रूस की सेना में यूक्रेन से लड़ने को भर्ती हो गए 2 लाख लोग, आखिर क्या है रूसी राष्ट्रपति पुतिन की योजना | 2 lakh people enlisted in Russia’s army to fight Ukraine, Putin plan? | Patrika News
नए जवानों के लिए 80 प्रशिक्षण मैदान शोइगु ने कहा कि सेना में नए भर्ती किए गए लोगों को “80 प्रशिक्षण मैदान और छह प्रशिक्षण केंद्रों” में प्रशिक्षित किया जा रहा है। बता दें क्रेमलिन की सैन्य लामबंदी को कुछ विरोधों का भी सामना करना पड़ा है। बताया जा रहा है कि सैन्य उम्र के पुरुषों के पलायन के कारण – हजारों लोग मुख्य रूप से पूर्व-सोवियत संघ का हिस्सा रहे देशों की ओर चले गए हैं। कजाखस्तान ने मंगलवार को कहा है कि पिछले दो सप्ताह में 200,000 से अधिक रूसी सीमा के इस पार आ चुके थे।
पुतिन ने कहा था गलतियां सुधारने के लिए सैन्य लामबंदी को लेकर चल रही तमाम आशंकाओं को शांत करने के लिए पुतिन ने इस बार में स्पष्ट निर्देश दिए हैं। साथ ही अधिकारियों से लामबंदी में हो रहीं “सभी गलतियों को ठीक करने” का आग्रह किया था। शोइगु ने मंगलवार को ये आश व्यक्त की थी कि सैन्य और नौसेना कमांडर “लड़ाई के लिए भर्ती रंगरूटों को जल्दी से सेना की जरूरत के अनुकूलित करने” में मदद करें। उन्होंने युद्ध के अनुभव वाले अधिकारियों के मार्गदर्शन में (नए रंगरूटों) के साथ अतिरिक्त प्रशिक्षण आयोजित करने का आह्वान किया।उन्होंने कहा कि नए भर्ती किए गए लोगों को “प्रशिक्षण और युद्ध समन्वय” के बाद ही युद्ध क्षेत्रों में भेजा जा सकता है। रूसी रक्षा मंत्री ने सेना भर्ती के लिए आह्वान करते हुए कहा कि “अगर कोई गंभीर कारण नहीं हैं” तो स्वयंसेवक अपने को इससे दूर न करें।
बैकफुट पर रूस पिछलो दिनों यूक्रेन की ओर से लगातार हमलों के चलते पिछले दिनों रूसी सेना को बैकफुट पर आना पड़ा था। इसके बाद व्लादिमीर पुतिन ने रिजर्व सैनिकों के मोबिलाइजेशन का आदेश दिया था। इसके तहत उन 3 लाख लोगों को मोर्चे पर लाने का फैसला लिया गया, जिन्हें सैन्य प्रशिक्षण प्राप्त है।
सही संख्या नहीं बताई गई
पुतिन की ओर से जारी आधिकारिक आदेश में रिजर्व सैनिकों की संख्या नहीं बताई गई थी। हालांकि कहा जा रहा है कि यह आंकड़ा कहीं ज्यादा हो सकता है क्योंकि सेना की ओर से उन लोगों को भी कॉल लेटर दिए जा रहे हैं, जिन्हें कभी कोई ट्रेनिंग नहीं मिली है। बाद में इसके बारे में पुतिन की ओर स्पष्टीकरण भी जारी किया गया था। पर आज भी यह सवाल उठ रहे थे कि आखिर व्लादिमीर पुतिन की यूक्रेन से युद्ध को लेकर प्लानिंग क्या है।
जनमत संग्रह के बाद चार शहरों का किया था विलय बता दें कि बीते शुक्रवार को ही यूक्रेन के 4 इलाकों के रूस ने खुद में विलय के लिए जनमत संग्रह कराया था। अब क्रेमलिन से इस संबंध में कानून भी पारित करा लिया गया है। ऐसे में यू्क्रेन के पूर्वी इलाकों पर रूस ने कब्जे की तैयारी पूरी कर ली है। इसके अलावा व्लादिमीर पुतिन की ओर से लगातार अमरीका समेत नाटो देशों को धमकी दी जा रही है कि यदि वे दखल देंगे तो अंजाम भुगतना होगा। व्लादिमीर पुतिन कई बार कह चुके हैं कि पश्चिमी देश उनकी परमाणु अटैक की धमकी को हल्के में न लें। गौरतलब है कि रूस के बाद दुनिया में सबसे ज्यादा परमाणु हथियार हैं।
नए जवानों के लिए 80 प्रशिक्षण मैदान शोइगु ने कहा कि सेना में नए भर्ती किए गए लोगों को “80 प्रशिक्षण मैदान और छह प्रशिक्षण केंद्रों” में प्रशिक्षित किया जा रहा है। बता दें क्रेमलिन की सैन्य लामबंदी को कुछ विरोधों का भी सामना करना पड़ा है। बताया जा रहा है कि सैन्य उम्र के पुरुषों के पलायन के कारण – हजारों लोग मुख्य रूप से पूर्व-सोवियत संघ का हिस्सा रहे देशों की ओर चले गए हैं। कजाखस्तान ने मंगलवार को कहा है कि पिछले दो सप्ताह में 200,000 से अधिक रूसी सीमा के इस पार आ चुके थे।
पुतिन ने कहा था गलतियां सुधारने के लिए सैन्य लामबंदी को लेकर चल रही तमाम आशंकाओं को शांत करने के लिए पुतिन ने इस बार में स्पष्ट निर्देश दिए हैं। साथ ही अधिकारियों से लामबंदी में हो रहीं “सभी गलतियों को ठीक करने” का आग्रह किया था। शोइगु ने मंगलवार को ये आश व्यक्त की थी कि सैन्य और नौसेना कमांडर “लड़ाई के लिए भर्ती रंगरूटों को जल्दी से सेना की जरूरत के अनुकूलित करने” में मदद करें। उन्होंने युद्ध के अनुभव वाले अधिकारियों के मार्गदर्शन में (नए रंगरूटों) के साथ अतिरिक्त प्रशिक्षण आयोजित करने का आह्वान किया।उन्होंने कहा कि नए भर्ती किए गए लोगों को “प्रशिक्षण और युद्ध समन्वय” के बाद ही युद्ध क्षेत्रों में भेजा जा सकता है। रूसी रक्षा मंत्री ने सेना भर्ती के लिए आह्वान करते हुए कहा कि “अगर कोई गंभीर कारण नहीं हैं” तो स्वयंसेवक अपने को इससे दूर न करें।
बैकफुट पर रूस पिछलो दिनों यूक्रेन की ओर से लगातार हमलों के चलते पिछले दिनों रूसी सेना को बैकफुट पर आना पड़ा था। इसके बाद व्लादिमीर पुतिन ने रिजर्व सैनिकों के मोबिलाइजेशन का आदेश दिया था। इसके तहत उन 3 लाख लोगों को मोर्चे पर लाने का फैसला लिया गया, जिन्हें सैन्य प्रशिक्षण प्राप्त है।
सही संख्या नहीं बताई गई
पुतिन की ओर से जारी आधिकारिक आदेश में रिजर्व सैनिकों की संख्या नहीं बताई गई थी। हालांकि कहा जा रहा है कि यह आंकड़ा कहीं ज्यादा हो सकता है क्योंकि सेना की ओर से उन लोगों को भी कॉल लेटर दिए जा रहे हैं, जिन्हें कभी कोई ट्रेनिंग नहीं मिली है। बाद में इसके बारे में पुतिन की ओर स्पष्टीकरण भी जारी किया गया था। पर आज भी यह सवाल उठ रहे थे कि आखिर व्लादिमीर पुतिन की यूक्रेन से युद्ध को लेकर प्लानिंग क्या है।
जनमत संग्रह के बाद चार शहरों का किया था विलय बता दें कि बीते शुक्रवार को ही यूक्रेन के 4 इलाकों के रूस ने खुद में विलय के लिए जनमत संग्रह कराया था। अब क्रेमलिन से इस संबंध में कानून भी पारित करा लिया गया है। ऐसे में यू्क्रेन के पूर्वी इलाकों पर रूस ने कब्जे की तैयारी पूरी कर ली है। इसके अलावा व्लादिमीर पुतिन की ओर से लगातार अमरीका समेत नाटो देशों को धमकी दी जा रही है कि यदि वे दखल देंगे तो अंजाम भुगतना होगा। व्लादिमीर पुतिन कई बार कह चुके हैं कि पश्चिमी देश उनकी परमाणु अटैक की धमकी को हल्के में न लें। गौरतलब है कि रूस के बाद दुनिया में सबसे ज्यादा परमाणु हथियार हैं।