रामचरित मानस बकवास, सरकार को इसे बैन कर देना चाहिए… अब स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान पर विवाद

24
रामचरित मानस बकवास, सरकार को इसे बैन कर देना चाहिए… अब स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान पर विवाद

रामचरित मानस बकवास, सरकार को इसे बैन कर देना चाहिए… अब स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान पर विवाद


लखनऊः बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के रामचरित मानस को लेकर विवादित बयान देने का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामायण पर विवादित टिप्पणी कर दी है। उन्होंने रामायण को बैन करने की मांग की है और कहा है कि जो भी विवादित चीजें इस ग्रंथ में संकलित हैं, उनको निकाला जाना चाहिए। इसके अलावा स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरित मानस को बैन करने की भी मांग की है।

तुलसीदास रचित रामचरितमानस की एक चौपाई ढोल-गंवार-शूद्र-पशु-नारी। ये सब ताड़न के अधिकारी। का जिक्र करते हुए स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि इस तरह की पुस्तकें अनुमन्य कैसे हैं? इनको तो जब्त किया जाना चाहिए और खत्म कर देना चाहिए। मौर्य ने कहा कि महिलाएं सभी वर्ग की हैं। क्या उनकी भावनाएं आहत नहीं हो रही हैं। इन महिलाओं में सभी वर्ग की महिलाएं शामिल हैं। एक तरफ कहोगे- यत्र नार्यस्तु पूज्यंते रमंते तत्र देवता। दूसरी ओर तुलसी बाबा से गाली दिलवाकर उनको कहोगे कि नहीं, इनको डंडा बरसाइए। मारिये-पीटिये। अगर यही धर्म है, तो ऐसे धर्म से हम तौबा करते हैं।

बयान से सपा का कोई लेना-देना नहीं
मौर्य ने कहा कि गाली धर्म नहीं हो सकता। आपके लिए अगर यह धर्म नहीं है तो हमारे लिए भी धर्म यह नहीं है। उन्होंने कहा कि यह आपत्तिजनक है और ऐसे अंश को प्रतिबंधित कर देना चाहिए। मौर्य ने आगे कहा कि आपने इस प्रकार का सवाल किया है तो जवाब दिया। ये मेरा व्यक्तिगत विचार है। इसमें समाजवादी पार्टी का कोई लेना-देना नहीं है। जिस वर्ग को तमाम गालियों से नवाजा है, उसी वर्ग से मेरा भी ताल्लुक रहा है। मैं उस समाज का पढ़ा-लिखा व्यक्ति हूं और मैं समझता हूं कि यह अपमानजनक है तो उसका विरोध करूंगा।

रामचरित मानस बकवासः मौर्य
सपा नेता ने एक टीवी चैनल से बातचीत में कहा कि कई करोड़ लोग ऐसे हैं जो रामचरितमानस को नहीं पढ़ते हैं। सब बकवास है, जिसे तुलसीदास ने अपनी खुशी के लिए लिखा है। सरकार को संज्ञान में लेते हुए रामचरित मानस से उसके आपत्तिजनक अंश को बाहर कर देना चाहिए या फिर इस पूरी पुस्तक को ही बैन कर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसी भी धर्म में किसी को गाली देने का कोई अधिकार नहीं है। तुलसीदास की रामायण की चौपाई है। इसमें वह शूद्रों को अधम जाति का होने का सर्टिफिकेट दे रहे हैं। ब्राह्मण भले ही लंपट, दुराचारी, अनपढ़ और गंवार हो, लेकिन उसे पूजनीय बताया है लेकिन शूद्र ज्ञानी, विद्वान हो फिर भी उसका सम्मान मत करिए। मौर्य ने कहा कि अगर यही धर्म है तो ऐसे धर्म को मैं नमस्कार करता हूं। ऐसे धर्म का सत्यानाश हो, जो हमारा सत्यानाश चाहता हो।

राजनीति की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – राजनीति
News