राजस्थान: विधानसभा चुनाव से पहले BJP ने खेला बड़ा दांव, धनखड़ को उपराष्ट्रपति बनाए जाने के क्या सियासी मायने

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राजस्थान: विधानसभा चुनाव से पहले BJP ने खेला बड़ा दांव, धनखड़ को उपराष्ट्रपति बनाए जाने के क्या सियासी  मायने

राजस्थान: विधानसभा चुनाव से पहले BJP ने खेला बड़ा दांव, धनखड़ को उपराष्ट्रपति बनाए जाने के क्या सियासी मायने

जयपुर:विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने एक बार फिर बड़ा दांव खेला है। भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने पहले आदिवासी समुदाय को खुश करते हुए द्रोपदी मुर्मू (Draupadi murmu) को राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार बनाया। अब किसान वर्ग और ओबीसी (OBC) को आकर्षित करने के लिए राजस्थान के कद्दावर जाट नेता जगदीप धनकड़ को उप राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया है।

सांसदों और विधायकों की संख्या के लिहाज से द्रोपदी मुर्मू और जगदीप धनकड़ (Draupadi murmu and jagdeep dhankar) की जीत तय है। वोट बैंक के तौर पर आदिवासी समुदाय और ओबीसी वर्ग दोनों अपने आप में राजनैतिक प्रभुत्व वाले वर्ग हैं। चुनावों के समय प्रमुख राजनैतिक पार्टियां इन वर्गों को रिझाने की कोशिश में रहती है क्योंकि ये दोनों वर्ग राजनैतिक दलों का भविष्य तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

जाट बाहुल्य वाली 25 विधानसभा सीटों पर सीधा असर
जगदीप धनखड़ को उपराष्ट्रपति पद का प्रत्याशी बनाकर भाजपा ने ओबीसी और विशेषकर जाटों को रिझाने का प्रयास किया है। शेखावटी और पश्चिम राजस्थान कुल 26 विधानसभा सीटों पर जाट समुदाय अपना प्रभुत्व रखता है। प्रमुख राजनीतिक दल भी इन विधानसभा क्षेत्रों से जाट समुदाय के नेताओं को टिकट देते आए हैं। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी वर्ष 1998 में शेखावटी में हुई एक चुनावी सभा में जाटों को आरक्षण देने का ऐलान किया था । इसके बाद में इस वादे को पूरा भी किया। इस लिहाज से जगदीप धनकर को उपराष्ट्रपति बनाने पर शेखावटी और पश्चिम राजस्थान की राजनीति में एक बड़ा संदेश जाएगा।

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पहले भैंरोसिंह शेखावत को उपराष्ट्रपति बनाया था भाजपा ने
भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने पूर्व में राजपूत समाज के वरिष्ठ नेता भैरों सिंह शेखावत को उपराष्ट्रपति बनाया था। भैरों सिंह शेखावत राजस्थान के सीकर जिले में स्थित खाचरियावास गांव के रहने वाले थे। भैरों सिंह शेखावत वर्ष 2002 से लेकर 2007 तक देश के उपराष्ट्रपति रहे। यह पहला मौका था जब राजस्थान के किसी नेता को उपराष्ट्रपति बनाया गया। जगदीप धनखड़ को उपराष्ट्रपति बनाए जाने पर वे राजस्थान के दूसरे ऐसे नेता होंगे, जो उपराष्ट्रपति पद को सुशोभित करेंगे। उपराष्ट्रपति पद राजस्थान के नेता को दूसरी बार अवसर देने वाली पार्टी भी भाजपा होगी।

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द्रोपदी मुर्मू के जरिये आदिवासी नेताओं को आकर्षित करने की कोशिश
द्रोपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद का प्रत्याशी बनाकर भी भाजपा ने एक बड़ा चुनावी दांव खेला है। राजस्थान में 47 विधानसभा सीटें ऐसी है जो अनुसूचित जाति और आदिवासी बाहुल्य वाली सीटें है। भाजपा के कई नेताओं ने कांग्रेस और अन्य दलों के आदिवासी नेताओं से द्रौपदी मुर्मू के लिए समर्थन मांगा है। चूंकि राष्ट्रपति चुनाव में मतदान गोपनीय होता है। किसी भी राजनीतिक दल की व्हिप लागू नहीं होती है। इस कारण कांग्रेस सहित अन्य दलों और निर्दलीय आदिवासी विधायकों और सांसदों को द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने की अपील की गई है।

रिपोर्ट: रामस्वरूप लामरोड़

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