राजस्थान: कांग्रेस के पूर्व विधायक को 3 साल की जेल, 22 साल पहले एसपी को मारा था थप्पड़

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राजस्थान: कांग्रेस के पूर्व विधायक को 3 साल की जेल, 22 साल पहले एसपी को मारा था थप्पड़

राजस्थान: कांग्रेस के पूर्व विधायक को 3 साल की जेल, 22 साल पहले एसपी को मारा था थप्पड़


केकड़ी के पूर्व विधायक बाबूलाल सिंगारिया को पीसीपीएनडीटी कोर्ट ने आज सजा सुनाई है। कोर्ट ने बाबलाल सिंगारिया को तीन साल कारावास और 50 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है। बाबूलाल सिंगारिया ने कलक्ट्रेट में एसपी को थप्पड़ मारा था। 22 साल सुनवाई के बाद कोर्ट का फैसला आया है।

 

पूर्व विधायक बाबूलाल सिंगारिया को तीन साल की सजा

हाइलाइट्स

  • केकड़ी के पूर्व विधायक बाबूलाल सिंगारिया को सजा,
  • पीसीपीएनडीटी कोर्ट ने सुनाई बाबूलाल को तीन साल जेल की सजा
  • कोर्ट ने बाबूलाल पर लगाया 50 हजार का जुर्माना
  • कलक्ट्रेट में एसपी को थप्पड़ मारने के मामले में 22 साल बाद कोर्ट का फैसला
अजमेर: राजस्थान के अजमेर में आज से 22 साल पहले 2001 में एसपी को थप्पड़ मारने के मामले में आज शुक्रवार को कोर्ट ने फैसला सुनाया। कोर्ट ने पूर्व विधायक बाबूलाल सिंगारिया को आज तीन साल जेल की सजा और 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया। बाबूलाल सिंगारिया ने कलेक्ट्रेट सभागार में 30 जून 2001 को एक बैठक में तत्कालीन कलेक्टर उषा शर्मा और पुलिस प्रशासन की मौजूदगी में तत्कालीन एसपी आलोक त्रिपाठी को थप्पड़ मार दिया था। इस मामले में बाबूलाल सिंगारिया के खिलाफ मामला दर्ज कर चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की गई थी। तब से इस केस की सुनवाई चल रही थी। आज कोर्ट ने पूर्व विधायक बाबूलाल सिंगारिया को दोषी मानते हुए 3 साल की सजा और जुर्माने की सजा सुनाई।

इन धाराओं में हुई बाबूलाल सिंगारिया को सजा

शुक्रवार को पीसीपीएनडीटी कोर्ट की जज सीमा ढाका ने आईपीसी की धारा 332 में 3 की सजा, आईपीसी की धारा 353 के तहत 2 साल की सजा, 50 हजार रुपये का जुर्माना और आईपीसी की धारा 186 के तहत 3 माह का कारावास और 500 रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है। कोर्ट में पूर्व विधायक बाबूलाल की मौजूदगी में उन्हें सजा सुनाई गई। सिंगारिया के वकील ने जमानत अर्जी पेश की है।

कोर्ट में पेश हुए थे 20 गवाह

अभियोजन अधिकारी निर्मला कुमारी ने बताया कि 22 साल पुराने इस प्रकरण में अभियोजन पक्ष की ओर से 20 गवाह पेश किए गए। इनमें पीड़ित तत्कालीन एसपी आलोक त्रिपाठी, तत्कालीन एडिशनल एसपी वासुदेव भट्ट, तत्कालीन कलेक्टर उषा शर्मा और अन्य प्रत्यक्षदर्शी के साथ जांच अधिकारी पुन्नू स्वामी सतबीर सिंह भी अदालत में पेश हुए थे।

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3 नवंबर 2004 को पेश हुई थी चार्जशीट

इस मामले में तत्कालीन एडीएम अशफाक हुसैन ने सिविल लाइंस थाने में मुकदमा दर्ज करवाया था। जांच के बाद 3 नवंबर 2004 को आरोपी सिंगारिया के खिलाफ चार्जशीट पेश हुई थी। उस समय सिंगारिया केकड़ी विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक थे। सिंगारिया ने अपने राजनीतिक प्रभाव का उपयोग करते हुए इस प्रकरण को कार्य समय लंबित रखा। यही कारण है कि 7 अप्रैल 2018 को कोर्ट में आरोप तय किए गए। 13 जनवरी 2021 को इस मामले में साक्ष्य और गवाह अदालत में पेश हुए। 21 मार्च 2023 को अदालत में अंतिम बहस हुई। इसमें अभियुक्त बाबूलाल सिंगारिया को दोषी माना गया।

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