ये लीजिए MCD चुनाव में भी ओवैसी की हो गई एंट्री, क्या केजरीवाल का गेम बिगाड़ेंगे?

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ये लीजिए MCD चुनाव में भी ओवैसी की हो गई एंट्री, क्या केजरीवाल का गेम बिगाड़ेंगे?

ये लीजिए MCD चुनाव में भी ओवैसी की हो गई एंट्री, क्या केजरीवाल का गेम बिगाड़ेंगे?

नई दिल्ली: एक समय AIMIM प्रेसिडेंट असदुद्दीन ओवैसी हैदराबाद तक सीमित थे लेकिन अब वह बिहार, गुजरात और दिल्ली के चुनावों में भी दिखते हैं। दिल्ली में MCD चुनाव होने वाले हैं, इससे पहले उन्होंने कई रैलियां की हैं। उन्हें सुनने के लिए मुस्लिम समुदाय में खासा उत्साह देखा गया। ओवैसी जब भी दूसरे राज्यों में जाते हैं तो उन्हें बीजेपी की बी-टीम कहा जाता है तो कभी उन्हें ध्रुवीकरण के लिए जिम्मेदार ठहराया जाता है। दरअसल, ओवैसी मुस्लिम समुदाय के रहनुमा के तौर पर अपनी बात रखते हैं तो इसे भाजपा को फायदे के तौर पर देखा जाता है। अब एमसीडी चुनाव में वह रैली कर रहे हैं तो आम आदमी पार्टी को मुश्किल हो सकती है। दिल्ली में सरकार चला रही आम आदमी पार्टी MCD में भी भाजपा के एकछत्र राज को खत्म करना चाहेगी लेकिन ओवैसी उसके वोटबैंक में सेंध लगा सकते हैं। एक समय मुस्लिम वोटर कांग्रेस के साथ हुआ करते थे लेकिन दिल्ली में ओवैसी का फेस 15+1 वॉर्डों पर गेम पलट सकता है। दिल्ली नगर निगम (MCD) चुनाव चार दिसंबर को होने वाले हैं। ओवैसी ने केजरीवाल पर मुसलमानों को बदनाम करने का आरोप लगाया है।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कोविड के दौरान मुसलमानों को बदनाम करने की साजिश की। तबलीगी जमात को सुपर स्प्रेडर कहा… वह झूठे हैं। क्या उनकी पार्टी को वोट देंगे?

ओवैसी, दिल्ली की एक सभा में

मुसलमान, केजरीवाल और ओवैसी
ओवैसी गुजरात में भी दहाड़ रहे हैं। वह मंच से खुलेआम आम आदमी पार्टी पर बरस रहे हैं। एक दिन पहले वह बोले, ‘लोग बोलते हैं ये कांग्रेस, भाजपा और ये दूसरी छोटी रिचार्ज के पार्टी के लोग…।’ जब दिल्ली के श्रीराम कॉलोनी में ओवैसी ने बोलना शुरू किया तो उन्होंने लोगों को बताया कि उनकी पार्टी चुनाव में हिस्सा क्यों ले रही है? ओवैसी ने कहा, ‘जमीनी सतह से कमजोरों और मजलूमों की एक सियासी लीडरशिप बने और उसके लिए हम सियासी पार्टी के जरिए कोशिश करते हैं… याद रखिए कि संविधान में आवाम का भरोसा बढ़ता जाएगा जब कमजोरों की आवाज उनके नुमाइंदों के तौर पर कामयाब हो। चाहे वह एमसीडी, विधानसभा या संसदीय चुनाव हो।’

फरवरी 2020 में उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों के दौरान केजरीवाल गायब हो गए थे जबकि वह CAA के खिलाफ शाहीनबाग में प्रदर्शन करने वालों के खिलाफ बोले थे…जब लोग कोविड-19 से जूझ रहे थे तब दिल्ली के मुख्यमंत्री ने जहर उगला कि तबलीगी जमात के कारण कोरोना वायरस फैल रहा है।

ओवैसी, सीलमपुर में बोले

ओवैसी ने कहा कि मजलिस ये पैगाम देने आई है कि ये हिस्सेदारी की लड़ाई है। यहां उन्होंने कोविड के समय का जिक्र करते हुए तबलीगी जमात का जिक्र किया। ओवैसी ने सीधे केजरीवाल पर हमला बोला। उन्होंने कहा, ‘दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कोविड के दौरान मुसलमानों को बदनाम करने की कोशिश की। उन्होंने तबलीगी जमात का नाम लेकर तमाम मुस्लिमों को बदनाम किया और उन्हें सुपर स्प्रेडर कहा।’ ओवैसी ने केजरीवाल को ‘झूठा’ बताते हुए ‘सच’ का साथ देने के लिए वोट मांगा।

उनकी पार्टी के एक व्यक्ति ने, जो बाद में भाजपा में शामिल हो गया, ‘गोली मारों…’ का नारा लगाया। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने तबलीगी जमात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई, लेकिन इस व्यक्ति के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज नहीं कराई। यह उनका असली चेहरा है… वह 2013 के नरेंद्र मोदी हैं और उनके सारे रेकॉर्ड तोड़ना चाहते हैं।

हैदराबाद के सांसद ओवैसी

रविवार को दोपहर न्यू सीलमपुर की फल मार्केट में लोगों की काफी भीड़ जुटी। मुस्तफाबाद की सभा खत्म करने के बाद ओवैसी ने सीलमपुर की सभा में 30 मिनट तक भाषण दिया। सड़क के दोनों ओर बने मकानों की छतों से लेकर बालकनी में लोग खड़े होकर ओवैसी को गौर से सुनते रहे। हालांकि सभा में जुटी भीड़ वोट में कितनी तब्दील हो पाएगी, यह कहा नहीं जा सकता लेकिन प्रचार में उतरी बीजेपी के नेताओं की फौज और ओवैसी के आने से दिल्ली का एमसीडी चुनाव भी अब रोचक हो चला है। ओवैसी की पार्टी दिल्ली में सीलमपुर वॉर्ड के अलावा श्रीराम कॉलोनी, मुस्तफाबाद, खुरेजी, बाटला हाउस और शाहीन बाग सहित 15 वॉर्डों पर निगम चुनाव लड़ रही है।

एआईएमआईएम प्रमुख ने कहा कि उनकी पार्टी भाजपा को जीतने में मदद नहीं करती है बल्कि ‘आप’ और कांग्रेस करती हैं और फिर वे कहते हैं कि ओवैसी की वजह से भाजपा को फायदा हो रहा है। ओवैसी ने मुस्लिम समुदाय से एआईएमआईएम उम्मीदवारों को वोट देकर अपना खुद का नेतृत्व बनाने को कहा। उन्होंने कहा, ‘आपने कांग्रेस को वोट दिया लेकिन वह भाजपा को नहीं रोक सकी। आपने ‘आप’ को वोट दिया, लेकिन फिर भी भाजपा की जीत हुई। अगर ‘आप’ पतंग (एआईएमआईएम का चुनाव चिन्ह) के सामने वाला बटन दबाते हैं तो आपके वोट की कीमत बढ़ जाएगी… चाहे भाजपा हो, कांग्रेस हो या दिल्ली के मुख्यमंत्री का छोटा रिचार्ज। वे कभी नहीं चाहेंगे कि आप अपना नेतृत्व खड़ा करें।’

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