राजस्थान कांग्रेस में भी तेज हुई जातिगत जनगणना की मांग, ओबीसी नेताओं ने शुरू की मुहिम

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राजस्थान कांग्रेस में भी तेज हुई जातिगत जनगणना की मांग, ओबीसी नेताओं ने शुरू की मुहिम

कांग्रेस के ओबीसी नेताओं का तर्क, 55 फ़ीसदी आबादी के बावजूद नहीं मिल रही राज में भागीदारी, राजस्थान में 55 फ़ीसदी ओबीसी जातियां लेकिन आरक्षण केवल 21 फीसदी

जयपुर। देश भर में एक ओर जहां जातिगत जनगणना को लेकर चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है तो वहीं अब राजस्थान कांग्रेस में भी जातिगत जनगणना की मांग उठने लगी। खासकर राजस्थान की ओबीसी जातियों से जुड़े कांग्रेस नेता जातिगत जनगणना की मांग को पुरजोर तरीके से उठाते हुए मुहिम शुरू की है।

ओबीसी जाति से जुड़े कांग्रेस नेताओं ने प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश प्रभारी अजय माकन से मिलकर भी जातिगत जनगणना की मांग की है।

राजस्थान में 55 फीसदी ओबीसी जातियां
राजस्थान कांग्रेस ओबीसी विभाग के प्रदेश संयोजक राजेंद्र सेन का कहना है राजस्थान में 55 फ़ीसदी ओबीसी जातियां हैं। इसके बावजूद उन्हें राज में भागीदारी नहीं मिल रही है। 55 फ़ीसदी ओबीसी जातियां होने के बावजूद 21 फ़ीसदी आरक्षण मिला है जबकि आरक्षण जातिगत आधार पर मिलना चाहिए।

यह विसंगति जातिगत जनगणना के बाद ही दूर हो सकती है। उन्होंने कहा कि यह मांग केवल कांग्रेस पार्टी ही नहीं बल्कि सभी विपक्षी पार्टियां कर रही हैं। वर्तमान आरक्षण में कई विसंगतियां हैं ओबीसी को आरक्षण तो दिया गया लेकिन व्यवहारिक रूप से सही नहीं है।

कांग्रेस के पूर्व विधायक भोलाराम सैनी का कहना है कि जातिगत जनगणना जरूरी है और मोदी सरकार को चाहिए कि वह जातिगत जनगणना कराए। क्योंकि इसके बिना 15 फीसदी लोग सत्ता में आ जाते हैं और बाकी मुंह ताकते रह जाते हैं।

कांग्रेस ओबीसी विभाग के जयपुर देहात अध्यक्ष अमर चंद कुमावत ने कहा कि ओबीसी में कई जातियां ऐसी हैं जो पिछड़ों में भी पिछड़ी है। ऐसे में जब जातिगत जनगणना होगी तो पिछड़ी जातियों को आगे आने का मौका मिलेगा। जातिगत जनगणना इसलिए भी जरूरी है क्योंकि ओबीसी में ही कई ऐसी जातियां हैं जिन्हें राजनीति और शिक्षा में फायदा नहीं मिल रहा वह आज भी पिछड़े के पिछड़े ही हैं।

जातिगत जनगणना के अध्ययन के लिए सोनिया गांधी गठित की कमेटी
इधर देश में जातिगत जनगणना पर अध्ययन के लिए कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी 7 सदस्य कमेटी बनाई है, जिसमें पूर्व केंद्रीय मंत्री विरप्पा मोइली को अध्यक्ष बनाया गया है। वहीं हाल ही में दिल्ली के महाराष्ट्र सदन में भी हुए सम्मेलन में भी देश भर के ओबीसी जाति से जुड़े नेताओं एक मंच पर आकर जातिगत जनगणना की मांग की थी।













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