लम्पी वायरस : गो माता की पीड़ा देख आगे आए संगठन, कोई बना रहा इम्यूनिटी लड्डू तो कोई दे रहा दवाई | Ayurvedic Treatment for Lumpy Disease in Cattle By Social Organization | Patrika News
मंत्रोच्चार, दुआ और अरदास के साथ एक लाख 11 हजार औषधीय लड्डू बनाने का अभियान शुरू जयपुर। मित्राय बी ह्यूमन (इंडिया) फाउंडेशन की ओर से गायों को लम्पी रोग से बचाने के लिए औषधीय लड्डू तैयार किए जा रहे हैं। मुरलीपुरा स्थित एक गार्डन में इस अभियान की शुरूआत की गई।
‘सांप्रदायिक सौहार्द भी देखने को मिला’ खास बात ये रही कि इस दौरान सांप्रदायिक सौहार्द भी देखने को मिला। महंत परशुरामदास महाराज के सानिध्य में पंडितों ने वैदिक मंत्रोच्चारण किए। सरदार गुरमीत सिंह ने वाहेगुरू से अरदास की, तो वहीं काजी असगर अली ने खुदा से दुआ की। सभी ने गायों की अच्छी सेहत और इस बीमारी के खात्मे के लिए ईश्वर से प्रार्थना की।
एक लाख, 11 हजार लड्डू बनाकर करेंगे वितरित फाउंडेशन के विनीत शर्मा ने बताया कि आयुर्वेदिक चिकित्सकों की सलाह से विभिन्न औषधियों से तैयार हो रहे एक लाख, 11 हजार लड्डू गोपालकों, किसानों और गोशालाओं में निशुल्क बांटे जाएंगे। रश्मि शर्मा ने बताया कि लड्डू बनाने के लिए हलवाईयों समेत गो भक्ताओं की टीम आगामी कुछ दिनों तक लगातार काम करेगी। प्रदेश के दूर-दराज इलाकों तक भी लड्डू पहुंचाए जाएंगे।
ये रहे मौजूद इस दौरान विधायक नरपत सिंह राजवी, रीको डायरेक्टर सीताराम अग्रवाल, आरपीएस संदीप सारस्वत, पार्षद रणवीर राजावत, मीनाक्षी शर्मा, नरेन्द्र शेखावत, वर्क संस्था के हैड लईक हसन, मंसूरी पंचायत संस्था के अध्यक्ष अब्दुल लतीफ आरको, मदनलाल शर्मा, मुकेश जिंदल, शिवपाल सिंह, सीपी सैनी, लोकेश पारीक, अशोक शर्मा और लुबना फिरदौस समेत अन्य मौजूद रहे।
वैटेनरी डॉक्टर पंकज शर्मा, वैद्य ललित के अलावा अन्य विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में यह लड्डू तैयार किए जा रहे हैं। इसमें हल्दी, गुड़, सौंठ, काली मिर्च, लौंग, घी, काला जीरा, दालचीनी, धनिया, गिलोय, तुलसी, आंवला, मैथी, अजवायन, मुलैठी, सनाय पत्ती के अलाव अन्य सामग्रियों को मिलाकर पूरी विधि के साथ इसे बनाया जा रहा हैं। गर्भवती गोमाताओं के लिए अलग सामग्री के लड्डू बनाए जा रहे हैं।
लडडू और दवा का छिड़काव समरस भारत सेवा संस्थान और गो सेवा विभाग महानगर की ओर से गायों की सेवा का कार्य शुरू किया गया है। लम्पी ग्रस्त गायों को दवा, संक्रमण से बचाने के लिए छिड़काव और इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए आयुर्वेदिक लड्डू दिए जा रहे रहे हैं। छिड़काव वाली दवा और लड्डू गांधी पथ स्थित एक मैरिज गार्डन में बनाए जा रहे हैं।
दवा के डिब्बों का निशुल्क वितरण सोमेंद्र शर्मा और उनकी टीम की ओर से ‘एक कदम गो माता की सुरक्षा की ओर’ अभियान के तहत 10 गोशालाओं में 10 हजार दवा के डिब्बे वितरित करने का लक्ष्य है। अभी तक करीब एक हजार वितरित कर चुके हैं। टीम जल्द ही जयपुर जिले की गोशालाओं में जाकर निशुल्क दवाई वितरित करेगी। जयपुर जिले की बाबा भैंरू भटोड गौशाला में टीम सदस्यों ने दवाई का वितरण किया। रोटरी क्लब जयपुर नोर्थ के सदस्यों और अन्य गौभक्तों के सहयोग से पिछले कई दिनों से गौशालाओं में लम्पी रोधक दवाईयों का वितरण किया जा रहा है।
संघ ने जारी किया नागपुर रिसर्च सेंटर का फार्मूला जयपुर प्रांत गोसेवा संयोजक सुगनचंद शर्मा ने बताया कि लम्पी एक ऐसा रोग है जो गाय, बछड़े और भैंस सभी को होता है। यह वायरस की तरह फैलता है। पूरे शरीर में छोटे-बड़े जख्म बन जाते हैं। यह वायरस एक से दूसरे में फैलता हैं। इस रोग को ठीक करने के लिए गो विज्ञान अनुसंधान केंद्र देवलापार नागपुर के डॉक्टर सुनील मानसिंका के निर्देशन में एक नुस्खा तैयार किया गया है, जो काफी कारगर बताया जा रहा है। इस नुस्खे में इन पांच प्रकार के पत्तों का उपयोग करना होगा।
1—अर्जुन के पत्ते
2—हल्दी के पत्ते
3—गिलोय के पत्ते व डंठल भी
4—अदुलसा वासा
5—कडू नीम के पत्ते विधि— सभी प्रकार के पत्ते 40—40 ग्राम लेकर बारीक काट लें। जिसे एक सप्ताह चारे के साथ सुबह-शाम चारे के साथ मिक्स करके वायरस से पीड़ित गोवंश को खिलाएं। इससे धीरे-धीरे रोग खत्म होगा और गायों की इम्यूनिटी बढ़ेगी। दूसरा उपाय स्वस्थ्य देसी गाय के गोमूत्र को उबालकर 25 एमएल पिलाना है। तीसरा उपाय देसी गाय के गोबर से बने कंडे का धूपन करना है। इस दौरान जले हुए कंडे पर कडू नीम के पत्तों का उपयोग भी करना है। इसकी धूप से भी रोग खत्म हो जाता है। चौथा उपाय नीम, फिटकरी को उबालकर हल्दी मिलाकर गोवंश के शरीर पर छिडकाव करें। नीम व लोबान का धुंआ करें और खाने में सिर्फ हरे चारे को प्राथमिकता दें।
शर्मा ने दावा किया है कि इस नुस्खे के प्रयोग से देवलापार में लगभग 500 गोवंश पूरी तरह से ठीक हो गए हैं। उनका कहना है कि बरसाना मथुरा में स्थित गोशाला में भी इस नुस्खे का प्रयोग किया। जहां करीब 55 हजार गायों को रोग ने छुआ तक नहीं।
सरकारी अनदेखी को लेकर जताया विरोध, खुद वितरित कर रहे दवा जयपुर. गायों में हो रही लम्पी वायरस की बीमारी के मामले में सरकारी लापरवाही को लेकर जवाहर सर्किल स्थित पत्रिका गेट पर विरोध प्रदर्शन किया गया।
नागरिक शक्ति मंच के अध्यक्ष एडवोकेट अभिषेक शर्मा ने बताया कि गौवंश के प्रति सरकारी लापरवाही को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। ऐसे में सरकार जल्द से जल्द गायों के लिए चिकित्सा की माकूल व्यवस्था करे। शर्मा ने बताया कि हमारे मंच की ओर से भी लम्पी पीड़ित गायों के लिये निशुल्क दवाई की व्यवस्था की जा रही है। आर. के. अग्रवाल ने कहा कि जब तक यह बीमारी खत्म नहीं हो जाती, पशुपालक गायों को खुले में ना छोड़े। इस दौरान संजय पत्रिया समेत अन्य मौजूद रहे।
अगर आप भी इस तरह की कोई सेवा कर रहे हैं या करना चाहते हैं, तो पत्रिका के इस अभियान से जुड़ने के लिए मोबाइल नंबर 9057531311 पर शैलेंद्र शर्मा से संपर्क कर सकते हैं।
वैटेनरी डॉक्टर पंकज शर्मा, वैद्य ललित के अलावा अन्य विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में यह लड्डू तैयार किए जा रहे हैं। इसमें हल्दी, गुड़, सौंठ, काली मिर्च, लौंग, घी, काला जीरा, दालचीनी, धनिया, गिलोय, तुलसी, आंवला, मैथी, अजवायन, मुलैठी, सनाय पत्ती के अलाव अन्य सामग्रियों को मिलाकर पूरी विधि के साथ इसे बनाया जा रहा हैं। गर्भवती गोमाताओं के लिए अलग सामग्री के लड्डू बनाए जा रहे हैं।
संघ ने जारी किया नागपुर रिसर्च सेंटर का फार्मूला जयपुर प्रांत गोसेवा संयोजक सुगनचंद शर्मा ने बताया कि लम्पी एक ऐसा रोग है जो गाय, बछड़े और भैंस सभी को होता है। यह वायरस की तरह फैलता है। पूरे शरीर में छोटे-बड़े जख्म बन जाते हैं। यह वायरस एक से दूसरे में फैलता हैं। इस रोग को ठीक करने के लिए गो विज्ञान अनुसंधान केंद्र देवलापार नागपुर के डॉक्टर सुनील मानसिंका के निर्देशन में एक नुस्खा तैयार किया गया है, जो काफी कारगर बताया जा रहा है। इस नुस्खे में इन पांच प्रकार के पत्तों का उपयोग करना होगा।
1—अर्जुन के पत्ते
2—हल्दी के पत्ते
3—गिलोय के पत्ते व डंठल भी
4—अदुलसा वासा
5—कडू नीम के पत्ते विधि— सभी प्रकार के पत्ते 40—40 ग्राम लेकर बारीक काट लें। जिसे एक सप्ताह चारे के साथ सुबह-शाम चारे के साथ मिक्स करके वायरस से पीड़ित गोवंश को खिलाएं। इससे धीरे-धीरे रोग खत्म होगा और गायों की इम्यूनिटी बढ़ेगी। दूसरा उपाय स्वस्थ्य देसी गाय के गोमूत्र को उबालकर 25 एमएल पिलाना है। तीसरा उपाय देसी गाय के गोबर से बने कंडे का धूपन करना है। इस दौरान जले हुए कंडे पर कडू नीम के पत्तों का उपयोग भी करना है। इसकी धूप से भी रोग खत्म हो जाता है। चौथा उपाय नीम, फिटकरी को उबालकर हल्दी मिलाकर गोवंश के शरीर पर छिडकाव करें। नीम व लोबान का धुंआ करें और खाने में सिर्फ हरे चारे को प्राथमिकता दें।
शर्मा ने दावा किया है कि इस नुस्खे के प्रयोग से देवलापार में लगभग 500 गोवंश पूरी तरह से ठीक हो गए हैं। उनका कहना है कि बरसाना मथुरा में स्थित गोशाला में भी इस नुस्खे का प्रयोग किया। जहां करीब 55 हजार गायों को रोग ने छुआ तक नहीं।
नागरिक शक्ति मंच के अध्यक्ष एडवोकेट अभिषेक शर्मा ने बताया कि गौवंश के प्रति सरकारी लापरवाही को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। ऐसे में सरकार जल्द से जल्द गायों के लिए चिकित्सा की माकूल व्यवस्था करे। शर्मा ने बताया कि हमारे मंच की ओर से भी लम्पी पीड़ित गायों के लिये निशुल्क दवाई की व्यवस्था की जा रही है। आर. के. अग्रवाल ने कहा कि जब तक यह बीमारी खत्म नहीं हो जाती, पशुपालक गायों को खुले में ना छोड़े। इस दौरान संजय पत्रिया समेत अन्य मौजूद रहे।
अगर आप भी इस तरह की कोई सेवा कर रहे हैं या करना चाहते हैं, तो पत्रिका के इस अभियान से जुड़ने के लिए मोबाइल नंबर 9057531311 पर शैलेंद्र शर्मा से संपर्क कर सकते हैं।