राहुल गांधी को ERCP का बैनर दिखाती यह महिला कौन, आखिर क्यों चर्चा में है ये तस्वीर

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राहुल गांधी को ERCP का बैनर दिखाती यह महिला कौन, आखिर क्यों चर्चा में है ये तस्वीर

राहुल गांधी को ERCP का बैनर दिखाती यह महिला कौन, आखिर क्यों चर्चा में है ये तस्वीर

दौसा: 4 दिसंबर से राजस्थान में शुरू हुई राहुल गांधी की यात्रा अब दौसा जिले में पहुंच चुकी है। 14 दिसंबर को यहां राहुल गांधी मीडिया से मुखातिब हुए हैं। इस दौरान उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि तीन बड़े मुद्दों लेकर वो भारत जोड़ो यात्रा पर निकले हैं। पहला मुद्दा बेरोगजारी , दूसरा महंगाई और तीसरा नफरत की राजनीति को खत्म करना है। प्रेस कॉन्फ्रेंस खत्म होने के बाद राहुल गांधी दौसा के बगड़ी गांव में पहुंचे। इस दौरान मीटिंग के दौरान एक महिला राहुल गांधी के संबोधन के दौरान हाथ में पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ERCP) का बैनर लेकर खड़ी हुई नजर आई।

इस दौरान वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने अनेक बार महिला को बिठाने की कोशिश की। लेकिन महिला बैठी नहीं और उसने कहा कि वह राहुल गांधी का ध्यानाकर्षण करना चाहती है। महिला की ओर से बार बार ERCP का बैनर दिखाए जाने के बाद मीडिया के कैमरे भी उसकी ओर घूम गए और उन्होंने महिला के बैनर दिखाने की पूरी वजह उनसे जानी।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस दौरान राहुल गांधी ने करीब 10 मिनट संबोधन चला। ऐसे में राजेश्वरी मीणा नामक यह महिला 10 मिनट तक हाथ में पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना का बैनर लेकर खड़ी रही । महिला ने राहुल गांधी और राज्य सरकार का ध्यानाकर्षण किया। बताया जा रहा है कि महिला का नाम राजेश्वरी मीणा है, जो लंबे समय से ERCP और अन्य सामाजिक मुद्दों को लेकर काम कर रही हैं।

महिला ने बताया , क्यों उन्होंने दिखाया ERCP का बैनर

इस दौरान समाजसेवी महिला राजेश्वरी मीणा ने कहा कि उन्होंने राहुल गांधी के संबोधन का विरोध नहीं किया है, बल्कि उनका ध्यानाकर्षण किया है। वे राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का समर्थन करती हैं, लेकिन 13 जिलों को लाभ पहुचाने वाली ईस्टर्न कैनाल नहर परियोजना में छूटे हुए बांधों को शामिल करने के लिए राहुल गांधी और कांग्रेस सरकार का ध्यानाकर्षण करने के लिए उसने बैनर हाथ में लिया था।

क्या है ERCP का मुद्दा

पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना यानी ईआरसीपी असल में 40,000 करोड़ की योजना है, जिसे राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने की मांग की गई है। इसे लेकर केंद्र और राज्य सरकारों के बीच आरोप प्रत्यारोप की राजनीति चल रही है। अगर यह नहर योजना पूरी होती है तो राजस्थान के 13 जिले झालावाड़, बारां, कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर, अजमेर, टोंक, जयपुर, करौली, अलवर, भरतपुर, दौसा और धौलपुर के लोगों को सिंचाई और अन्य जरूरतों के लिए पर्याप्त पानी मिल सकेगा।

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