रखिए इन बातों का ध्यान और बढ़ते कोलेस्ट्रॉल से रहें बेफ्रिक | cholesterol health Blood Pressure Sugar heart attack | Patrika News
आखिर क्यों बिगड़ता है कोलेस्ट्रॉल – अधिक मात्रा में फैट युक्त भोजन
– वजन बढ़ना
– खानपान में लापरवाही
– नियमित कसरत नहीं करना
– आनुवांशिक(वंशानुक्रमिक, जेनेटिक्स)
– बढ़की उम्र में लापरवाही
– पैक्ड फूड का सेवन तीन तरह के होते है कोलेस्ट्रॉल
लो डेनसिटी लिपोप्रोटीन्स (LDL)
हाई डेनसिटी लिपोप्रोटीन्स (HDL)
वेरी लो डेनसिटी लिपोप्रोटीन्स (VLDL) भारत में 80 % से ज्यादा लोगों को हाई कोलेस्ट्रॉल हैं, इसका कारण है लोगों में जागरूकता की कमी।
कैसे पता लगा सकते है कि कोलेस्ट्रॉल बढ़ा या घटा
– पैदल चलने पर सांस फूलना
– हाई ब्लड प्रेशर
– डायबिटीज
– पैरों में दर्द
क्यों बढ़ता है कोलेस्ट्रॉल बढ़ता
1. शराब का सेवन, धूम्रपान और तनाव आपका कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ा है। इनकी वजह से आपके दिल पर दबाव बढ़ता है और चिंता पैदा होती है। जंक फूड को कम करना, शराब और धूम्रपान से बचना, आपके कोलेस्ट्रॉल के स्तर को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है।
2. रेड मीट, डेयरी और चीनी जैसे उच्च वसा वाले खाद्य पदार्थ खाने से आपका कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है। क्योंकि ये चीजें आपके लीवर में ज्यादा फैट जमा करती हैं। कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने के लिए आपको विटामिन और फाइबर (बीज, नट्स, पत्तेदार सब्जियां और साबुत अनाज) से भरपूर खाद्य पदार्थों को शामिल करना चाहिए।
3. बदलते जीवन में पैक्ड फूड का अधिक उपयोग होता है, जो फ्रोजन या रेडी-टू-कुक होता है, ऐसे खाद्य पदार्थ स्वास्थ्य के लिए खतरनाक होते हैं, क्योंकि इनमें केमिकल का उपयोग होता है। जो लंबे समय तक चल सकता है। इनका नियमित रूप से सेवन करने से कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ता है। इसलिए हमेशा ताजी चीजों का सेवन करना चाहिए।
4. बदलते समय में लोगों के शरीर की मेहनत कम होती है। जिसके कारण एक्सरसाइज की कमी से शरीर में एक्स्ट्रा फैट जमा होने लगती है। यह फैट आपके लीवर में जमा हो जाता है और आपके शरीर में कोलेस्ट्रॉल को बढ़ा देता है। नियमित व्यायाम से आपका वजन और कोलेस्ट्रॉल दोनों को नियंत्रित किया जा सकता है और हर बीमारी का कारण समाप्त किया जा सकता है।
5. डार्क चॉकलेट कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने में सहायक होती है, इसके रोजाना सेवन से आपके शरीर में कोलेस्ट्रॉल का स्तर नियंत्रण में रहता है और शरीर में एलडीएल (लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन) की मात्रा कम हो जाती है।
डिस्क्लेमर– आर्टिकल में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल सामान्य जानकारी प्रदान करते हैं। इन्हें आजमाने से पहले किसी विशेषज्ञ अथवा चिकित्सक से सलाह जरूर लें। ‘पत्रिका’ इसके लिए उत्तरदायी नहीं है।
– वजन बढ़ना
– खानपान में लापरवाही
– नियमित कसरत नहीं करना
– आनुवांशिक(वंशानुक्रमिक, जेनेटिक्स)
– बढ़की उम्र में लापरवाही
– पैक्ड फूड का सेवन तीन तरह के होते है कोलेस्ट्रॉल
हाई डेनसिटी लिपोप्रोटीन्स (HDL)
वेरी लो डेनसिटी लिपोप्रोटीन्स (VLDL) भारत में 80 % से ज्यादा लोगों को हाई कोलेस्ट्रॉल हैं, इसका कारण है लोगों में जागरूकता की कमी।
कैसे पता लगा सकते है कि कोलेस्ट्रॉल बढ़ा या घटा
– पैदल चलने पर सांस फूलना
– हाई ब्लड प्रेशर
– डायबिटीज
– पैरों में दर्द
क्यों बढ़ता है कोलेस्ट्रॉल बढ़ता
1. शराब का सेवन, धूम्रपान और तनाव आपका कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ा है। इनकी वजह से आपके दिल पर दबाव बढ़ता है और चिंता पैदा होती है। जंक फूड को कम करना, शराब और धूम्रपान से बचना, आपके कोलेस्ट्रॉल के स्तर को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है।
2. रेड मीट, डेयरी और चीनी जैसे उच्च वसा वाले खाद्य पदार्थ खाने से आपका कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है। क्योंकि ये चीजें आपके लीवर में ज्यादा फैट जमा करती हैं। कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने के लिए आपको विटामिन और फाइबर (बीज, नट्स, पत्तेदार सब्जियां और साबुत अनाज) से भरपूर खाद्य पदार्थों को शामिल करना चाहिए।
3. बदलते जीवन में पैक्ड फूड का अधिक उपयोग होता है, जो फ्रोजन या रेडी-टू-कुक होता है, ऐसे खाद्य पदार्थ स्वास्थ्य के लिए खतरनाक होते हैं, क्योंकि इनमें केमिकल का उपयोग होता है। जो लंबे समय तक चल सकता है। इनका नियमित रूप से सेवन करने से कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ता है। इसलिए हमेशा ताजी चीजों का सेवन करना चाहिए।
4. बदलते समय में लोगों के शरीर की मेहनत कम होती है। जिसके कारण एक्सरसाइज की कमी से शरीर में एक्स्ट्रा फैट जमा होने लगती है। यह फैट आपके लीवर में जमा हो जाता है और आपके शरीर में कोलेस्ट्रॉल को बढ़ा देता है। नियमित व्यायाम से आपका वजन और कोलेस्ट्रॉल दोनों को नियंत्रित किया जा सकता है और हर बीमारी का कारण समाप्त किया जा सकता है।
5. डार्क चॉकलेट कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने में सहायक होती है, इसके रोजाना सेवन से आपके शरीर में कोलेस्ट्रॉल का स्तर नियंत्रण में रहता है और शरीर में एलडीएल (लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन) की मात्रा कम हो जाती है।
डिस्क्लेमर– आर्टिकल में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल सामान्य जानकारी प्रदान करते हैं। इन्हें आजमाने से पहले किसी विशेषज्ञ अथवा चिकित्सक से सलाह जरूर लें। ‘पत्रिका’ इसके लिए उत्तरदायी नहीं है।