‘ये है न टोपी’… जगदानंद सिंह के इस इशारे में छिपा है बड़ा राज, न बोल कर भी बहुत कुछ बोल गए बिजुलिया बाबा
Bihar Politics: आखिरकार 2 महीने से रूठे जगदानंद सिंह लालू के कहने पर मान गए। उन्हें उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव हाथ पकड़ कर मनुहार वाले अंदाज में RJD के पटना ऑफिस ले आए। इस दौरान जगदानंद सिंह ने पूछे जाने पर सबको अपनी टोपी दिखाई। जानिए क्या है जगदा बाबू की टोपी का राज…
हाइलाइट्स
- जगदानंद सिंह की हरी टोपी का राज
- जगदानंद सिंह के इशारे में छिपा पड़ा राज
- न बोल भी बहुत कुछ कह गए बिजुअिया बाबा
- असली खबर तो यहां है… पढ़िए
पटना: लगभग ढाई महीने के बाद आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह पार्टी कार्यालय तो आ गए, मगर बड़े मान मनव्वल के बाद। साथ में बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव भी आए। यूं कहिए कि तेजस्वी न सिर्फ उन्हें मनाकर लाए बल्कि साथ भी लाए। इस दौरान तेजस्वी यादव ने कहा ‘आप लोग जगदानंद सिंह को नहीं जानते।’ लालू यादव के मनाने पर भले जगदानंद सिंह मान गए हो लेकिन पार्टी कार्यालय से निकलते वक्त उन्होंने टोपी पर इशारा करते हुए सबकुछ जाहिर कर दिया। आरजेडी दफ्तर के बाहर पत्रकार उनसे डेढ़ महीने तक ना आने का कारण जानना चाहते थे। लेकिन उन्होंने कुछ भी नहीं कहा। मगर अपनी टोपी पर इशारा करके उन्होंने यह साफ इशारा दिया कि उन्होंने RJD की टोपी फिर से पहन ली है।
मान गए जगदानंद सिंह
NBT बिहार ने आपको पहले ही बताया था कि लालू यादव किसी भी हालत में जगदानंद सिंह को नई सियासत की बलि नहीं चढ़ने देना चाहते थे। लेकिन बेटे सुधाकर सिंह के कृषि मंत्री के पद से इस्तीफे को कबूल किए जाने के बाद से जगदानंद सिंह नाराज थे। वो चाहते थे कि उनके बेटे सुधाकर सिंह कृषि मंत्री बने रहे लेकिन उनका इस्तीफा ले लिया गया। इसके बाद 2 अक्टूबर से ही जगदानंद सिंह पार्टी ऑफिस नहीं आ रहे थे। लेकिन आखिर में सिंगापुर जाने से पहले लालू यादव ने उन्हें मना लिया और जगदानंद सिंह ने फिर से राष्ट्रीय जनता दल की निशानी हरी टोपी पहन ली, न सिर्फ पहन ली बल्कि इशारे से दिखाई भी। इसे आप जगदानंद सिंह का वो अंदाज भी कह सकते हैं जब उन्हें गर्व से कुछ कहना होता है। जगदानंद सिंह इस इशारे से ये बता गए कि वो चाहे कितने ही नाराज क्यों न हों, लेकिन रहेंगे RJD के ही।
ऐसे मनाया लालू ने
जगदानंद सिंह सिर्फ पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ही नहीं हैं बल्कि RJD के लिए क्षत्रिय समाज के प्रतिनिधि भी हैं। रघुवंश बाबू के निधन के बाद ये समाज आरजेडी से काफी नाराज था। ऐसे में लालू नहीं चाहते थे कि इस बार ऐसी नाराजगी हो जो इस समाज को कहीं पार्टी से दूर ही न कर दे। दिल्ली में लालू-तेजस्वी के साथ जगदाबाबू की बैठक में नाराजगी दूर करने के लिए बड़ी पहल की गई थी। सूत्रों का कहना था कि लालू ने साफ कहा कि ‘हम इलाज के लिए सिंगापुर जा रहे हैं और लौटने में काफी वक्त लगेगा। ऐसे में जगदा बाबू, आपको ही सबकुछ संभालना है।’
इसलिए लालू को जगदानंद सिंह की जरूरत
सवाल ये भी है कि आखिर क्यों लालू प्रसाद यादव सुधाकर सिंह के इस्तीफे से नाराज जगदा बाबू को त्यागने को तैयार नहीं हैं। तो ये अच्छी तरह से जान लीजिए कि जगदानंद सिंह लालू से नहीं बल्कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से नाराज हैं। यही वजह है कि जगदानंद सिंह इस उम्र में भी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष का ताज पहने रहने को राजी हो गए। यूं कहिए कि लालू ने उन्हें मना लिया।
पटना से अमन सिंह के इनपुट के साथ
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Bihar Politics: आखिरकार 2 महीने से रूठे जगदानंद सिंह लालू के कहने पर मान गए। उन्हें उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव हाथ पकड़ कर मनुहार वाले अंदाज में RJD के पटना ऑफिस ले आए। इस दौरान जगदानंद सिंह ने पूछे जाने पर सबको अपनी टोपी दिखाई। जानिए क्या है जगदा बाबू की टोपी का राज…
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- जगदानंद सिंह की हरी टोपी का राज
- जगदानंद सिंह के इशारे में छिपा पड़ा राज
- न बोल भी बहुत कुछ कह गए बिजुअिया बाबा
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मान गए जगदानंद सिंह
NBT बिहार ने आपको पहले ही बताया था कि लालू यादव किसी भी हालत में जगदानंद सिंह को नई सियासत की बलि नहीं चढ़ने देना चाहते थे। लेकिन बेटे सुधाकर सिंह के कृषि मंत्री के पद से इस्तीफे को कबूल किए जाने के बाद से जगदानंद सिंह नाराज थे। वो चाहते थे कि उनके बेटे सुधाकर सिंह कृषि मंत्री बने रहे लेकिन उनका इस्तीफा ले लिया गया। इसके बाद 2 अक्टूबर से ही जगदानंद सिंह पार्टी ऑफिस नहीं आ रहे थे। लेकिन आखिर में सिंगापुर जाने से पहले लालू यादव ने उन्हें मना लिया और जगदानंद सिंह ने फिर से राष्ट्रीय जनता दल की निशानी हरी टोपी पहन ली, न सिर्फ पहन ली बल्कि इशारे से दिखाई भी। इसे आप जगदानंद सिंह का वो अंदाज भी कह सकते हैं जब उन्हें गर्व से कुछ कहना होता है। जगदानंद सिंह इस इशारे से ये बता गए कि वो चाहे कितने ही नाराज क्यों न हों, लेकिन रहेंगे RJD के ही।
ऐसे मनाया लालू ने
जगदानंद सिंह सिर्फ पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ही नहीं हैं बल्कि RJD के लिए क्षत्रिय समाज के प्रतिनिधि भी हैं। रघुवंश बाबू के निधन के बाद ये समाज आरजेडी से काफी नाराज था। ऐसे में लालू नहीं चाहते थे कि इस बार ऐसी नाराजगी हो जो इस समाज को कहीं पार्टी से दूर ही न कर दे। दिल्ली में लालू-तेजस्वी के साथ जगदाबाबू की बैठक में नाराजगी दूर करने के लिए बड़ी पहल की गई थी। सूत्रों का कहना था कि लालू ने साफ कहा कि ‘हम इलाज के लिए सिंगापुर जा रहे हैं और लौटने में काफी वक्त लगेगा। ऐसे में जगदा बाबू, आपको ही सबकुछ संभालना है।’
इसलिए लालू को जगदानंद सिंह की जरूरत
सवाल ये भी है कि आखिर क्यों लालू प्रसाद यादव सुधाकर सिंह के इस्तीफे से नाराज जगदा बाबू को त्यागने को तैयार नहीं हैं। तो ये अच्छी तरह से जान लीजिए कि जगदानंद सिंह लालू से नहीं बल्कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से नाराज हैं। यही वजह है कि जगदानंद सिंह इस उम्र में भी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष का ताज पहने रहने को राजी हो गए। यूं कहिए कि लालू ने उन्हें मना लिया।
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