रेजिना कैसेंड्रा बोलीं- जब वह करीब आया तो उसका हाथ मुझे आगे की तरफ लगा और मैंने उसके बैक पर दे मारा

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रेजिना कैसेंड्रा बोलीं- जब वह करीब आया तो उसका हाथ मुझे आगे की तरफ लगा और मैंने उसके बैक पर दे मारा

रेजिना कैसेंड्रा बोलीं- जब वह करीब आया तो उसका हाथ मुझे आगे की तरफ लगा और मैंने उसके बैक पर दे मारा

‘रॉकेट बॉयज’, ‘फिंगरटिप’ और ‘शूरवीर’ जैसी वेब सीरीज से ओटीटी प्लैटफॉर्म पर धमाल मचा चुकीं दिग्गज ऐक्ट्रेस रेजिना कैसेंड्रा ने अपने करियर की शुरुआत साउथ फिल्म इंडस्ट्री से की थी। अब वह वेब सीरीज ‘जांबाज हिंदुस्तान के’ में आईपीएस के रोल में नजर आने वाली हैं। दिल्ली आईं रेजिना ने हमसे खास मुलाकात की और अपने करियर, शो, महिला सशक्तिकरण और दिल्ली के बारे में खुलकर बात की।

आप साउथ फिल्म इंडस्ट्री से आती हैं। इन दिनों साउथ की फिल्मों और गानों के चर्चे हैं। हाल ही में आरआरआर ने कई अवॉर्ड भी जीते हैं। तो आपको क्या लगता है कि हिंदी फिल्म और कॉन्टेंट में ऐसी कौन सी कमी रह गई जो वह इस स्तर पर नहीं पहुंच पा रही हैं?
अगर आ कॉन्टेंट की बात करेंगे तो शायद में इस बात से सहमत नहीं हूं कि कॉन्टेंट में कोई कमी रही है। अगर आप देखें तो ओटीटी पर ऐसे बहुत सारे हिंदी ऑरिजिनल शोज हैं, जो काफी फेमस हुए हैं और लोग उसे देखकर कहते हैं वाऊ ये काफी अच्छा शो था। वो शो हिंदी में ही होते हैं। मैं हिंदी फिल्म इंडस्ट्री और वहां जो लोग काम कर रहे हैं, उनके बारे में ज्यादा जानती नहीं हूं, मगर हो सकता है ये एक दौर हो। इसलिए मुझे नहीं लगता कि हिंदी कॉन्टेंट में कोई कमी रही है।

रेजिना आप इस सीरीज में आईपीएस का किरदार निभा रही हैं, ये कितना मुश्किल रहा और क्या कुछ तैयारियां आपने कीं?
‘जांबाज़ हिंदुस्तान के’ में एक आईपीएस का किरदार निभाना मेरे लिए काफी मुश्किल था। ऐसे रोल को पूरे परफेक्शन के साथ निभाना होता है। मैंने इस किरदार को निभाने से पहले पूरी रिसर्च की थी। जब आप वर्दी पहनते हो तो आप में एक अलग अहसास होता है। आप में जिम्मेदारी और डिसिप्लेन आने लगता है। तो बिल्कुल मैंने इस रोल के लिए रिसर्च की। मैंने कई महिला आईपीएस ऑफिसर्स के इंटरव्यू देखे थे। जब मैं इंटरव्यू देख रही थी कि तो मैंने इस बात पर फोकस किया की उन्होंने कैसे अपनी जिंदगी को बैलेंस किया हुआ है। एक आईपीएस वाली जिंदगी और एक निजी जिंदगी दोनों को उन्होंने कैसे संतुलित किया हुआ है। खासतौर पर एक महिला होने की वजह से उनकी जिंदगी में मां होना, पत्नी होना जैसे सब विकल्प होते हैं। तब मैंने इन सब चीजों को समझा।

आज के दौर में हम महिला सशक्तिकरण के बारे में बात करते हैं, लेकिन फिर भी महिलाओं को ना सिर्फ निजी जिंदगी में बल्कि समाज में कई तरह की मुश्किलों को सामना करना पड़ता है। आपको भी किसी घटना की वजह से ऐसा लगा कि वो घटना सिर्फ इसलिए हुई क्योंकि आप एक महिला हैं?
रियल लाइफ में मेरे साथ बहुत बार ऐसा हुआ है। मैं कभी हिंसा में यकीन नहीं रखती हूं लेकिन अगर मेरे पर कोई हाथ उठाता है तो मुझे उसे जवाब देती हूं। एक महिला होने के नाते मैं खुद को प्रोटेक्ट करने के लिए ऐसा करती हूं और ये मेरा अधिकार है। जब मैं कॉलेज में थी, मैं एक दोस्त के साथ एक ब्रिज के ऊपर वॉक कर रही थी। हम दोनों रोड पर चल रहे थे और सामने से दो लड़के आ रहे थे। उन्होंने सब लड़कियों को देखा, मैं आखिरी में थी। उनमें से एक लड़का आगे आया और उसने मेरे लिप्स के पास हाथ लगाया और आगे चला गया। मेरी जिंदगी में ऐसा कभी नहीं हुआ था। मुझे ऐसा लग रहा था जैसे पूरी दुनिया वहीं रुक गई है और मैं कुछ नहीं कर पाई थी। मेरी दोस्त ने कहा कि तुमने जवाब क्यों नहीं दिया? तो मैंने कहा कि मैं हिल भी नहीं पा रही हूं। तब मुझे एहसास हुआ कि मैं बात बहुत कर सकती हूं लेकिन जब ऐसी स्थिति होती है तो मैं कुछ नहीं कर पाती। फिर मैंने सोचा कि ऐसा दोबारा हुआ तो मैं खड़ी नहीं रहूंगी, बल्कि जवाब दूंगी।

तो क्या फिर से आपको ऐसा ही दोबारा सामना करना पड़ा? आपने फिर क्या किया और कैसे बाकी महिलाओं को आप क्या संदेश देना चाहेंगीं?
हां, ऐसा ही दोबारा भी हुआ, शायद भगवान ने मुझे कोई साइन दिया होगा कि उसी रोड पर फिर एक घटना हुई। उस दिन मेरे हाथ में दो बैग थे और किसी लड़के ने आकर मुझे पीछे से मारा। उस वक्त मेरी मानसिक स्थिति ऐसी थी कि मैं अंदाजा लगाने लगी कि आखिर क्या हुआ। तब मैंने सोचा कि मेरे पास दो बैग थे इसलिए मैं कुछ नहीं कर पाई। कोई बात नहीं वो चला गया। हालांकि मैंने इस घटना के बारे में मैंने अपने दोस्तों और परिवारवालों से बात की। लेकिन जब तीसरी बार मेरे साथ एक और घटना हुई तब मैं चुप नहीं बैठी। ऐसे ही मैं एक रोड पर चलकर अपने घर जा रहा थी और सामने से एक लड़का अपने दोनों हाथ हिलाते आ रहा था। जब करीब आया तो उसका हाथ मुझे आगे की तरफ लगा और मुझे लगा शायद वो गलती से उससे हो गया। फिर मैंने मुड़कर देखा तो मुझे उसकी बॉडी लैंग्वेज देखकर अचानक इतना गुस्सा आया कि मैंने पूरे गुस्से से मैंने उसके बैक पर मारा। उसके बाद तेजी से अम्मा चिलाने लगा और भाग गया। उसने मुड़कर देखा भी नहीं। फिर मुझे समझ आया कि उसने जानबूझ कर ऐसा किया। मुझे लगता है कि अगर किसी लड़की को इस बारे में बात नहीं करनी है तो मत कीजिए, लेकिन आपको ये भी सोच कर नहीं बैठना चाहिए कि आप लड़की या औरत हैं, इसलिए आपके साथ ऐसा हो रहा है। आपको शर्म महसूस करने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि आपकी गलती नहीं है।