राजेंद्र कुमार नहीं, करण दीवान थे देश के पहले सिल्वर जुबली स्टार, पत्रकारिता छोड़ ऐसे बने थे एक्टर

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राजेंद्र कुमार नहीं, करण दीवान थे देश के पहले सिल्वर जुबली स्टार, पत्रकारिता छोड़ ऐसे बने थे एक्टर

राजेंद्र कुमार नहीं, करण दीवान थे देश के पहले सिल्वर जुबली स्टार, पत्रकारिता छोड़ ऐसे बने थे एक्टर

क्या आप जानते हैं कि देश का पहला ‘सिल्वर जुबली स्टार’ कौन है? यानी वह स्टार, जिसकी फिल्में 25 दिन तक लगातार थिएटर में लगी रही हों और उतरने का नाम न लेती हों। ‘सिल्वर जुबली स्टार’ सुनकर हर किसी के जेहन में एक्टर राजेंद्र कुमार का नाम आ जाता है। साठ के दशक में राजेंद्र कुमार की फिल्में 25-25 दिन तक थिएटर्स में टंगी रहती थीं और इसी वजह से राजेंद्र कुमार को ‘जुबली कुमार’ भी कहा जाता था। लेकिन राजेंद्र कुमार देश के पहले ‘जुबली स्टार’ नहीं थे। उनसे पहले भी एक एक्टर रहा था, जिसकी फिल्मों ने सिल्वर जुबली मनाई और उसे ‘सिल्वर जुबली स्टार’ कहा जाने लगा था। यह थे एक्टर करण दीवान।

नवभारत टाइम्स ऑनलाइन की WoW Wednesday सीरीज में हम आपको करण दीवान के बारे में बताने जा रहे हैं, जो कभी एक पत्रकार थे, लेकिन कैसे भारतीय सिनेमा के पहले ‘सिल्वर जुबली स्टार’ बने। करण दीवान का असली नाम दीवान करण चोपड़ा था और उनका जन्म 1917 में गुजरनवाला में हुआ था, जो अब पाकिस्तान में है। शुरुआती पढ़ाई लाहौर में करने के बाद करण दीवान एक उर्दू मैगजीन के एडिटर बन गए थे। उसी दौरान उनकी मुलाकात ताराचंद बड़जात्या से हुई थी। ताराचंद बड़जात्या ने ही राजश्री प्रोडक्शन्स की नींव रखी थी, जिसकी कमान आज उनके पोते सूरज बड़जात्या संभाल रहे हैं।

करण दीवान, फोटो: ETimes


सूरज बड़जात्या के दादाजी ताराचंद की वजह से मौका

करण दीवान को फिल्मों में मौका ताराचंद बड़जात्या की बदौलत ही मिला था। करण दीवान ने पंजाबी फिल्मों से अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत की। उनकी पहली फिल्म ‘पूरण भगत’ थी, जो 1939 में रिलीज हुई थी। करण दीवान ने 1976 तक फिल्मों में काम किया। तीन दशक से भी लंबे करियर में करण दीवान ने 75 से भी ज्यादा फिल्में कीं। इनमें से उनकी कुछ फिल्में थिएटर्स में 25 दिनों तक चलती रहीं, जिसकी वजह से उन्हें ‘सिल्वर जुबली स्टार’ कहा जाने लगा था।

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जॉनी वॉकर और ओम प्रकाश के साथ एक्टर करण दीवान- फोटो: Twitter@FilmHistoryPic

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20 से ज्यादा फिल्मों ने मनाई सिल्वर जुबली


करण दीवान ने अपने करियर में सुरैया से लेकर सुलोचना चटर्जी, स्वर्णलता, वैजयंतीमाला, और नलिनी जयवंत जैसी एक्ट्रेसेस के साथ काम किया। फिल्म ‘रतन’ तो जबरदस्त ब्लॉकबस्टर रही थी। यह फिल्म 1944 में आई थी और उस वक्त की हिट फिल्मों में शुमार रही थी। ‘रतन’ ने बॉक्स ऑफिस पर डायमंड जुबली मनाई थी, जबकि ‘जीनत’ और ‘भाई जान’ जैसी फिल्मों ने सिल्वर जुबली मनाई थी। इन्हीं फिल्मों की बदौलत करण दीवान उस दौर के सिल्वर जुबली स्टार बन गए थे। बताया जाता है कि करण दीवान की 20 से ज्यादा फिल्मों ने सिल्वर जुबली मनाई थी।

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करण दीवान, फोटो: ETimes

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फिल्म रतन का पोस्टर, फोटो: ETimes

जब गिरने लगी पॉपुलैरिटी, किए सपोर्टिंग रोल
पचास के दशक में तो ऐसा भी वक्त था जब करण दीवान एक साथ आठ-आठ फिल्में कर रहे थे। उनकी पॉपुलैरिटी चरम पर थी। लेकिन 60 और 70 के दशक तक आते-आते करण दीवान की पॉपुलैरिटी गिरने लगी। तब वह लीड हीरो वाले किरदारों से हटकर सपोर्टिंग किरदारों पर आ गए। करण दीवान ने 1976 तक फिल्मों में काम किया और फिर एक्टिंग से ब्रेक ले लिया।

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करण दीवान, फोटो: Twitter@FilmHistoryPic

मराठी एक्ट्रेस से शादी, बच्चे और फिर मौत
फिल्मों में काम करने के दौरान ही करण दीवान की मराठी एक्ट्रेस और सिंगर मंजू से मुलाकात हुई। बाद में उन्होंने मंजू से शादी करके घर बसा लिया। रतन और मंजू का प्यार फिल्म ‘रतन’ के दौरान परवान चढ़ा था। शादी के बाद जहां करण दीवान फिल्में करते रहे, वहीं मंजू ने एक्टिंग छोड़कर घर संभाल लिया। करण दीवान और मंजू की पांच बेटियां और दो बेटे हैं। करण दीवान का 2 अगस्त 1979 को निधन हो गया।