राज्यसभा चुनाव में RJD को फायदा, JDU को हो सकता है नुकसान, जानिए क्या है नंबर गेम
पटना : बिहार से राज्यसभा के लिए 10 जून को होने वाले राज्यसभा चुनाव में संख्या बल के हिसाब से राष्ट्रीय जनता दल (RJD) को एक सीट का फायदा होगा, जबकि सत्ताधारी पार्टी जनता दल यूनाइटेड (JDU ) को एक सीट का नुकसान हो सकता है। जुलाई में बिहार से पांच सीटें खाली हो रही हैं। उनमें से एक केंद्रीय मंत्री और जदयू के वरिष्ठ नेता आरसीपी सिंह की सीट है। उनके अलावा भाजपा के गोपाल नारायण सिंह और सतीश चंद्र दूबे भी कार्यकाल पूरा करने वालों में होंगे। राजद से मीसा भारती की सीट भी है, जो सात जुलाई को खाली हो रही हैं। इसके अतिरिक्त एक सीट शरद यादव की है, जो जदयू कोटे से राज्यसभा पहुंचे थे।
संख्याबल के हिसाब से संभावना व्यक्त की जा रही है कि बिहार में पांच सीटों के लिए हो रहे चुनाव में मुख्य विपक्षी पार्टी राजद को एक सीट का फायदा हो सकता है जबकि भाजपा अपनी दोनों सीटें बचा पाने में सफल रहेगी। जदयू को एक सीट का नुकसान उठाना पड़ सकता है।
संख्याबल में भाजपा सबसे आगे
संख्याबल में देखे तो विधानसभा में भाजपा के सबसे अधिक 77 विधायक हैं जबकि राजद 76 विधायकों के साथ राज्य में दूसरे नंबर की पार्टी है। जदयू के पास 45 विधायक हैं जबकि हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के पास 4 विधायक हैं। इधर, चुनाव की घोषणा के बाद से ही गहमागहमी प्रारंभ हो गई। नए प्रत्याशी जहां जोड़ तोड़ की रणनीति बना रहे हैं, वही कार्यकाल पूरा कर चुके सांसदों के समर्थको को उम्मीद है कि पार्टी उन्हे निराश नहीं करेगी।
एक सीट के लिए 49 वोट की जरूरत
बता दें कि बिहार विधानसभा में विधायकों की कुल संख्या 243 है। इस आधार पर एक सीट के लिए 49 वोट चाहिए। अगर पांच ही कैंडिडेट नामांकन दाखिल करते हैं तो वोटिंग की जरूरत नहीं पड़ेगी। सभी का निर्विरोध निर्वाचन हो जाएगा। अगर 5 से अधिक कैंडिडेट नामांकन दाखिल करते हैं तो मतदान की जरूरत पड़ेगी।
24 मई से नामांकन
राज्यसभा चुनाव का नोटिफिकेशन 24 मई को जारी होगा। उसी दिन से नामांकन की प्रक्रिया शुरू होगी। 31 मई को नामांकन की आखिरी तारीख होगी। स्क्रूटनी 1 जून को होगी। नाम वापस लेने की अंतिम तारीख 3 जून है। 10 जून को सुबह 9 बजे से 4 बजे तक वोट डाले जाएंगे और उसी दिन शाम 5 बजे वोटों की गिनती होगी।
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संख्याबल के हिसाब से संभावना व्यक्त की जा रही है कि बिहार में पांच सीटों के लिए हो रहे चुनाव में मुख्य विपक्षी पार्टी राजद को एक सीट का फायदा हो सकता है जबकि भाजपा अपनी दोनों सीटें बचा पाने में सफल रहेगी। जदयू को एक सीट का नुकसान उठाना पड़ सकता है।
संख्याबल में भाजपा सबसे आगे
संख्याबल में देखे तो विधानसभा में भाजपा के सबसे अधिक 77 विधायक हैं जबकि राजद 76 विधायकों के साथ राज्य में दूसरे नंबर की पार्टी है। जदयू के पास 45 विधायक हैं जबकि हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के पास 4 विधायक हैं। इधर, चुनाव की घोषणा के बाद से ही गहमागहमी प्रारंभ हो गई। नए प्रत्याशी जहां जोड़ तोड़ की रणनीति बना रहे हैं, वही कार्यकाल पूरा कर चुके सांसदों के समर्थको को उम्मीद है कि पार्टी उन्हे निराश नहीं करेगी।
एक सीट के लिए 49 वोट की जरूरत
बता दें कि बिहार विधानसभा में विधायकों की कुल संख्या 243 है। इस आधार पर एक सीट के लिए 49 वोट चाहिए। अगर पांच ही कैंडिडेट नामांकन दाखिल करते हैं तो वोटिंग की जरूरत नहीं पड़ेगी। सभी का निर्विरोध निर्वाचन हो जाएगा। अगर 5 से अधिक कैंडिडेट नामांकन दाखिल करते हैं तो मतदान की जरूरत पड़ेगी।
24 मई से नामांकन
राज्यसभा चुनाव का नोटिफिकेशन 24 मई को जारी होगा। उसी दिन से नामांकन की प्रक्रिया शुरू होगी। 31 मई को नामांकन की आखिरी तारीख होगी। स्क्रूटनी 1 जून को होगी। नाम वापस लेने की अंतिम तारीख 3 जून है। 10 जून को सुबह 9 बजे से 4 बजे तक वोट डाले जाएंगे और उसी दिन शाम 5 बजे वोटों की गिनती होगी।