राहुल जाते जाते कांग्रेस को दे जाएंगे नया CM ? राजस्थान की सियासत में जानिए आगे क्या हो सकता है

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राहुल जाते जाते कांग्रेस को दे जाएंगे नया CM ? राजस्थान की सियासत में जानिए आगे क्या हो सकता है

राहुल जाते जाते कांग्रेस को दे जाएंगे नया CM ? राजस्थान की सियासत में जानिए आगे क्या हो सकता है

जयपुर: राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के राजस्थान में पहुंचने के बाद अशोक गहलोत बनाम सचिन पायलट की राजनीति फिलहाल विराम पर है। लेकिन यह सिलसिला कितने दिनों तक चलेगा, इसे लेकर राजनीति के पंड़ित भी संशय जता रहे हैं। सियासी जानकारों का कहना है कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा से ना सिर्फ कांग्रेस की राजनीति में बदलाव आने वाले हैं। बल्कि राजस्थान की राजनीति में भी बड़े परिवर्तन होने के आसार हैं। ऐसा इसलिए कहा जा सकता है , क्योंकि राहुल पिछले 10 दिनों से भारत जोड़ो यात्रा के जरिए राजस्थान की राजनीति को नजदीक से देख -समझ रहे हैं। ऐसे में आने वाले दिनों में उनके और आलाकमान के लिए यह तय कर पाना आसान होगा कि राजस्थान में चल रही तकरार को क्या फैसला किया जाए।

गुजरात और हिमाचल प्रदेश चुनाव हो गए खत्म

सूत्रों का कहना है कि राजस्थान में चल रही सियासी तकरार को लेकर पार्टी पहले इसलिए फैसला नहीं करना चाहती थी , क्योंकि जब सिंतबर में यह तकरार ज्यादा बढ़ी। तब गुजरात और हिमाचल प्रदेश में चुनावी सरगर्मियां तेज थी। ऐसे में पार्टी और आलाकमान बीच में राजस्थान के मुद्दे में दखल नहीं देना चाहती थी। मीडिया रिपोर्ट्स में भी यह बात बार बार सामने आई है कि गुजरात और हिमाचल प्रदेश के चुनाव के बाद राजस्थान को लेकर आलाकमान फैसला ले सकता है। चूंकि अब दोनों प्रदेशों में चुनाव परिणाम आ चुका है। ऐसे में माना जा रहा है कि अब कांग्रेस का पूरा फोकस राजस्थान पर रहेगा और पार्टी यहां चल रहे मुद्दे पर जल्द निर्णय लेगी।

के सी वेणुगोपाल की हिदायत का असर

अशोक गहलोत गुट की ओर से सितंबर महीने में विधायकों के इस्तीफे और बगावती तेवर के बाद राजस्थान की सियासत उफान पर थी। पायलट और गहलोत गुट लगातार एक दूसरे पर हमले कर रहे थे। इतना ही नहीं सीएम गहलोत ने भी पायलट को गद्दार कह कर इस लड़ाई को हवा दे दी थी। लेकिन इसी बीच राहुल की यात्रा राजस्थान पहुंचने से पहले कांग्रेस महासचिव के सी वेणुगोपाल यहां पहुंचे और उन्होंने साफतौर पर दोनों नेताओं को बयानबाजी पर विराम लगाने के लिए कह दिया। इसका असर यह है कि गहलोत और पायलट दोनों ही नेता और उनके समर्थक एक दूसरे पर किसी भी तरह की छींटाकशी करने से बच रहे हैं,ताकि राहुल को राजस्थान की जनता और मीडिया को इस मसले पर कोई जबाव देना नहीं पड़े।

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तीसरा विकल्प भी खोज सकते हैं राहुल

राजनीति के जानकारों के अनुसार यह तो तय माना जा रहा है कि राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी राजस्थान के सियासी तकरार को शांत करने के लिए बड़ा फैसला लेगी। राजस्थान में चूंकि चुनाव को भी लगभग एक साल का ही समय रह गया है। ऐसे में पार्टी इस पूरे मामले में सख्ती से कार्रवाई करेगी। साथ ही जल्द से जल्द इस मसले का हल निकालने की कोशिश भी होगी ताकि जनता के बीच पार्टी को लेकर गलत मैसेज नहीं जाए। राहुल यात्रा के जरिए लगभग 18 दिन तक राजस्थान में रहेंगे। ऐसे में राजस्थान की राजनीति का बारीकी से विश्लेषण भी उनके लिए आसान होगा। पायलट गहलोत के झगड़े को खत्म करने के लिए कांग्रेस पार्टी तीसरे विकल्प की खोजबीन भी शुरू कर सकती है। ऐसी भी संभावनाएं है।

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