रामनगर का बहुचर्चित गोलीकांड: भाजपा-कांग्रेस नेता समेत 48 अभियुक्तों को सात साल की सजा | 48 accused including BJP-Congress leader sentenced to seven year | Patrika News

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रामनगर का बहुचर्चित गोलीकांड: भाजपा-कांग्रेस नेता समेत 48 अभियुक्तों को सात साल की सजा | 48 accused including BJP-Congress leader sentenced to seven year | Patrika News


रामनगर का बहुचर्चित गोलीकांड: भाजपा-कांग्रेस नेता समेत 48 अभियुक्तों को सात साल की सजा | 48 accused including BJP-Congress leader sentenced to seven year | Patrika News

IMAGE CREDIT: patrika
दिनभर रहा गहमागहमी का माहौल
बुधवार को दिनभर सिविल न्यायालय अमरपाटन में गहमागहमी का माहौल बना रहा। सुनवाई के दौरान 47 अभियुक्त मौजूद थे। इस दौरान कोर्ट में जगह कम होने पर उनको गैलरी में बैठाया गया। अदालत परिसर में सुरक्षा की दृष्टि से भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। मालूम हो कि गोलीकांड में कुल 58 लोगों के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध किया गया था। विचारण के दौरान सात आरोपियों की मौत हो गई थी। वहीं दो नाबालिग आरोपियों के खिलाफ सक्षम न्यायालय में चालान पेश किया गया था। एक आरोपी घटना के बाद से फरार है।

ऐसा था पूरा घटनाक्रम
घटना 1 सितंबर 2003 को हुई थी। रामनगर निवासी महेश कोल की फांसी लगाने से मौत हो गई थी। पुलिस ने पंचनामा के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेज दिया। दूसरे दिन तक पोस्टमार्टम नहीें होने पर गुस्साए परिजन सहित अन्य लोग अस्पताल पहुंचे और पोस्टमार्टम हाउस से जबरन शव ले जाने लगे। न्यू देवराजनगर तिराहे पर भीड़ ने चक्काजाम कर दिया। इस पर पहुंची पुलिस ने लोगों को समझाइश दी लेकिन वे अस्पताल के चिकित्सक डॉ अभिमन्यु सिंह को निलंबित करने की मांग पर करने लगे। उनका कहना था कि महेश का शव दो दिन से पड़ा था, लेकिन डॉ अभिमन्यु ने पोस्टमार्टम नहीं किया। कुछ देर में 2000 से ज्यादा लोग जमा हो गए और थाना घेर लिया। आक्रोशित भीड़ ने थाने का प्रवेश द्वार बंदकर बवाल शुरू कर दिया। सूचना पर बड़ी संख्या में पुलिस बल के साथ ही तत्कालीन कलेक्टर एसएन मिश्रा और तत्कालीन एसपी राजाबाबू पहुंचे और लोगों को समझाने का प्रयास किया। कलेक्टर ने भीड़ का नेतृत्व कर रहे भाजपा नेता अरुण द्विवेदी व कांग्रेस नेता पुन्नू उर्फ हसीनुद्दीन को डॉक्टर के निलंबन संबंधी आदेश की जानकारी दी, लेकिन भीड़ अभिमन्यु को बुलाकर सौंपने की मांग करने लगी। इसी दौरान थाना परिसर में खड़े वाहनों में लोगों ने तोडफ़ोड़ शुरू कर दी। तत्कालीन एसडीएम ने हिंसक भीड़ को बल प्रयोग की चेतावनी दी तो लोगों ने कलेक्टर की कार में तोडफ़ोड़ कर पथराव शुरू कर दिया। इससे तत्कालीन एसपी के दो दांत टूट गए और कलेक्टर की पीठ में चोट लगी। इसके अलावा कई अधिकारी और पुलिसकर्मी भी घायल हुए। इस पर पुलिस ने हल्का बल प्रयोग किया लेकिन कोई असर नहीं हुआ। तब अश्रु गैस के 12 सेल छोड़े गए। भीड़ ने अश्रु गैस के सेल पुलिस बल पर ही फेंक दिए और थाना परिसर में खड़े वाहनों में आग लगा दी। भीड़ को हिसंक होता देख लाठीचार्ज किया गया। इस दौरान भीड़ में से कुछ लोगों ने कट्टे से पुलिस बल पर फायर किया।

एसडीएम ने दिए थे गोली चलाने के आदेश
भारी बवाल के बीच तत्कालीन एसडीएम अमरपाटन बीबी श्रीवास्तव ने पुलिस बल को गोली चलाने के आदेश दिए। पुलिस बल द्वारा पांच हवाई फायर किए गए। तब अरुण द्विवेदी और पुन्नु ने लोगों से कहा कि इन्हें गोली चलाने का अधिकार नहीं है। इन्हें जान से मार डालो। लोग हथियार के साथ पुलिस बल की ओर बढऩे लगे तो पुलिस ने 6 राउंड फायर किए। इसके बाद भीड़-तितर बितर हो गई। पुलिस की फायरिंग से प्रदर्शन कर रहे तीन लोगों की मौत हो गई। मृत रामशिरोमणि शर्मा, मनीराम साकेत का शव थाना कैम्पस में बाहर पड़ा था। सतेन्द्र गुप्ता का शव उसके घर में रखा था। इसके बाद आरोपियों के खिलाफ धारा 147, 148, 149, 353, 332, 333, 427, 342, 436, 506 बी, 307 और धारा 3-5 लोक सम्पत्ति क्षति निवारण अधिनियम के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया।

कोर्ट की टिप्पणी: चिकित्सा के आधार पर नरमी बरतना उचित नहीं, जेल में है इलाज की व्यवस्था
महिला अभियुक्त पूर्व जिपं सदस्य शिवा मिश्रा की ओर से बीमारी के आधार पर सजा कम किए जाने व दंडित न करने का आवेदन प्रस्तुत किया गया। बीमारी के दस्तावेज भी पेश किए गए। इस पर अदालत ने कहा कि शिवा मिश्रा इलाजरत रही हैं। जेल में भी चिकित्सा संबंधी व्यवस्था रहती है। चिकित्सा के आधार पर नरमी बरता जाना उचित प्रतीत नहीं होता है।

इन 48 दोषियों को मिली सजा
भाजपा नेता अरुण कुमार द्विवेदी निवासी न्यू रामनगर, कांग्रेस नेता पुन्नू उर्फ हसीनुद्दीन रामनगर, पूर्व जिपं सदस्य शिवा मिश्रा अमरपाटन, गुड्ड उर्फ गोकुल कोल निवासी न्यू रामनगर, मो साबिर न्यू रामनगर, लक्ष्मीकांत पाण्डेय, निवासी भौरव थाना अमिलिया जिला सीधी, राजनारायण गुप्ता न्यू रामनगर, मुमताज उर्फ मुन्नू न्यू रामनगर, अनिल विश्वकर्मा न्यू रामनगर, संतोष कुमार चौरसिया हनुमान नगर न्यू रामनगर, मो रयूब बस स्टैंड न्यू रामनगर, सतीश कुमार गुप्ता न्यू रामनगर, योगेश कुमार द्विवेदी रामनगर, गुरु प्रसाद द्विवेदी निवासी पिपरी देवराजनगर, मुन्ला लाल कोल मसमासी, प्रेमलाल गुप्ता न्यू रामनगर, किरण कुमार चौरसिया रामनगर, अमृत लाल पयासी रामनगर, कमलेश कुमार कोल रामनगर, अज्जू उर्फ संजय चौरसिया रामनगर, मो हसन न्यू रामनगर, धनुषधारी कुशवाहा न्यू रामनगर, मिथलेश चौबे न्यू रामनगर, फोलई साकेत न्यू रामनगर, महेंद्र कुमार शर्मा न्यू रामनगर, इम्तयाज खां न्यू रामनगर, सज्जन खां न्यू रामनगर, डब्बू उर्फ जितेंद्र चौरसिया रामनगर, संतोष कुमार वर्मा रामनगर, छेदी मुसलमान न्यू रामनगर, उमाकांत गुप्ता रामनगर, छोटेलाल चौरसिया रामनगर, सतेंद्र शर्मा भेड़रा गोरहाई रामनगर, जयपाल पटेल गंजास रामनगर, रामकुमार चौरसिया रामनगर, रामरती कोल उर्फ डगहाई निवासी रामनगर, बुटइया बाई बसोर रामनगर, समुद्री बाई चौधरी रामनगर, बाबु महापात्र रामनगर, प्रदीप कुमार द्विवेदी रामनगर, लाला महापात्र न्यू रामनगर, गुड्डा उर्प सहीउद्दीन न्यू रामनगर, अशोक कुमार गुप्ता रामनगर, बृजेश कुमार द्विवेदी रामनगर, प्रकाश गुप्ता रामनगर, रामदयाल अवधिया रामनगर, रामबाई कोल निवासी रामनगर।

अभियुक्तों में पांच महिलाएं भी
अदालत ने जिन 48 अभियुक्तों को सजा सुनाई है उनमें पांच महिलाएं रामरती कोल उर्फ डगहाई निवासी रामनगर, बुटइया बाई बसोर रामनगर, समुद्री बाई चौधरी रामनगर, शिवा मिश्रा अमरपाटन, रामबाई कोल निवासी रामनगर भी शामिल हैं।

तीन अधिवक्ता भी शामिल
अदालत द्वारा जिन 48 अभियुक्तों को सजा सुनाई गई हैं उनमें तीन अधिवक्ता भी शामिल हैं। इन धाराओं के तहत हुई सजा
धारा 307/149 भा.दं.सं. में 7 (सात) वर्ष सश्रम कारावास, पांच सौ रुपए अर्थदण्ड, धारा 333/149 में सात वर्ष सश्रम कारावास एवं पांच सौ रुपए अर्थदण्ड, धारा 435/149 में पांच वर्ष सश्रम कारावास, पांच सौ रुपए अर्थदण्ड, धारा 148 में एक वर्ष सश्रम कारावास, पांच सौ रुपए अर्थदण्ड, धारा 332/149 में एक वर्ष सश्रम कारावास पांच सौ रुपए अर्थदण्ड, धारा 342/149 में एक वर्ष सश्रम कारावास पांच सौ रुपए अर्थदण्ड, धारा 427 में एक वर्ष सश्रम कारावास पांच सौ रुपए अर्थदण्ड, लोक सम्पत्ति को नुकसानी का निवारण अधिनियम की धारा 4 में दो वर्ष सश्रम कारावास, पांच सौ रुपए के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है।

सात आरोपियों की हुई मौत
विचारण के दौरान जयराम कोल, राममिलन कोल, समयलाल चौरसिया, राजेश कोरी, कलवती प्रजापति, ठाकुर प्रसाद त्रिपाठी, तोता बसोर समेत सात आरोपियों की मौत हो गई। दो नाबालिगों के खिलाफ सक्षम न्यायालय में चालान पेश किया गया था।





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