यूपी में MSME अब भारत की 10 भाषाओं के साथ बेचेगा यूपी में बनें हुए प्रोडक्ट, ODOP से होगा युवाओं, किसानों को लाभ | MSME UP mou with koo app on odop products in Indian language | Patrika News

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यूपी में MSME अब भारत की 10 भाषाओं के साथ बेचेगा यूपी में बनें हुए प्रोडक्ट, ODOP से होगा युवाओं, किसानों को लाभ | MSME UP mou with koo app on odop products in Indian language | Patrika News

यूपी में MSME अब भारत की 10 भाषाओं के साथ बेचेगा यूपी में बनें हुए प्रोडक्ट, ODOP से होगा युवाओं, किसानों को लाभ | MSME UP mou with koo app on odop products in Indian language | Patrika News

Koo App Founder with ACS Navneet Sahgal
उत्तर प्रदेश सरकार में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम और निर्यात संवर्धन के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री नवनीत सहगल ने कू ऐप के सह-संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री अप्रमेय राधाकृष्ण के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। उत्तर प्रदेश सरकार के एमएसएमई और निर्यात संवर्धन के अतिरिक्त मुख्य सचिव नवनीत सहगल ने कहा, “कू ऐप के साथ यह जुड़ाव हमारे ओडीओपी उत्पादों को बड़े दर्शकों तक पहुंचाने में मदद करेगा और कई क्षेत्रीय भाषाओं में ओडीओपी से जुड़ी बातचीत को बढ़ावा देगा।”

कू ऐप के सह-संस्थापक अप्रमेय राधाकृष्ण ने कहा, “आज उत्तर प्रदेश सरकार के साथ इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करते हुए हमें बहुत प्रसन्नता हो रही है। यह भी पढे: राक्षसों से भी बदतर बन गया जीजा, 5 साल की बच्ची के हाथ पैर बांधकर रेप, पुलिस अधिकारी भी रो पड़े

जब ओडीओपी पहल के माध्यम से स्थानीय उत्पादों को विश्व स्तर पर बढ़ावा देने की बात आती है तो उत्तर प्रदेश एक अगुआ के रूप में उभरकर सामने आया है। हमारे लिए स्थानीय कारीगरों के शिल्प को समूचे भारत में ले जाना और विभिन्न भाषाओं में इसे बढ़ावा देने में मदद करना वास्तव में एक खुशी की बात है।”

‘एक जिला, एक उत्पाद’ के बारे में
‘वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट’ (ओडीओपी) 2018 में माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा शुरू की गई एक प्रमुख पहल है। इसका उद्देश्य कारीगरों को उनके उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार करने के साथ स्वदेशी और विशेष उत्पादों एवं शिल्प को प्रोत्साहित करना है। इसके अंतर्गत कारीगरों की आय बढ़ाने और ज्यादा रोजगार पैदा करने के लिए एक व्यापक उद्देश्य के साथ मार्केटिंग और ब्रांडिंग में मदद करना भी शामिल है। इस पहल को अब केंद्र सरकार और देशभर के अन्य राज्यों द्वारा भी अपनाया जा रहा है।

अधिक जानकारी के लिए वेबसाइट देखें – http://www.odopup.in/en कू ऐप के बारे में
Koo App की लॉन्चिंग मार्च 2020 में भारतीय भाषाओं के एक बहुभाषी, माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म के रूप में की गई थी, ताकि भारतीयों को अपनी मातृभाषा में अभिव्यक्ति करने में सक्षम किया जा सके। कू ऐप ने भाषा-आधारित माइक्रो-ब्लॉगिंग में नया बदलाव किया है।

Language of Koo App फिलहाल हिंदी, मराठी, गुजराती, पंजाबी, कन्नड़, तमिल, तेलुगू, असमिया, बंगाली और अंग्रेजी समेत 10 भाषाओं में उपलब्ध है। Koo App भारतीयों को अपनी पसंद की भाषा में विचारों को साझा करने और स्वतंत्र रूप से अभिव्यक्ति के लिए सशक्त बनाकर उनकी आवाज को लोकतांत्रिक बनाता है।

मंच की एक अद्भुत विशेषता अनुवाद की है जो मूल टेक्स्ट से जुड़े संदर्भ और भाव को बनाए रखते हुए यूजर्स को रीयल टाइम में कई भाषाओं में अनुवाद कर अपना संदेश भेजने में सक्षम बनाती है, जो यूजर्स की पहुंच को बढ़ाता है और प्लेटफ़ॉर्म पर सक्रियता तेज़ करता है। प्लेटफॉर्म चार करोड़ डाउनलोड का मील का पत्थर छू चुका है और राजनीति, खेल, मीडिया, मनोरंजन, आध्यात्मिकता, कला और संस्कृति के 7,000 से ज्यादा प्रतिष्ठित व्यक्ति अपनी मूल भाषा में दर्शकों से जुड़ने के लिए सक्रिय रूप से मंच का लाभ उठाते हैं।

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