लड़ना हो तो मेरे साथ रहो… सत्ता तो गई अब पार्टी बचाने की कवायद, उद्धव ठाकरे को सता रहा डर

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लड़ना हो तो मेरे साथ रहो… सत्ता तो गई अब पार्टी बचाने की कवायद, उद्धव ठाकरे को सता रहा डर

लड़ना हो तो मेरे साथ रहो… सत्ता तो गई अब पार्टी बचाने की कवायद, उद्धव ठाकरे को सता रहा डर

मुंबई: महाराष्ट्र की सत्ता तो उद्धव ठाकरे के हाथों से फिसल गई। अब मकसद है कि पार्टी कैसे बचाई जाए। उद्धव ठाकरे को ये डर काफी सता रहा है। अब उनका ये डर साफतौर पर उनके बयानों और पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठकों में नजर आ रहा है। आज शिवसेना के जिलाअध्यक्षों के साथ उद्धव मीटिंग कर रहे थे। मीटिंग के दौरान ही उनके ऐसे बयान आए कि लग रहा है अब उद्धव अपनी पार्टी को लेकर काफी परेशान हैं। महाराष्ट्र में आज एकनाथ शिंदे ने फ्लोर टेस्ट पास कर लिया। उनके पक्ष में 164 विधायकों ने विश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग की।

शिंदे ने पास किया फ्लोर टेस्ट
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने विधानसभा में फ्लोर टेस्ट की परीक्षा भी पास कर ली। शिंदे सरकार ने सदन में बहुमत हासिल किया। 164 विधायकों ने विश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग के दौरान शिंदे के पक्ष में वोट डाला। महाविकास अघाड़ी के लिए एक और झटके की खबर रही। अघाड़ी के पांच विधायक बहुमत परीक्षण से गैरहाजिर रहे। इसमें से कांग्रेस के तीन हैं, जिनमें अशोक चव्हाण का नाम शामिल है। अघाड़ी के दो अन्य विधायक भी वोटिंग में नदारद रहे। समाजवादी पार्टी के अबू असीम आजमी समेत दोनों विधायक तटस्थ रहे।

शिवसेना को लगा झटका
शिवसेना जिलाध्यक्ष के समक्ष उद्धव साहब ठाकरे की संबोधन की मुख्य बातें हम यहां आपको बता रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर लड़ना हो तो मेरे साथ रहो। वो लगातार अपने कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे हैं। हौसलाफजाई कर रहे हैं। लेकिन इसके पीछे कारण है पार्टी के टूटने का डर। आज जब फ्लोर टेस्ट हुआ तो भी उद्धव सरकार को झटका लगा। उद्धव सरकार के एक विधायक जोकि कल तक उनके पक्ष में था, उसने भी शिंदे गुट को चुना।

उद्धव ठाकरे के आज के भाषण की कुछ खास बातें

1- लड़ना हो तो मेरे साथ रहो
2- शिवसेना को खत्म करने का बीजेपी का प्रयास
3- अगर हिम्मत है तो मध्यावधी चुनाव लड़ कर दिखाओ।
4- ऐसे खेल को खेलने की बजाय जनता के दरबार में जाओ, अगर हम गलत हैं तो लोग हमें घर में बिठा देंगे।
5- अगर आप गलत हो तो लोग आपको घर पर बिठा देंगे।
6- घटना विशेषज्ञों से अनुरोध है कि आप एक घटना विशेषज्ञ हैं, अभी जो हो रहा है वह इस तथ्य पर आधारित है कि डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर के संविधान को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं।
7- देश की आजादी के अमृत जयंती वर्ष में महाराष्ट्र में जो शुरू हुआ है, उसके बारे में सभी सच बोलें।
8- विधानसभा का मनमाना आचरण संविधान का अपमान है।

सुप्रीम कोर्ट ने भी लगा झटका
इधर, वोटिंग से पहले शिवसेना को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है। कोर्ट ने शिवसेना की याचिका पर तुरंत सुनवाई से इनकार कर दिया। स्पीकर राहुल नार्वेलकर के फैसले के बाद शिवसेना ने यह याचिका दाखिल की थी। रविवार को स्पीकर की ओर से विधानसभा में शिवसेना के नेता और चीफ व्हिप की मान्यता को खत्म कर दिया था।महाराष्ट्र विधानसभा में मतदान के जरिए बहुमत परीक्षण की प्रक्रिया को पूरा किया गया। हेडकाउंट के जरिए सत्ता पक्ष और विपक्ष के वोटों की गिनती की गई।

ध्वनि मत का विरोध
इससे पहले ध्वनि मत से बहुमत परीक्षण पर विपक्ष ने विरोध जताया था। विपक्ष के एतराज के बाद हेडकाउंड से वोटिंग कराई गई। हेडकाउंट के जरिए एक-एक विधायक अपना नाम लेते हैं और साथ में नंबर भी बताते हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक विधानसभा में बहुमत परीक्षण के दौरान शिवसेना के नए बागी विधायक संतोष बांगड ने शिंदे के समर्थन में वोट किया है। बांगड कल तक उद्धव गुट की तरफ थे। अब शिवसेना के बागी विधायकों की संख्या 40 हो गई है। वहीं उद्धव ठाकरे समर्थक विधायकों की संख्या घटकर 15 ही रह गई है।

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