राष्ट्रपति चुनाव : शिअद के विधायक अयाली ने किया बहिष्कार

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राष्ट्रपति चुनाव : शिअद के विधायक अयाली ने किया बहिष्कार

राष्ट्रपति चुनाव : शिअद के विधायक अयाली ने किया बहिष्कार

चंडीगढ़, 18 जुलाई (भाषा) पंजाब विधानसभा में शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के विधायक मनप्रीत सिंह अयाली ने राज्य से जुड़े विभिन्न अनसुलझे मुद्दों को लेकर राष्ट्रपति चुनाव का बहिष्कार करने की घोषणा की है।

वहीं हरियाणा में कांग्रेस के विधायक कुलदीप बिश्नोई ने कहा कि उन्होंने अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनने के बाद राष्ट्रपति चुनाव में मतदान किया है। बिश्नोई ने राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार के खिलाफ मतदान किया था।

राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए पंजाब विधानसभा परिसर में मतदान के वास्ते सभी आवश्यक इंतजाम किए गए थे।

पंजाब में वोट डालने वाले विधायकों और मंत्रियों में मुख्यमंत्री भगवंत मान, कैबिनेट मंत्री हरपाल सिंह चीमा, कैबिनेट मंत्री लाल चंद कटारुचक, कांग्रेस के प्रताप सिंह बाजवा, सुखपाल सिंह खैरा और सुखजिंदर रंधावा आदि शामिल हैं।

हरियाणा में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला और सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी-जननायक जनता पार्टी गठबंधन के अधिकतर विधायकों ने सुबह मतदान किया, जबकि मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के विधायकों ने अपराह्न करीब तीन बजे अपने मताधिकार का प्रयोग किया।

इस बीच, शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के विधायक मनप्रीत सिंह अयाली ने सोमवार को राष्ट्रपति चुनाव का बहिष्कार करते हुए कहा कि पंजाब से जुड़े कई मुद्दे अभी भी अनसुलझे हैं और पार्टी नेतृत्व ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने का फैसला करने से पहले उनसे सलाह नहीं ली थी।

अयाली ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार और पिछली कांग्रेस सरकारों को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि पंजाब से संबंधित मुद्दों को अभी तक नहीं सुलझाया गया है।

अयाली ने एक वीडियो संदेश में कहा कि वह अपनी इच्छा के मुताबिक ही राष्ट्रपति चुनाव का बहिष्कार कर रहे हैं और मुर्मू को समर्थन देने का फैसला करने से पहले पार्टी नेतृत्व ने उनसे सलाह नहीं ली थी। अयाली ने पंजाब के मुद्दों का जिक्र करते हुए विवादित नदी जल बंटवारे के मुद्दे का समाधान न होने के अलावा पंजाबी भाषी इलाकों को राज्य को न सौंपने का मामला भी उठाया।

उन्होंने कहा कि भाजपा के सत्ता में आने के बाद उससे पंजाब के मुद्दों के समाधान को लेकर काफी उम्मीदें थीं, लेकिन कुछ भी नहीं किया गया।

वहीं, कुलदीप बिश्नोई ने राजग उम्मीदवार के पक्ष में मतदान करने का संकेत देते हुए कहा, ‘‘राज्यसभा चुनाव की तरह, मैंने इस बार भी अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनने के बाद राष्ट्रपति चुनाव में मतदान किया है।’’

इससे पहले जब संवाददाताओं ने बिश्नोई से भविष्य की रणनीति के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा, ‘‘मैं जल्द ही इसका खुलासा करूंगा।’’

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने अपना वोट डालने के बाद संवाददाताओं से कहा कि वह 21 जुलाई को आने वाले परिणाम में मुर्मू की जीत के प्रति आश्वस्त हैं।

खट्टर ने कहा, ‘‘हम 25 जुलाई को शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होंगे। हरियाणा से हमें उनके पक्ष में जितने वोट मिलने की उम्मीद है, उससे ज्यादा वोट मिलेंगे।’’

इससे पहले पंजाब कांग्रेस के विधायक खैरा ने पत्रकारों से कहा था, ‘‘ हम यशवंत सिन्हा के लिए मतदान करेंगे और हमें उम्मीद है कि वह भारत के अगले राष्ट्रपति होंगे।’’

पंजाब की 117 सदस्यीय विधानसभा में आप के 92 , जबकि कांग्रेस के 18 विधायक हैं। शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के तीन, भाजपा के दो, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) का एक और एक निर्दलीय विधायक है। पंजाब में कांग्रेस के आठ लोकसभा सांसद, शिअद तथा भाजपा के दो-दो और शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) का एक सांसद है। वहीं, सभी सात राज्यसभा सदस्य आप के हैं।

आप तथा कांग्रेस ने सिन्हा, जबकि शिअद तथा बसपा ने मुर्मू का समर्थन करने की घोषणा की है।

हरियाणा की 90 सदस्यीय विधानसभा के 89 सदस्यों को ही विधानसभा परिसर में मतदान की अनुमति दी गई। कांग्रेस के विधायक कुलदीप बिश्नोई को पिछले महीने राज्यसभा चुनाव में ‘क्रॉस-वोटिंग’ करने के मामले में निलंबित कर दिया गया था। बिश्नोई के लिए संसद परिसर में मतदान करना नियत किया गया था।

विधानसभा में भाजपा के 40 और कांग्रेस के 31 विधायक हैं, जिनमें बिश्नोई ने बागी रुख अपना रखा है। जननायक जनता पार्टी के 10, इंडियन नेशनल लोक दल और हरियाणा लोकहित पार्टी के एक-एक विधायक हैं। सात विधायक निर्दलीय हैं।

हरियाणा में लोकसभा के सभी 10 सांसद भाजपा के हैं। राज्य में पांच में से तीन राज्यसभा सदस्य भाजपा के हैं, एक भाजपा समर्थित निर्दलीय सांसद है, और एक सांसद कांग्रेस का है।

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