राजस्थान में 24 घंटे के अंदर खोज ली गई विधायक जी की SUV, आम लोगों को 6 महीने बीत जाने के बाद भी करना पड़ रहा इंतजार

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राजस्थान में 24 घंटे के अंदर खोज ली गई विधायक जी की SUV, आम लोगों को 6 महीने बीत जाने के बाद भी करना पड़ रहा इंतजार

राजस्थान में 24 घंटे के अंदर खोज ली गई विधायक जी की SUV, आम लोगों को 6 महीने बीत जाने के बाद भी करना पड़ रहा इंतजार

जयपुर: पुलिस अगर ठान ले , नामुमकिन को मुमकिन होने में वक्त नहीं लगता। राजस्थान पुलिस को लेकर सोशल मीडिया पर कुछ ऐसी ही बात हो रही है। दरअसल ऐसा इसलिए कहा जा रहा है, क्योंकि यहां पुलिस ने नागौर के खींवसर विधायक और राजस्थान की राजनीति में खास पैंठ रखने वाले सांसद आरएलपी संयोजक हनुमान बेनीवाल के भाई नारायण बेनीवाल की कार महज 24 घंटे में बरामद कर ली। दरअसल रविवार को प्रदेश की राजधानी जयपुर के श्याम नगर इलाके से नारायण बेनीवाल की स्कॉर्पियो कार चोरी हो गई थी। विधायक नारायण बेनीवाल के घर से कुछ ही दूरी पर हुई कार चोरी से प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल उठने लगा। वहीं पुलिस भी यह जानती थी कि इस घटना के बाद राजस्थान पुलिस और सरकार की घेराबंदी हो सकती है। लिहाजा मामला की गंभीरता को देखते हुए पुलिस टीम चोरी हुई कार को ढूंढ़ने में जुट गई।


महज 24 घंटे में ढूंढ़ निकाली विधायक की कार
रविवार को पुलिस ने घटना के महज 24 घंटे में ही जोधपुर के बोरूंदा से बरामद कर लिया। गाड़ी पर पुलिस को गुजरात नंबर की प्लेट लगी मिली। वहीं असली नंबर प्लेट गाड़ी के अंदर से पुलिस को बरामद हुई है। यह भी बताया जा रहा है कि विधायक की गाड़ी में लगे जीपीएस के तारों को वाहन चोरों ने काट दिया था।

नाकाबंदी के चलते चोर कार को छोड़ भागे
कार चोरी होने की सूचना विधायक पुत्र के चालक ने रविवार सुबह दी थी। इसके बाद पुलिस ने प्रदेशभर में नाकाबंदी कराई। सोमवार सुबह 9 बजे जोधुपर की बोरूंदा थाना पुलिस को विधायक की कार औद्योगिक क्षेत्र में सोजन-गोटन मेगा हाईवे पर खड़ी मिली। गुजरात नंबरों को लेकर पुलिस का मानना है कि वह उसे गुजरात ले जाने की फिराक में थे, लेकिन प्रदेश में नाकाबंदी के चलते उसे आधे रास्ते में ही छोड़ भागे।

विधायक नारायण बेनीवाल की कार को महज 24 घंटे में खोज लेने को लेकर पुलिस की तारीफ हो रही है। वहीं आम लोगों की बात करें, तो इस मामले में राजस्थान पुलिस का रवैया खुद आंकड़े बयान करते हैं। अपनी गाढ़ी कमाई से खरीदे गए वाहनों के चोरी होने के बाद भी उन्हें पुलिस की ओर से किए जा रहे प्रयासों का इंतजार है।

छह महीनों में 9 प्रतिशत वाहनों की ही बरामदगी
पता चला है कि बीते छह महीनों में जयपुर कमिश्नरेट से 2696 बाइक, 347 कार और 1253 अन्य वाहन है। इसमें ई-रिक्शा ट्रैक्टर और अन्य वाहन चोरी हो चुके हैं। इसमें से केवल 378 वाहन की बरामद हुए है। मीडिया रिपोटर्स के अनुसार छह माह में 4296 चोरी हुए वाहनों में से 9 प्रतिशत की ही बरामदगी हो पाई है। वहीं चोरी गए वाहनों की कीमत का आंकलन करें तो यह आंकड़ा 20 करोड़ के भी पार हैं।

रिपोटर्स के अनुसार जयपुर शहर से रोजाना 21 वाहन चोरी होते हैं, लेकिन इनकी बरामदगी की रफ्तार काफी धीमी है। बड़ी बात यह है कि वाहनों चोरी के बढ़ते मामलों के बावजूद पुलिस चोरी के नेटवर्क और मुख्य आरोपियों को नहीं पकड़ पा रही हैं। इसके चलते अपराधी बेखौफ हो रहे है और अपराध का ग्राफ बढ़ता जा रहा है।

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