रेकार्डतोड़ गर्मी, अल नीनो की संभावना, कमजोर मॉनसून! मौसम विभाग की भविष्यवाणी डरा रही

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रेकार्डतोड़ गर्मी, अल नीनो की संभावना, कमजोर मॉनसून! मौसम विभाग की भविष्यवाणी डरा रही

रेकार्डतोड़ गर्मी, अल नीनो की संभावना, कमजोर मॉनसून! मौसम विभाग की भविष्यवाणी डरा रही

नई दिल्ली: अगर मौसम विभाग के पूर्वानुमान सही रहे तो इस साल फरवरी में गर्मी के कई रेकार्ड तोड़ सकती है। फरवरी के अंतिम चारों दिन 25 से 28 फरवरी तक तापमान 31 से 32 डिग्री रह सकता है। यदि ऐसा हुआ तो यह एक दशक की पहली ऐसी फरवरी होगी जब सात दिन तापमान 30 डिग्री से अधिक रहेगा। ऐसा होने पर यह एक दशक की सबसे गर्म फरवरी भी बन जाएगी। इतना ही नहीं, मार्च की शुरुआत में ही राहत की संभावना नहीं है। वहीं, मौसम का पूर्वानुमान बताने वाली कुछ एजेंसियों ने इस साल प्रशांत महासागर के क्षेत्र में अल नीनो (El Nino) के वापसी की संभावना जताई है। केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने जनवरी में अपनी मासिक आर्थिक समीक्षा रिपोर्ट में कहा कि अगर अल नीनो की वापसी से जुड़े ये अनुमान सही हैं तो यह भारत में इस साल कमजोर मॉनसून की भविष्यवाणी कर सकता है। इसके चलते वित्त वर्ष 2024 में उत्पादन में कमी और कीमतों में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है।

दिल्‍ली में आज कैसा रहेगा मौसम?
दिल्‍ली में अब शनिवार को आसमान साफ रहेगा। अधिकतम तापमान 31 और न्यूनतम तापमान 11 डिग्री तक रह सकता है। 26 फरवरी को यह बढ़कर 32 डिग्री तक पहुंच जाएगा। इसके बाद 27 और 28 फरवरी को यह 31 डिग्री रहेगा। मार्च के शुरुआती दिनों 1 और 2 मार्च को अधिकतम तापमान 32 से 33 डिग्री तक रह सकता है। बारिश की कोई संभावना नहीं है।

फरवरी में टूट सकते हैं गर्मी के कई रेकॉर्ड

जनवरी से अब तक सामान्य से 45 प्रतिशत कम बारिश
मौसम विभाग के अनुसार इस साल सर्दियों के सीजन में राजधानी दिल्ली में बारिश सामान्य से 45 प्रतिशत कम हुई है। एक जनवरी से 22 फरवरी के बीच का यह आकलन है। इस दौरान राजधानी में 20.4 एमएम बारिश हुई। यह सामान्य से 16.5 प्रतिशत कम है। वहीं देश भर में इस दौरान 40 प्रतिशत बारिश कम हुई है। सबसे कम बारिश मध्य भारत में सामान्य से 86 प्रतिशत कम, पूर्वी और उत्तर पूर्वी भारत में 66 प्रतिशत, साउथ पेनिनसुला में 56 प्रतिशत कम और उत्तर पश्चिमी भारत में बारिश सामान्य से 20 प्रतिशत कम हुई।

क्या है अल नीनो?
अल नीनो एक जलवायु पैटर्न है। इसका दुनिया भर के मौसम पर असर पड़ता है। इसमें समुद्र का तापमान तीन से चार डिग्री बढ़ जाता है। इसका प्रभाव 10 साल में दो बार होता है। इसके प्रभाव से ज्यादा बारिश वाले क्षेत्र में कम और कम बारिश वाले क्षेत्र में ज्यादा बारिश होती है। भारत में अल नीनो के कारण मॉनसून अक्सर कमजोर होता है। जिससे सूखे की स्थिति बनती है।

उत्पादन कम रहा तो बढ़ेंगी कीमतें
वित्त मंत्रालय की समीक्षा रिपोर्ट में कहा गया है कि कुछ मौसम एजेंसियों ने भारत में इस साल अल नीनो की स्थिति की वापसी की भविष्यवाणी है। अगर ये भविष्यवाणी सटीक हुई तो मॉनसून सीजन में होने वाली बारिश कम हो सकती है। इससे कृषि उत्पादन कम हो सकता है और कीमतें बढ़ सकती हैं। हालांकि वित्त वर्ष 2024 में भारत के लिए महंगाई रिस्क कम रहने की संभावना है। यानी महंगाई में बढ़ोतरी का जोखिम है, मगर यह पूरी तरह से खत्म नहीं है। इसका कारण है कि जिस तरह से जियो पॉलिटिकल स्थिति है, ग्लोबल इकॉनमी में अनिश्चितता है, साथ ही पूरे विश्व में जिस तरह से ब्याज दरें बढ़ रही है, उससे महंगाई बढ़ने का रिस्क हमेशा बना रहेगा।

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