लड़की की आवाज में बात कर दूसरे मोबाइल में न्यूड वीडियो चलाते फिर रिकाॅर्डिंग से करते ब्लैकमेल | sextortion gang of bhartpur arrested | Patrika News
रिश्तेदारों की सूची वाट्सऐप कर सभी को वीडियो भेजने की धमकी दी तो स्टोर मैनेजर ने कुछ देर बाद ही आत्महत्या कर ली थी। दो महीने पहले राजेंद्रनगर पुलिस ने केस दर्ज किया लेकिन फर्जी नंबर होने से आरोपी पकड़ में नहीं आ रहे थे। पुलिस कमिश्नर हरिनारायणाचारी मिश्र के मुताबिक, क्राइम ब्रांच की एक टीम को एक महीने से आरोपियों की तलाश में राजस्थान भेजा गया था। राजस्थान में लगातार रैकी की और जब बदमाशों के संबंध में पुख्ता जानकारी मिली तो गांव के आसपास डेरा डाल लिया। पुलिस टीम ग्रामीण के वेष में घूमी और कार सवार तीन बदमाशों को पकड़ लिया। सभी से पूछताछ की जा रही है। छोड़ने का बना रहे दबाव आरोपियों को पकड़ा तो उन्हें छोड़ने के लिए लगातार दबाव आने लगे, जनप्रतिनिधि भी पुलिस को धमकाने लगे थे। पुलिस टीम ने बाद में एक और साथी को पकड़ा और साथ ले आए। ये हैं आरोपी रईस उर्फ कलिया निवासी ग्राम मुडिय़ा, भरतपुर जीशान उर्फ बिल्ला पिता मेहजर निवासी गांव भूतका भरतपुर यासिब पिता अहमद निवासी बनेनी भरतपुर हारून पिता संपत खान निवासी ग्राम मुडिय़ा भरतपुर पूरा परिवार लगा धोखाधड़ी में कमिश्नर के मुताबिक, गिरफ्तार रईस 9वीं तक पढ़ा है वहीं जीशान 10वीं तक। यासिब किराने की दुकान चलाता है। गांव के अन्य लोग भी सोशल मीडिया पर फर्जी अकाउंट बनाकर लोगों को ठगते हैं। परिवार के अन्य लोग भी इसी अपराध में लिप्त हैं। प्राथमिक जांच में पता चला कि आरपी दो साल से ठगी कर रहे हैं। पिछले छह महीने में ही वे ठगी के लिए अलग अलग नाम की 1108 मोबाइल सिम का इस्तेमाल कर चुके हैं। देशभर में हजारों लोगों को ठग चुके हैं। एक नंबर से कई लोगों को ठगने के बाद उसे नष्ट कर देते हैं। आरोपियों ने फर्जी नाम से बैंक खाते खोले हैं तो कुछ बैंक खाते किराए पर लिए हैं। वे किराए के खातेधारक को ठगी के 10 प्रतिशत का भुगतान कमिशन के रूप में करते थे।
ऐसे फंसाते थे जाल में आरोपियों ने बताया कि वे युवती के नाम से फर्जी अकाउंट सोशल मीडिया पर खोलकर लोगों से संपर्क करते। आरोपी रईस युवती बनकर बात करता। दूसरे मोबाइल में न्यूड फोटो रखते जिन्हें इस तरह चलाते कि संबंधित व्यक्ति को युवती होने का आभास हो। फिर उसकी हरकत को रिकॉर्ड कर लेते।
– एक आरोपी पुलिस अफसर बनकर संबंधित को कॉल कर उसके खिलाफ शिकायत का दावा कर धमकाता है। – आरोपी संबंधित व्यक्ति के सोशल मीडिया अकाउंट का आंकलन करते हैं। देख लेते है कि किससे ज्यादा संपर्क में है।
– संबंधित व्यक्ति जिनके ज्यादा संपर्क में रहता है, उनकी लिस्ट बना लेते और पैसा नहीं देने पर लिस्ट भेजकर सभी को वीडियो भेजकर बदनाम करने की धमकी देकर डराते। स्टोर मैनेजर के साथ भी ऐसा ही किया।
– आरोपी शुरुआत में 5 हजार रुपए मांगते, फिर धीरे-धीरे कर 20-25 हजार और कई बार तो एक लाख रुपए तक की मांग रख देते। – शिकायत का अंदेशा होता है तो सिम तोड़ देते।
कई प्रदेश की पुलिस ने डाला डेरा आरोपियों से पता चला कि रईस के चाचा सहित अन्य लोग भी यहीं काम करते हैं। आसपास के 210 गांव से गिरोह संचालित हो रहे हैं। इनके गांंव के जाकिर, मुस्ताक, फरीद, नासिर, अब्दुल, मोहम्मद जैसे कई युवा दिनभर लोगों को टारगेट करते रहते हैं। स्थानीय पुलिस व जनप्रतिनिधि भी इनका साथ देते हैं। साथी जाकिर इन्हें 1200 रुपए में दूसरे के नाम से पश्चिम बंगाल, उत्तराखंड से खरीदी मोबाइल सिम उपलब्ध कराता। इंदौर पुलिस पहुंची तो वहां चार राज्यों की पुलिस आरोपियों की ताक में बैठी थी। आरोपियों ने कई लोगों के साथ ठगी की है, इनके बैंक खातों की भी जानकारी ली जा रही है।
रिश्तेदारों की सूची वाट्सऐप कर सभी को वीडियो भेजने की धमकी दी तो स्टोर मैनेजर ने कुछ देर बाद ही आत्महत्या कर ली थी। दो महीने पहले राजेंद्रनगर पुलिस ने केस दर्ज किया लेकिन फर्जी नंबर होने से आरोपी पकड़ में नहीं आ रहे थे। पुलिस कमिश्नर हरिनारायणाचारी मिश्र के मुताबिक, क्राइम ब्रांच की एक टीम को एक महीने से आरोपियों की तलाश में राजस्थान भेजा गया था। राजस्थान में लगातार रैकी की और जब बदमाशों के संबंध में पुख्ता जानकारी मिली तो गांव के आसपास डेरा डाल लिया। पुलिस टीम ग्रामीण के वेष में घूमी और कार सवार तीन बदमाशों को पकड़ लिया। सभी से पूछताछ की जा रही है। छोड़ने का बना रहे दबाव आरोपियों को पकड़ा तो उन्हें छोड़ने के लिए लगातार दबाव आने लगे, जनप्रतिनिधि भी पुलिस को धमकाने लगे थे। पुलिस टीम ने बाद में एक और साथी को पकड़ा और साथ ले आए। ये हैं आरोपी रईस उर्फ कलिया निवासी ग्राम मुडिय़ा, भरतपुर जीशान उर्फ बिल्ला पिता मेहजर निवासी गांव भूतका भरतपुर यासिब पिता अहमद निवासी बनेनी भरतपुर हारून पिता संपत खान निवासी ग्राम मुडिय़ा भरतपुर पूरा परिवार लगा धोखाधड़ी में कमिश्नर के मुताबिक, गिरफ्तार रईस 9वीं तक पढ़ा है वहीं जीशान 10वीं तक। यासिब किराने की दुकान चलाता है। गांव के अन्य लोग भी सोशल मीडिया पर फर्जी अकाउंट बनाकर लोगों को ठगते हैं। परिवार के अन्य लोग भी इसी अपराध में लिप्त हैं। प्राथमिक जांच में पता चला कि आरपी दो साल से ठगी कर रहे हैं। पिछले छह महीने में ही वे ठगी के लिए अलग अलग नाम की 1108 मोबाइल सिम का इस्तेमाल कर चुके हैं। देशभर में हजारों लोगों को ठग चुके हैं। एक नंबर से कई लोगों को ठगने के बाद उसे नष्ट कर देते हैं। आरोपियों ने फर्जी नाम से बैंक खाते खोले हैं तो कुछ बैंक खाते किराए पर लिए हैं। वे किराए के खातेधारक को ठगी के 10 प्रतिशत का भुगतान कमिशन के रूप में करते थे।
ऐसे फंसाते थे जाल में आरोपियों ने बताया कि वे युवती के नाम से फर्जी अकाउंट सोशल मीडिया पर खोलकर लोगों से संपर्क करते। आरोपी रईस युवती बनकर बात करता। दूसरे मोबाइल में न्यूड फोटो रखते जिन्हें इस तरह चलाते कि संबंधित व्यक्ति को युवती होने का आभास हो। फिर उसकी हरकत को रिकॉर्ड कर लेते।
– एक आरोपी पुलिस अफसर बनकर संबंधित को कॉल कर उसके खिलाफ शिकायत का दावा कर धमकाता है। – आरोपी संबंधित व्यक्ति के सोशल मीडिया अकाउंट का आंकलन करते हैं। देख लेते है कि किससे ज्यादा संपर्क में है।
– संबंधित व्यक्ति जिनके ज्यादा संपर्क में रहता है, उनकी लिस्ट बना लेते और पैसा नहीं देने पर लिस्ट भेजकर सभी को वीडियो भेजकर बदनाम करने की धमकी देकर डराते। स्टोर मैनेजर के साथ भी ऐसा ही किया।
– आरोपी शुरुआत में 5 हजार रुपए मांगते, फिर धीरे-धीरे कर 20-25 हजार और कई बार तो एक लाख रुपए तक की मांग रख देते। – शिकायत का अंदेशा होता है तो सिम तोड़ देते।
कई प्रदेश की पुलिस ने डाला डेरा आरोपियों से पता चला कि रईस के चाचा सहित अन्य लोग भी यहीं काम करते हैं। आसपास के 210 गांव से गिरोह संचालित हो रहे हैं। इनके गांंव के जाकिर, मुस्ताक, फरीद, नासिर, अब्दुल, मोहम्मद जैसे कई युवा दिनभर लोगों को टारगेट करते रहते हैं। स्थानीय पुलिस व जनप्रतिनिधि भी इनका साथ देते हैं। साथी जाकिर इन्हें 1200 रुपए में दूसरे के नाम से पश्चिम बंगाल, उत्तराखंड से खरीदी मोबाइल सिम उपलब्ध कराता। इंदौर पुलिस पहुंची तो वहां चार राज्यों की पुलिस आरोपियों की ताक में बैठी थी। आरोपियों ने कई लोगों के साथ ठगी की है, इनके बैंक खातों की भी जानकारी ली जा रही है।