राजस्थान के बांसवाडा में मैगनीज Mines की बंपर नीलामी, मिलेगी करोड़ों की राशि | Bumper Auction of Manganese Mines in Banswara, Rajasthan | Patrika News
माइंस विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि राज्य में पहली बार किसी माइनिंग ब्लॉक की कंपोजिट लाइसेंस के रूप में नीलामी की गई है। इससे पहले किसी भी खनिज के लिए खनन पट्टों के लिए नीलामी की जाती रही है। आरंभिक अनुमानों के अनुसार राज्य में मैगनीज के 20 मिलियन टन भण्डार उपलब्ध है। इसमें मुख्यतः मैगनीज के भण्डार बांसवाडा जिले में हैं वहीं कुछ भण्डार राजसमंद जिले में भी पाए गए हैं। बांसवाड़ा के कालाखूंट, तम्बेसरा, पाखेड़ा, नयागांव में करीब 17 मिलियन टन संभावित भण्डार है, वहीं राजसमंद के देलवाड़ा तहसील के नेगडिया में 2.16 मिलियन टन भण्डार होने का अनुमान है।
यह भी पढ़े : सीएस के निर्देश: ग्रामीण युवाओं के स्टार्टअप्स को मिलेगी 5 लाख की प्रोत्साहन राशि
कंपोजिट लाइसेंस के अनुसार संबंधित लाइसेंसधारी द्वारा खनिज के अनुमानित भण्डार की खोज का कार्य किया जाएगा व उसके बाद खनन का पट्टा जारी होगा। उन्होंने बताया कि 6.30 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के कालाखूंट मैगनीज ब्लॉक में 6.552 मिलियन टन मैगनीज भण्डार होने का आरंभिक अनुमान है। विभाग की ओर से 5 प्रतिशत प्रीमियम पर भारत सरकार के ई पोर्टल के माध्यम से पारदर्शी तरीके से ई-नीलामी में रखा गया, इसमें इनिशियल प्राइस ऑफर 7.11 प्रतिशत आई और उसके बाद अंतिम बोली 12.11 प्रतिशत प्रीमियम आई है। ई-नीलामी में तीन निविदादाताओं ने हिस्सा लिया। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा कालाखूंटा सहित मैगनीज के चार ब्लॉक नीलामी के लिए तैयार किए गए हैं इनमें से तीन ब्लॉक कंपोजिट लाइसेंस व एक ब्लॉक खनन पट्टे के लिए नीलामी के लिए तैयार किया गया है।
डॉ. अग्रवाल ने बताया कि मैगनीज बहुत ही उपयोगी धातु है और इसका उपयोग मिश्रधातु के रूप में किया जाता है। स्टील को फौलाद बनाने के लिए स्टील में करीब एक प्रतिशत मैगनीज मिलाया जाता है। मैगनीज स्टील में करीब 13 प्रतिशत मैगनीज होता है। इस स्टील का उपयोग राइफल बैरल, रेलवे की पटरी आदि मजबूत बनाने के लिए किया जाता है। इसी तरह से एलुमिनियम में मिलाकर ड्रिंक कैन, उर्वरकों, कांच में उपयोग, बैटरी, पेंट यहां तक की दवा उद्योग आदि में भी मैगनीज उपयोग खनिज है। एक मोटे अनुमान के अनुसार दुनिया में कुल उत्पादित मैगनीज में से 90 प्रतिशत उपयोग स्टील में किया जाता है।
यह भी पढ़े : कर्मचारियों के लिए खुशखबरी: साल में दो बार मिलेगी पदोन्नति के मौके
निदेशक माइंस केबी पण्ड्या ने बताया कि दुनिया के देशों में मैगनीज का सर्वाधिक उत्पादन चीन में होता है। हमारे देश में उडीसा, मध्यप्रदेश, कर्नाटका और महाराष्ट्र के बाद अब राजस्थान भी मैगनीज का खोज व खनन करने वाले प्रदेशों में शामिल हो गया है।
माइंस विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि राज्य में पहली बार किसी माइनिंग ब्लॉक की कंपोजिट लाइसेंस के रूप में नीलामी की गई है। इससे पहले किसी भी खनिज के लिए खनन पट्टों के लिए नीलामी की जाती रही है। आरंभिक अनुमानों के अनुसार राज्य में मैगनीज के 20 मिलियन टन भण्डार उपलब्ध है। इसमें मुख्यतः मैगनीज के भण्डार बांसवाडा जिले में हैं वहीं कुछ भण्डार राजसमंद जिले में भी पाए गए हैं। बांसवाड़ा के कालाखूंट, तम्बेसरा, पाखेड़ा, नयागांव में करीब 17 मिलियन टन संभावित भण्डार है, वहीं राजसमंद के देलवाड़ा तहसील के नेगडिया में 2.16 मिलियन टन भण्डार होने का अनुमान है।
यह भी पढ़े : सीएस के निर्देश: ग्रामीण युवाओं के स्टार्टअप्स को मिलेगी 5 लाख की प्रोत्साहन राशि
कंपोजिट लाइसेंस के अनुसार संबंधित लाइसेंसधारी द्वारा खनिज के अनुमानित भण्डार की खोज का कार्य किया जाएगा व उसके बाद खनन का पट्टा जारी होगा। उन्होंने बताया कि 6.30 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के कालाखूंट मैगनीज ब्लॉक में 6.552 मिलियन टन मैगनीज भण्डार होने का आरंभिक अनुमान है। विभाग की ओर से 5 प्रतिशत प्रीमियम पर भारत सरकार के ई पोर्टल के माध्यम से पारदर्शी तरीके से ई-नीलामी में रखा गया, इसमें इनिशियल प्राइस ऑफर 7.11 प्रतिशत आई और उसके बाद अंतिम बोली 12.11 प्रतिशत प्रीमियम आई है। ई-नीलामी में तीन निविदादाताओं ने हिस्सा लिया। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा कालाखूंटा सहित मैगनीज के चार ब्लॉक नीलामी के लिए तैयार किए गए हैं इनमें से तीन ब्लॉक कंपोजिट लाइसेंस व एक ब्लॉक खनन पट्टे के लिए नीलामी के लिए तैयार किया गया है।
डॉ. अग्रवाल ने बताया कि मैगनीज बहुत ही उपयोगी धातु है और इसका उपयोग मिश्रधातु के रूप में किया जाता है। स्टील को फौलाद बनाने के लिए स्टील में करीब एक प्रतिशत मैगनीज मिलाया जाता है। मैगनीज स्टील में करीब 13 प्रतिशत मैगनीज होता है। इस स्टील का उपयोग राइफल बैरल, रेलवे की पटरी आदि मजबूत बनाने के लिए किया जाता है। इसी तरह से एलुमिनियम में मिलाकर ड्रिंक कैन, उर्वरकों, कांच में उपयोग, बैटरी, पेंट यहां तक की दवा उद्योग आदि में भी मैगनीज उपयोग खनिज है। एक मोटे अनुमान के अनुसार दुनिया में कुल उत्पादित मैगनीज में से 90 प्रतिशत उपयोग स्टील में किया जाता है।
यह भी पढ़े : कर्मचारियों के लिए खुशखबरी: साल में दो बार मिलेगी पदोन्नति के मौके
निदेशक माइंस केबी पण्ड्या ने बताया कि दुनिया के देशों में मैगनीज का सर्वाधिक उत्पादन चीन में होता है। हमारे देश में उडीसा, मध्यप्रदेश, कर्नाटका और महाराष्ट्र के बाद अब राजस्थान भी मैगनीज का खोज व खनन करने वाले प्रदेशों में शामिल हो गया है।