रूपाली गांगुली के पास नहीं होते थे बस टिकट के पैसे, वेटर की नौकरी कर पालती थीं परिवार का पेट

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रूपाली गांगुली के पास नहीं होते थे बस टिकट के पैसे, वेटर की नौकरी कर पालती थीं परिवार का पेट


रूपाली गांगुली के पास नहीं होते थे बस टिकट के पैसे, वेटर की नौकरी कर पालती थीं परिवार का पेट

टीवी एक्ट्रेस रूपाली गांगुली को अब घर-घर में ‘अनुपमा’ के नाम से जाना जाता है। यह किरदार उनकी लाइफ का टर्निंग प्वॉइंट साबित हुआ। इसमें उनके अभिनय की भी खूब तारीफ होती हैं। हर कोई उन्हें बेहद पसंद करता है। इस वक्त वह टीवी इंडस्ट्री की सबसे पॉपुलर एक्ट्रेस हैं। इस शो के एक एपिसोड के लिए तीन लाख रुपये चार्ज भी करती हैं। लेकिन एक वक्त ऐसा भी था जब उनका परिवार आर्थिक तंगी से जूझ रहा था। इस बारे में खुलकर रूपाली गांगुली ने बात की है। आइए बताते हैं क्या कहा है।

ETimes से खास बातचीत के दौरान रूपाली गांगुली (Rupali Ganguly) ने बताया कि परिवार चलाने के लिए उन्हें बुटीक और वेटर का काम करना पड़ता था। साथ ही उन्होंने बताया कि 90 के दशक में कास्टिंग काउच होता था। इस वजह से उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री छोड़ दी और टीवी सी जुड़ गईं। रूपाली बताती हैं, ‘मेरे पापा अनिल गांगुली फिल्ममेकर थे। उन्होंने बड़ी लगन से कई फिल्में बनाईं। दुर्भाग्यवश, उनकी दो-तीन फिल्में असफल रहीं और हम सड़क पर आ गए। उन दिनों मैं फिल्में कर रही थी। लेकिन मैंने अपना करियर उस वक्त गंभीरता से नहीं लिया। उस समय फिल्म इंडस्ट्री में कास्टिंग काउच का बहुत चलन था। मेरा फिल्म बैकग्राउंड था लेकिन मैंने अपने पापा से वादा किया था कि मैं कभी भी अपनी डिग्निटी को खोऊंगी नहीं। इसी शर्त पर उन्होंने मुझे हिरोइन बनने की परमिशन दी थी। लेकिन उस समय इंडस्ट्री कैसे काम करती थी ये मैं हैंडल न कर सकी। खासकर कास्टिंग काउच।’


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रूपाली गांगुली ने जब वेटर की नौकरी की
रूपाली ने आगे बताया कि उन्होंने फैसला किया कि वह इससे डील नहीं कर सकती हैं इसलिए उन्होंने इस इंडस्ट्री को छोड़ दिया। उन्होंने कहा, ‘मैंने फिल्म इंडस्ट्री को छोड़ दिया और दादर कैटरिंग से होटल मैनेजमेंट करने लगी। लेकिन मैं उसके साथ रोल्स भी प्ले करती थी। मुझे अपने परिवार को सपोर्ट भी करना था। इसलिए मुझे काम करना पड़ा क्योंकि पापा की तबीयत ठीक नहीं थी। मैंने बुटीक में भी काम किया। मैंने अपने केटरिंग कॉलेज के जरिए वेटर का भी काम किया। मुझे हर घंटे के हिसाब से 180 रुपये मिलते थे। मैं लगातर अलग-अलग तरह की नौकरी कर रही थी। मैंने नाटक भी किए लेकिन पैसों के नाम पर कुछ नहीं मिला।’


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रूपाली गांगुली के पास नहीं थे टिकट के पैसे
रूपाली गांगुली ने अपने पहले ऑडिशन के बारे में भी बताया। कहा, ‘मैं वर्ली से अंधेरी ऑडिशन देने जाती थी। पैसे नहीं होते थे जिससे मैं बस का टिकट तक खरीद सकूं। मेरा पहला टीवी शो राजन शाही के साथ था जिसका नाम दिल है कि मानता नहीं था। उस वक्त मेरे पास जो भी आ रहा था मैं सब कर रही थी। फिर चाहे वह विज्ञापन हो या फिर कैटलॉग शूट्स।’

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रूपाली गांगुली को ऐसे मिला था पहला शो
रूपाली के मुताबिक, जब उन्होंने राजन शाही के शो के लिए ऑडिशन दिया, उस वक्त प्रोड्यूसर किसी और एक्ट्रेस को अप्रूव कर चुके थे। लेकिन वह फिल्में करना चाहती थी। ऐसे में राजन शाही के पास टाइम स्लॉट था लेकिन कोई लीड एक्ट्रेस नहीं थी। रुपाली के मुताबिक वह वर्ली से अंधेरी पैदल जाती थीं। ऐसे में वह बुरी तरह थक जाती थीं। जब वह ऑडिशन देने गईं तो वहां उनकी हालत पहले से ही खराब हो रखी थी। ‘मुझे एक ही मौका मिला था वह भी मैंने अपनी नादनी की वजह से गंवा दिया था। फिर बाद में मैंने राजन शाही से एक और मौका मांगा। काफी मिन्नतें कीं। इसके बाद उन्होंने मुझे दूसरे दिन बुलाया। मैं फिर बस से गई और और ऑडिशन दिया। ऐसे मेरा सेलेक्शन हो गया।’





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