवैध खनन आदि की आड़ में खदानों के पट्टे निरस्त करा लिए हैं। इसमें उनकी सिर्फ जमा सिक्योरिटी ही जब्त की गई है। जबकि मासिक रॉयल्टी इससे कई गुना ज्यादा देना पड़ती।

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दो मई को खुलेगा टेंडर खनिज विभाग ने जनपद की कई तहसीलों की डेढ़ दर्जन से ज्यादा खदानों को 6-6 माह के लिए पट्टे पर देने को ई-टेंडर आमंत्रित किए हैं। इन खदानों का कुल रकबा 948.81 एकड़ है। खनिज विभाग ने इन खदानों में 38 लाख 57 हजार 475 घन मीटर बालू की उपलब्धता बताई है। साथ ही 150 रुपये प्रति घन मीटर रॉयल्टी की दर से उपलब्ध बालू की कुल रॉयल्टी 43 करोड़ 22 लाख 13 हजार 750 रुपये खनिज के खजाने में जमा कराने का लक्ष्य है। 21 से ई-टेंडर, 2 मई को खुलेंगे। केन नदी की खदानों को 6-6 माह के लिए पट्टे पर दिया जाएगा उनमें सदर तहसील के दुरेड़ी, पथरी, अछरौड़, भुरेड़ी और पैलानी तहसील के खप्टिहा कलां, पैलानी, सिंधनकलां, पड़ोहरा खादर, सांड़ी खादर तथा नरैनी तहसील में लहुरेटा, रिसौरा, बिल्हरका और जरर आदि गांव शामिल हैं। ई-टेंडर 21 से 29 अप्रैल के बीच पड़ेंगे। 2 मई को समिति इन्हें खोलेगी।

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