राजस्थान भाजपा का सियासी संकट होगा खत्म, इन नेताओं के दौरों से बंधी आस | Rajasthan Political Crisis Bjp Rajasthan NarendraModi Jp Nadda Visit | Patrika News
भाजपा ने राजस्थान पर फोकस कर लिया है। पार्टी में चल रही अंदरूनी खींचतान और गुटबाजी पर आलाकमान की पूरी नजर है। पार्टी चाहती है कि 2023 के चुनाव से पहले सारी गुटबाजी को खत्म करना चाहती है।
अब तक इन तीनों नेताओं के दौरों पर नजर डालें तो राजस्थान की अलग-अलग दिशाओं में ये नेता आए हैं और अलग-अलग वोटबैंक को साधने की कोशिश की है। पीएम नरेंद्र मोदी कुछ दिन पहले ही आबू रोड आए थे। यहां उन्होंने राजस्थान की जनता से देरी से आने के लिए क्षमा मांगी थी। अब मोदी नवम्बर के पहले सप्ताह में राजस्थान के मानगढ़ धाम के दौरे पर आएंगे। यह धाम राजस्थान-गुजरात सीमा पर बांसवाड़ा के आनंदपुरी के पास एक पहाड़ी पर स्थित है। यहां पर मध्यप्रदेश और गुजरात की भी सीमाएं जुड़ती हैं। गुजरात में इसी साल विधानसभा चुनाव भी होने है।वहीं अगले साथ राजस्थान और मध्यप्रदेश में भी विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में मोदी की मानगढ़ की सभा तीन राज्यों के चुनावी समीकरणों को साधने की रणनीति के तहत होगी। यह राजस्थान का दक्षिणी हिस्सा हैं और मोदी के दौरे को इस क्षेत्र को साधने के रूप में देखा जा रहा है।
नड्डा करेंगे बूथ को मजबूत
राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का 20 और 21 अक्टूबर को कोटा प्रवास रहेगा। भाजपा ने प्रत्येक संभाग पर पार्टी के बूथ के कार्यकर्ताओं के संभाग सम्मेलन की रचना की है। इसके तहत कोटा संभाग के बूथ सम्मेलन को नड्डा संबोधित करेंगे। नड्डा ने इस साल सवाईमाधोपुर में भी एक बड़ी रैली की थी। इस बहाने नड्डा के पूर्वी और दक्षिणी-पूर्वी राजस्थान काे साधने की तैयारी है। इस क्षेत्र में भाजपा फिलहात कमजोर है।
राजस्थान का सियासी संकट खत्म होने के आसार, 19 अक्टूबर के बाद आलाकमान कर सकते हैं बड़ा फैसला
शाह में जोधपुर में भरी थी हुंकारगृहमंत्री अमित शाह 10 सितंबर को जोधपुर के रावण चबूतरा मैदान में भाजपा के बूथ सम्मेलन में शामिल हुए थे। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गृहजिले में शाह ने उन्हें चुनौती दी थी। यहां वे ओबीसी मोर्चे के सम्मेलन में भी शामिल हुए थे। जोधपुर से पहले गृहमंत्री ने जैसलमेर का भी दौरा किया था। इससे पहले शाह जयपुर में भी आ चुके हैं। यहां उन्होंने भाजपा मुख्यालय पहुंचकर नेताओं से मुलाकात की थी और एक होकर चुनाव में उतरने का आह्वान किया था।