राजस्थान में असदुद्दीन औवेसी और अरविंद केजरीवाल की चुनावी सभाएं इसी माह
Rajasthan Political News: चुनावी राज्य राजस्थान में सियासी पारा चढ़ने लगा है। कांग्रेस और बीजेपी की आमने-सामने की जंग में अब आम आदमी पार्टी और एआईएमआईएम भी धावा बोलने जा रही हैं। इसी महीने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और असदुद्दीन ओवैसी राजस्थान में जन सभाएं करने जा रहे हैं।
हाइलाइट्स
- राजस्थान विधानसभा चुनाव इसी वर्ष हैं, चुनावी सरगर्मियां भी शुरू हुई
- बीजेपी और कांग्रेस के साथ अन्य पार्टियां भी हुई सक्रिय
- एआईएमआईएम और आम आदमी पार्टी ने भी शुरू की कसरत
- इसी महीने अरविंद केजरीवाल और असदुद्दीन ओवैसी की सभाएं
शेखावाटी और मेवात के बाद मारवाड़ में ओवैसी
एआईएमआईएम के चीफ असदुद्दीन ओवैसी सीकर, झुंझुनूं और नागौर में जनसभाओं को संबोधित कर चुके हैं। पिछले दिनों उन्होंने अलवर और टोंक में भी सभाएं की थी। अब 11 और 12 मार्च को ओवैसी जोधपुर और बाड़मेर के दौरे पर रहेंगे जहां तीन विधानसभा क्षेत्रों में जनसभाएं करेंगे। ओवैसी प्रदेश कांग्रेस सरकार को सीधा टारगेट करते हैं। वे आरोप लगाते हैं कि कांग्रेस तुष्टिकरण की राजनीति करती है। अल्पसंख्यकों और वंचितों पर लगातार अत्याचार हो रहे हैं इसके बावजूद भी सरकार चुप बैठी है। अल्पसंख्यकों पर बढे अत्याचारों को लेकर ओवैसी कांग्रेस सरकार को लगाकार घेर रहे हैं। वे 40 से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान भी कर चुके हैं।
तिरंगा यात्रा के जरिए आप का आगाज करेंगे केजरीवाल
आम आदमी पार्टी पिछले डेढ साल से राजस्थान में सक्रिय हैं। दिल्ली के विधायक विनय मिश्रा पार्टी के प्रदेश प्रभारी हैं। वे लगातार अलग अलग जिलों में दौरे कर रहे हैं। विनय मिश्रा दावा कर चुके हैं अलग अलग राजनैतिक दलों के कई सीनियर नेता उनके संपर्क में हैं और जल्द ही वे पार्टी की सदस्यता ग्रहण करेंगे। सब जानते हैं कि जब तक अरविन्द केजरीवाल का दौरा नहीं होगा तब तक पार्टी अपनी जमीन नहीं बना सकेगी। अब 13 मार्च को आम आदमी पार्टी की ओर से जयपुर में तिरंगा यात्रा निकाली जाएगी जिसमें दिल्ली के सीएम अरविन्द केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान शामिल होंगे। ऐसे में यह तय है कि इस तिरंगा यात्रा में हजारों की संख्या में लोग पार्टी से जुड़ेंगे।
एक बार बीजेपी और एक बार कांग्रेस को सत्ता में आने से रोकने की कोशिश
राजस्थान में पिछले 30 वर्षों से कांग्रेस और बीजेपी बारी बारी से सत्ता पर काबिज होती आई है। इस बार आम आदमी पार्टी, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी और एआईएमआईएम इस सिलसिले को तोड़ने की कोशिश में हैं। कांग्रेस अपनी योजनाओं के बलबूते सत्ता रिपीट करने की कोशिश कर रहे है तो बीजेपी केन्द्र की मोदी सरकार योजनाओं और मोदी के चेहरे के दम पर सत्ता पर काबिज होने का प्रयास कर रहे ही। इस बार के विधानसभा चुनावों में किसी भी पार्टी के लिए सीधे तौर पर बहुमत हासिल करना आसान नहीं होगा। आप, आरएलपी और एआईएमआईएम इन्हें रोकने में पूरा दम लगा रही है।
रिपोर्ट – रामस्वरूप लामरोड़
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