रामपुर उप-चुनाव जीतने के बाद उत्साहित BJP नगर निकाय चुनाव में बदली रणनीति! | Excited after winning the Rampur by-election, the BJP changed strategy | Patrika News

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रामपुर उप-चुनाव जीतने के बाद उत्साहित BJP नगर निकाय चुनाव में बदली रणनीति! | Excited after winning the Rampur by-election, the BJP changed strategy | Patrika News

रामपुर उप-चुनाव जीतने के बाद उत्साहित BJP नगर निकाय चुनाव में बदली रणनीति! | Excited after winning the Rampur by-election, the BJP changed strategy | News 4 Social


बीजेपी विधायक आकाश सक्सेना ने रचा इतिहास
आकाश सक्सेना ने दो इतिहास रचा। पहला पहली बार कोई गैर मुस्लिम विधायक बना। दूसरा इस सीट पर पहली बार कमल ‌खिला। यह सीट भाजपा को आसानी से नहीं मिली। इसके लिए उसने दांव-पेच लगाए।

भाजपा को यह बात पता थी कि रामपुर सीट जीतना है, तो मुस्लिमों का विश्वास हासिल करना होगा, क्योंकि इस सीट पर 50 प्रतिशत से अधिक मुस्लिम वोटर हैं। दूसरी बात आजम खां का दबदबा है। वह दस बार से इस सीट पर विधायक रहे। उनके सबसे करीबी आसिम रजा मैदान में थे। आजम के करीबी और मुस्लिम चेहरा होने की वजह से सबसे मजबूत दावेदार माने जा र‌हे थे।

13 नवंबर को बीजेपी ने किया पसमांदा मु‌स्लिम सम्मेलन
इसके लिए उसने सबसे पहले 13 नवंबर को पसमांदा मुस्लिमों का सम्मेलन कराया। जिसमें डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक से लेकर पूर्व कैबिनेट मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी तक पहुंचे। उन्होंने पसमांदा मुस्लिमों को विश्वास दिलाया।

मुख्तान अब्बास नकवी घर-घर जाकर मांगे थे वोट
इसके लिए तीन दिनों तक मुख्तार अब्बास नकवी रामपुर में रुके और घर-घर जाकर लोगों को विश्वास दिलाया कि भाजपा मुस्लिमों के साथ है। उनका विश्वास जीता। आजम खां के पूर्व मीडिया प्रभारी फसाहत अली खां उर्फ शानू सहित तमाम मुस्लिम नेताओं को शामिल किया। बीजेपी को इसका फायदा भी मिला।

बीजेपी को जीतना होगा मु‌स्लिमों का विश्वास
बीजेपी के हाईकमान को पता हो गया है कि राजनीति में लंबी पारी खेलना है, तो मुस्लिमों का विश्वास जीतना होगा। नगर निकाय चुनाव में इसकी तैयारी भी शुरू कर दी है। इसी साल हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने एक भी मुस्लिम को टिकट नहीं दिया था। इससे पहले हुए 2017 के विधानसभा, 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में भी कोई मुस्लिम को टिकट नहीं दिया था।

इस साल होने जा रहे नगर निकाय चुनाव में भाजपा में बड़ा बदलाव दिखाई दे सकता है। इस बार बड़ी संख्या में मुस्लिम समाज भाजपा से टिकट की मांग कर रहा है। बीजेपी ने भी उत्तर प्रदेश में इस बार अपनी रणनीति में बड़ा बदलाव किया है। पार्टी की निगाहें मुस्लिम वोटरों को साधने पर है। इसके लिए प्रदेश के 12 सौ बूथ को भी चिन्हित किया है। जहां पर पसमांदा मुस्लिम वोटर की संख्या ज्यादा है। 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी अपनी रणनीति में बदलाव कर रही है

पार्षद पद के लिए भी 30 मुस्लिमों ने मांगा टिकट
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के गृह जनपद में भी मुस्लिम मतों की संख्या करीब आधी है। यहां मेयर पद के लिए तो फिलहाल किसी मुस्लिम ने दावेदारी पेश नहीं की है, लेकिन विभिन्न 20 वार्डों खास कर मुस्लिम बहुल से 30 मुस्लिमों ने दावेदारी की है। यह पहला ऐसा मौका है जब भाजपा से टिकट के लिए निकाय चुनाव में मुस्लिम ने दावेदारी की है। इसकी पुष्टि भाजपा महानगर मीडिया प्रभारी राहुल सेठी ने की है।

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने खुद एक मीडिया के मंच कहा था, “हम सर्व समाज के और सभी बिरादरी के लोगों को टिकट देने जा रहे हैं। जिसमें मुस्लिम समाज भी शामिल है। बीजेपी अंतिम व्यक्ति तक पहुंचना चाहती है।” यही बात डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने भी कही थी, “हम सभी लोगों को साथ लेकर चलेंगे।”

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