रेप मामले में महिला पर केस, दो करोड़ रिश्वत मांगने की आरोपी ASP दिव्या मित्तल पर क्यों मेहरबान थे SOG के ADG?

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रेप मामले में महिला पर केस, दो करोड़ रिश्वत मांगने की आरोपी ASP दिव्या मित्तल पर क्यों मेहरबान थे SOG के ADG?

रेप मामले में महिला पर केस, दो करोड़ रिश्वत मांगने की आरोपी ASP दिव्या मित्तल पर क्यों मेहरबान थे SOG के ADG?


Ruchir Shukla | Navbharat Times | Updated: 22 Jan 2023, 1:58 pm

Divya Mittal News : दिव्या मित्तल साल 2010 बैच की आरपीएस अफसर हैं। RPS दिव्या मित्तल जुलाई 2013 में ट्रेनिंग से लेकर साल 2017 तक उदयपुर में ही अलग अलग पदों पर तैनात रहीं। 2 करोड़ के रिश्वत मामले में दिव्या मित्तल को सरकार ने निलंबित कर दिया है। अब उनसे जुड़ा नया खुलासा सामने आया है।

 

रेप मामले में महिला पर केस, दो करोड़ रिश्वत मांगने की आरोपी ASP दिव्या मित्तल पर क्यों मेहरबान थे SOG के ADG?
जयपुर: दवा कारोबारी को ड्रग्स केस में फंसाने की धमकी देकर 2 करोड़ रुपये रिश्वत मांगने की आरोपी दिव्या मित्तल को लेकर बड़ा अपडेट सामने आ रहा। स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) की एडिशनल एसपी दिव्या मित्तल पर एसओजी के मुखिया अशोक राठौड़ काफी मेहरबान थे। पहले तो आरएसी में तैनाती के दौरान करीब 6 महीने तक अनुपस्थित रही दिव्या मित्तल के मामले का निस्तारण कर दिया गया था। बाद में रेंज के बाहर के बड़े प्रकरणों की जांच भी दिव्या मित्तल को दे दी गई। दिव्या मित्तल की धमकियों और गलत जांच की शिकायतें कई लोगों की ओर से पुलिस मुख्यालय में की गई लेकिन दिव्या के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। हैरानी की बात तो यह है कि दिव्या मित्तल की ओर से जांच पर सवाल उठाने के बाद दोबारा जांच के आदेश हुए। जांच फिर दिव्या मित्तल को ही दे दी गई थी। ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि एसओजी के एडीजी अशोक राठौड़ दिव्या मित्तल पर इतने मेहरबान क्यों थे?

5 जिलों के 10 बड़े केसों की जांच दे दी गई दिव्या मित्तल को

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2 करोड़ रुपए की रिश्वत मांगने वाली एडिशनल एसपी दिव्या मित्तल को सरकार ने निलंबित कर दिया है। फिलहाल दिव्या मित्तल जेल में बंद है। एसीबी की टीम दिव्या की ओर से जांच किए गए सभी मामलों को खंगाल रही है। इस दौरान चौंकाने वाली जानकारी सामने आई। राजस्थान के सभी जिलों में एसीबी की विंग खुली हुई है और अधिकारी तैनात हैं। इसके बावजूद भी 5 जिलों के 10 बड़े प्रकरणों की जांच दिव्या मित्तल के पास थी। हैरानी की बात यह है कि जब जयपुर सहित अन्य जिलों में अफसर हैं तो जांच दिव्या मित्तल को क्यों दी गई? ना केवल बाहरी जिलों की बल्कि बाहरी रेंज से बाहर के मामलों की जांच भी दिव्या मित्तल को सौंप दी गई थी।

जयपुर में जमीनों से जुड़े 6 बड़े केस की जांच दिव्या को

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जयपुर में एसओजी का मुख्यालय है। यहां कई वरिष्ठ अधिकारी तैनात है। इसके बावजूद भी जयपुर की बेशकीमती जमीनों के विवादों की जांच अजमेर में तैनात दिव्या मित्तल को दे दी गई। करोड़ों रुपए की जमीन विवाद के ये मुकदमें जयपुर के जमीन प्रताप नगर और रामनगरिया थाने में दर्ज हैं। दिव्या मित्तल की ओर से जांच किए जाने पर एक पक्ष ने पुलिस मुख्यालय में शिकायत की थी। शिकायत में आरोप लगाया गया कि दिव्या ने जमीनों के दस्तावेजों को दरकिनार करते हुए दूसरे पक्ष को नाजायज फायदा पहुंचाया। पुलिस मुख्यालय में शिकायत के बावजूद जांच दिव्या के पास ही रखी गई। उदयपुर के एक प्रकरण में भी परिवादी ने दिव्या मित्तल पर रुपए लेने के आरोप लगाए थे।

अश्लील वीडियो वायरल करने की धमकी देने के आरोपी को माफ किया

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जुलाई 2021 में डिप्टी एसपी हीरालाल सैनी और एक महिला कांस्टेबल का अश्लील वीडियो वायरल हुआ था। महिला कांस्टेबल ने जयपुर के कालवाड़ा थाने में एक युवक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। जिसमें अश्लील वीडियो वायरल करने की धमकी देकर 10 लाख रुपए मांगने का आरोप लगाया था। पुलिस कमिश्नरेट की जांच में जिस आरोपी को दोषी माना गया था, उसे एसओजी की एडिशनल एसपी दिव्या मित्तल ने दोष मुक्त करार दिया। जब महिला कांस्टेबल द्वारा शिकायत की गई तो एसओजी के एडीजी अशोक राठौड़ ने दोबारा जांच के आदेश दिए। हैरानी की बात यह है कि अशोक राठौड़ ने दोबारा जांच दिव्या मित्तल को ही सौंप दी।

अलवर में महिला को मान लिया दुष्कर्म का आरोपी

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अलवर जिले के राजगढ़ में रवि मीणा नाम के युवक ने आत्महत्या की थी। इस आत्महत्या मामले में विमला नामक महिला पर आत्महत्या के लिए मजबूर करने के आरोप लगाए गए थे। इस केस की जांच सीआईडी सीबी की ओर से की जा रही थी। सीआईडी सीबी के 5 अफसरों ने जांच की जिसमें किसी महिला को दोषी नहीं माना लेकिन बाद में इस प्रकरण की जांच एसओजी को सौंपी गई। एसओजी एडीजी की ओर से अजमेर में तैनात दिव्या मित्तल को जांच करने के आदेश जारी किए। दिव्या ने अपनी जांच में विमला नाम की महिला को आरोपी करार दिया। हैरानी की बात यह है कि महिला आरोपी के खिलाफ बलात्कार की धारा जोड़ी गई।

बीकानेर के दवा कारोबारियों को भी धमकाया था दिव्या मित्तल ने

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कोरोना मामलों के दौरान दवा कारोबारियों के खिलाफ कई तरह की शिकायतें दर्ज की गई थी। बीकानेर में कुछ दवा विक्रेताओं के खिलाफ रेमडेसिवर इंजेक्शन की कालाबाजी के मुकदमे दर्ज किए गए। इन मामलों की जांच एसओजी की एडिशनल एसपी दिव्या मित्तल कर रही थी। दिव्या मित्तल ने बीकानेर के कई दवा कारोबारियों को धमकाते हुए मोटी राशि की मांग की थी। एक दर्जन से ज्यादा दवा कारोबारियों पर निजी अस्पतालों को अवैध रूप से रेमेडेसिविर इंजेक्शन सप्लाई करने के आरोप लगाए गए थे। दवा कारोबारियों ने पुलिस मुख्यालय में शिकायतें दी लेकिन कोई एक्शन नहीं लिया गया।

भ्रष्टाचार के सबूत दिए जाने के बावजूद दे दी क्लीन चिट

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करीब डेढ़ साल पहले पाली जिले के रोहट पुलिस थाने की जैतपुर पुलिस चौकी में तैनात सब इंस्पेक्टर मनोहर बिश्नोई ने थाना प्रभारी जसवंत सिंह और डिप्टी एसपी श्रवण दास संत पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। एक सब इंस्पेक्टर की ओर से अपने उच्च अधिकारियों पर लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच दिव्या मित्तल को सौंपी गई। दिव्या मित्तल ने एसएचओ जसवंत सिंह और डिप्टी एसपी श्रवण दास संत को क्लीन चिट दे दी। शिकायत करने वाले सब इंस्पेक्टर मनोहर बिश्नोई ने जांच अधिकारी दिव्या मित्तल को कई सबूत दिए थे। बजरी माफियाओं से मिलीभगत के कई सबूत दिए जाने के बावजूद दिव्या मित्तल ने उन्हें दरकिनार कर दिया था।

जांच नियमानुसार ही दी गई- अशोक राठौड़

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एसओजी के एडीजी अशोक राठौड़ का कहना है कि दिव्या मित्तल को दिए गए प्रकरणों की जांच नियमानुसार ही सौंपी गई है। रेंज के बाहर के अफसरों से जांच कराना गलत नहीं है। जयपुर और अन्य जिलों या रेंज में केस की संख्या काफी है। अलग-अलग मामलों की जांच अलग-अलग अफसरों को दी जाती रही है।
रिपोर्ट – रामस्वरूप लामरोड़, जयपुर

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