लालू परिवार पर जांच एजेंसियों की बढ़ती दबिश से बिहार में सियासी पारा चढ़ा

13
लालू परिवार पर जांच एजेंसियों की बढ़ती दबिश से बिहार में सियासी पारा चढ़ा

लालू परिवार पर जांच एजेंसियों की बढ़ती दबिश से बिहार में सियासी पारा चढ़ा


पटना: लालू परिवार पर जांच एजेंसियों की बढ़ती दबिश से बिहार में सियासी पारा चढ़ गया है। रेलवे में घोटाले में फंसे लालू प्रसाद की पार्टी समेत महागठबंधन के घटक दल केंद्र सरकार पर संवैधानिक संस्थाओं का गलत इस्तेमाल करने का आरोप लगा रही है, जबकि भाजपा करनी का फल बता रही है। राजद के नेता लालू प्रसाद ने जांच एजेंसियों की लगातार छापेमारी और पूछताछ से भड़क गए हैं। लालू प्रसाद ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से ट्वीट करते हुए लिखा कि हमने आपातकाल का काल दौर भी देखा है। हमने वह लड़ाई भी लड़ी थी। आधारहीन प्रतिशोधात्मक मामलों में आज मेरी बेटियों, नन्हें-मुन्ने नातियों और गर्भवती पुत्रवधु को भाजपाई ईडी ने 15 घंटों से बैठा रखा है। क्या इतने निम्नस्तर पर उतर कर बीजेपी हमसे राजनीतिक लड़ाई लड़ेंगी? उन्होंने आगे चेतावनी देते हुए यह भी लिखा कि संघ और भाजपा के विरुद्ध मेरी वैचारिक लड़ाई रही है और रहेगी। इनके समक्ष मैंने कभी भी घुटने नहीं टेके हैं और मेरे परिवार एवं पार्टी का कोई भी व्यक्ति आपकी राजनीति के समक्ष नतमस्तक नहीं होगा।

सहानुभूति कार्ड खेल रहे लालू-नीतीश: सुशील मोदी

दूसरी ओर भाजपा के राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने शनिवार को दावा किया कि नौकरी के बदले जमीन मामले में सीबीआई और ईडी के छापे को लेकर राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहानुभूति कार्ड खेल रहे हैं। मोदी ने कहा कि देश में ऐसा कोई कानून नहीं है जो जांच एजेंसियों को छापेमारी न करने या गर्भवती महिलाओं और बीमार व्यक्तियों से सवाल पूछने से रोकता हो। लालू प्रसाद और नीतीश कुमार सीबीआई और ईडी के छापे पर सहानुभूति कार्ड खेल रहे हैं। भाजपा नेता ने कहा, नीतीश कुमार को यह घोषणा करनी चाहिए कि बिहार पुलिस उन घरों पर छापेमारी नहीं करेगी, जहां गर्भवती महिलाएं, बीमार व्यक्ति या बच्चे रह रहे हैं। सहानुभूति कार्ड उनके लिए काम नहीं करेगा। लालू प्रसाद भ्रष्टाचार में शामिल थे और कानून अपना काम कर रहा है।

सुशील मोदी ने बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से यह खुलासा करने के लिए कहा कि इतनी कम उम्र में दिल्ली के संपन्न इलाके में उनका एक आलीशान घर कैसे हो गया। तेजस्वी यादव जब 29 साल के थे, तब वह 52 संपत्तियों के मालिक थे। मोदी ने कहा कि इन सवालों का जवाब देने के बजाय, वह और लालू परिवार के अन्य सदस्य गाली-गलौज कर रहे हैं।

लालू प्रसाद की दुर्दशा के लिए दो व्यक्ति जिम्मेदार

सुशील मोदी ने कहा कि लालू प्रसाद की दुर्दशा के लिए दो व्यक्ति जिम्मेदार हैं और वे हैं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह। उन्होंने आईआरसीटीसी भूमि-नौकरी मामले के दस्तावेज सीबीआई को प्रदान किए हैं। ललन सिंह वह व्यक्ति थे, जिन्होंने 2008 में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को घोटाले के बारे में एक पत्र लिखा था। यूपीए सरकार के सत्ता में होने के कारण उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। साल 2014 में जब सरकार बदली तो ललन सिंह फिर से सक्रिय हो गए और उन्होंने सीबीआई को इस घोटाले से संबंधित दस्तावेज उपलब्ध कराए थे।

सत्ता के लिए नीतीश कुमार ने किया भ्रष्ट व्यक्तियों से समझौता

सत्ता के लिए नीतीश कुमार ने भ्रष्ट व्यक्तियों के साथ समझौता किया और इसलिए वह लालू प्रसाद का पक्ष ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि सीबीआई के पास लालू प्रसाद और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ पुख्ता सबूत हैं। लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव को जवाब देना चाहिए कि हृदयानंद चौधरी कौन थे। वह रेलवे में चौथे दर्जे के कर्मचारी थे, जिन्होंने लालू प्रसाद की मदद से नौकरी हासिल की थी। उन्होंने लालू की एक बेटी चंदा यादव को 60 लाख रुपये की जमीन का एक टुकड़ा उपहार में दिया था। क्या लालू प्रसाद इससे इनकार कर सकते हैं?

जो जैसा बोता है, उसे वैसा ही काटना पड़ता है

उन्होंने कहा कि जब चारा घोटाले के सिलसिले में लालू प्रसाद के परिसरों पर पहली छापेमारी की गई थी, उस समय यूपीए सरकार सत्ता में थी। जब वह पहली बार जेल गए थे, तो यह अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के कार्यकाल के दौरान नहीं, बल्कि यूपीए सरकार के दौरान। आईआरसीटीसी घोटाले की प्राथमिकी भी पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल में दर्ज की गई थी। इसलिए, वे बीजेपी को दोष न दें। उन्होंने कहा कि जो जैसा बोता है, उसे वैसा ही काटना पड़ता है।

कर्मों का हिसाब यहीं देकर जाना है: संजय जायसवाल

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा कि प्रत्येक मनुष्य को अपने कुकर्मों की सजा इसी जीवन में भुगतनी पड़ती है। उन्होंने कहा कि जीवन के बाद स्वर्ग और नर्क क्या होता है यह तो किसी को पता नहीं। लालू परिवार उसका साक्षात उदाहरण है।बिहार बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि पिता अगर गलत काम करे तो उसे रोकना भी बच्चों का ही काम होता है। एक बार भी अगर बच्चों ने यह पूछ लिया होता कि पिताजी आपको और मां को बिहार का मुख्यमंत्री बिहार की जनता ने बनाया। उस समय आपने 10 हजार करोड़ का घोटाला किया और आप जेल भी गए। उन्होंने कहा कि हम सब पर भी जेल जाने का खतरा मंडरा रहा है। लालू परिवार की स्थिति हर उस व्यक्ति के लिए सबक है जो भ्रष्टाचार के पैसों से अपने परिवार की खुशी खरीदता है। हर किसी को अपने कर्मों का हिसाब यहीं देकर जाना है।

(अगर आप राजधानी पटना जिले से जुड़ी ताजा और गुणवत्तापूर्ण खबरें अपने वाट्सऐप पर पढ़ना चाहते हैं तो कृपया यहां क्लिक करें। )

बिहार की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – Delhi News