राजस्थान को फिर दहलाने की साजिश ? रेलवे ब्रिज विस्फोट के बाद से 70 KM दूर नदी में मिला 186 किलो जिलेटिन

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राजस्थान को फिर दहलाने की साजिश ? रेलवे ब्रिज विस्फोट के बाद से 70 KM दूर नदी में मिला 186 किलो जिलेटिन

राजस्थान को फिर दहलाने की साजिश ? रेलवे ब्रिज विस्फोट के बाद से 70 KM दूर नदी में मिला 186 किलो जिलेटिन

जयपुर : उदयपुर में ओढ़ा रेलवे ब्रिज पर ब्लास्ट की साजिश की जांच में राज्य और केंद्र की एजेंसियां जुटी हुई है। इसी बीच एक और हड़कंप मचाने वाला खुलासा हुआ है। अब उदयपुर अहमदाबाद ट्रेक पर हुए ब्लास्ट के तीसरे दिन ओढ़ा पुल से करीब 70 किमी दूर आसपुर में जिलेटिन से भरे सात कट्‌टे मिले हैं। इनका वजन करीब 186 किलो है। ये कट्‌टे डूंगरपुर जिले के गडा नाथजी के पास सोम नदी पर बने भबराना पुल के नीचे से बरामद हुए हैं। जिलेटिन का उपयोग ब्लास्ट में किया जाता है। डूंगरपुर जिले में इस विस्फोटक सामग्री मिलने से घटना में आतंकियों या नक्सलियों के शामिल होने की संदेह और बढ़ गया है। आसपुर थाना पुलिस ने इस विस्फोटक को जब्त किया है। वहीं मामले की जांच तेज कर दी है।


पुलिस सूत्रों का कहना है कि हमें बड़ी मात्रा में जिलेटिन की छड़े मिली हैं। इन्हें जब्त कर लिया गया है। माना जा रहा है कि किसी ने निष्क्रिय करने के लिए इन्हें यहां डाला होगा। हम इसकी हर एंगल से जांच कर रहे हैं। मामले में अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। यह भी जानकारी मिली है कि जिलेटिन की छड़ें जिस पैकेट में रखी थीं, उस पर राजस्थान का पता लिखा हुआ है। हालांकि गीला होने की वजह से पैकेट का कागज गल गया है। इसके चलते पैकेट पर लिखा हुआ स्पष्ट नहीं दिख रहा है।

विशेषज्ञों के मुताबिक आमतौर पर नक्सली हमले के लिए जिलेटिन छड़ों का उपयोग करते हैं। खदानों में भी जिलेटिन छड़ों का यूज किया जाता है। इससे जुड़ा एक हादसा झाबुआ में साल 2015 में हुआ था। यहां खाद बीज की दुकान में अवैध रूप से डेटोनेटर और जिलेटिन रोड का भंडारण किया गया था, जो अचानक फट गया था, जिससे यहां 78 लोगों की जान चली गई थी। बताया जाता है कि ढाई किलो जिलेटिन की छड़ में इतनी ताकत होती है कि यह 200 वर्ग फीट क्षेत्र को बर्बाद कर सकती है। राजस्थान में किस वजह से इतनी भारी मात्रा में जिलेटिन रखी गई थी। फिलहाल यह जांच का विषय है। पुलिस इस मामले में हर एंगल से जांच कर रही है। आतंकी या नक्सली हमला या किसी की शरारत यह पुलिस इंवेस्टिगेशन में मिलने वाले सबूत के आधार पर ही तय हो पाएगा।

टल गया बड़ा हादसा
जानकारों का कहना है कि उदयपुर-अहमदाबाद ट्रैक से अहमदाबाद-उदयपुर-असरवा ट्रेन नंबर 19703 और 19704 रोजाना गुजरती है। अभी तक की जांच में पता चला है कि धमाके से चार घंटे पहले ही इसी ट्रैक से ट्रेन निकली थी। यह कहा जा रहा है कि यदि ट्रेन गुजरने के दौरान ब्लास्ट होता तो बड़ा हादसा हो सकता था। धमाके के बाद ट्रैक से गुजरने वाली ट्रेन को डूंगरपुर में ही रोक दिया। ट्रेन में 665 यात्री सफर कर रहे थे।

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