यूपी में EVM छोड़ अब वोटर लिस्ट पर छिड़ेगी जंग, अखिलेश यादव के चुनाव आयोग पर हमले का मतलब समझिए

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यूपी में EVM छोड़ अब वोटर लिस्ट पर छिड़ेगी जंग, अखिलेश यादव के चुनाव आयोग पर हमले का मतलब समझिए

यूपी में EVM छोड़ अब वोटर लिस्ट पर छिड़ेगी जंग, अखिलेश यादव के चुनाव आयोग पर हमले का मतलब समझिए

लखनऊ: देश में विपक्षी दलों को हार मिलने के बाद सबसे पहले ईवीएम पर सवाल खड़े होते थे। अब मामला वोटर लिस्ट पर आ अटका है। अखिलेश यादव ने समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन में चुनाव आयोग पर सवाल खड़े किए। इस दौरान अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी और आयोग को कटघरे में खड़ा किया। यूपी चुनाव 2022 के करीब 6 माह बाद हुए समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन में एक प्रकार से अखिलेश ने पार्टी की चुनाव में हार के लिए कारणों को गिनाया। उन्होंने कहा कि यूपी चुनाव 2022 में हर सीट से यादव और मुसलमानों के 20-20 हजार वोट काट दिए गए।

अखिलेश यादव ने इस प्रकार का हमला यूपी चुनाव के बाद भी किया था। दरअसल, इस बार का चुनाव यूपी में लगभग दो ध्रुवीय हो गया था। भाजपा और सपा के बीच मुकाबला था। कांग्रेस से लेकर बसपा तक हाशिए पर सिमटी। ऐसे में जीत और हार का अंतर कई स्थानों पर कम रहा। रिजल्ट के दौरान अखिलेश यादव ने वोटर लिस्ट में गड़बड़ी का मामला उठाया। हालांकि, हर चुनाव से पहले चुनाव आयोग की ओर से वोटर लिस्ट को फाइनल अपडेट कराया जाता है। वैसे सलाना वोटर लिस्ट में नए वोटर जुड़ते हैं, पुराने कटते हैं। हर 6 माह पर अपडेटेड वोटर लिस्ट का प्रकाशन किया जाता है।

फाइनल वोटर लिस्ट के प्रकाशन से पहले तमाम राजनीतिक दलों से आपत्ति और दावे लिए जाते हैं। चुनाव से पहले इस प्रकार के दावे और आपत्तियों से जुड़ा मामला काफी कम आया था। हालांकि, रिजल्ट प्रकाशन के बाद इस प्रकार के दावे किए गए। अब सपा के राष्ट्रीय अधिवेशन के मंच से अखिलेश यादव ऐसे दावे करते दिखते हैं। इसका सीधा मतलब है कि अखिलेश ने चुनाव आयोग पर हमले के लिए एक नए मुद्दे की तलाश कर ली है। चुनाव आयोग अब ईवीएम की जगह वोटर लिस्ट मैनेज करने के मामले को लेकर घिरेगा।

उप चुनाव में भी उठा मामला
लोकसभा उप चुनाव के दौरान भी इसी प्रकार का मामला उठा था। रामपुर और आजमगढ़ में लोकसभा उप चुनाव रिजल्ट के दौरान भी अखिलेश यादव ने इस मामले को उठाया। संगीन आरोप लग गए हैं। अखिलेश ने अब कहा है कि विधानसभा चुनाव में हर सीट पर यादवों और मुसलमानों के 20-20 हजार वोट हटवा दिए गए। उन्होंने कहा कि पूरी मशीनरी ने मिलकर सपा को मिली हुई जीत को बीजेपी को दिलवाने का काम किया है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग से हमें सबसे अधिक उम्मीद थी। लेकिन उन्होंने बीजेपी के इशारे पर, पन्ना प्रभारियों के इशारे पर जानबूझकर हर विधानसभा सीट पर 20 हजार यादव और मुसलमान वोटरों के नाम काट दिए।

अखिलेश ने कहा कि हमने पहले भी कहा और आज भी कहते हैं कि जांच करके देख लें 20-20 हजार वोट उड़ा दिए गए हैं। कईयों के नाम काट दिए गए। कई लोगों का बूथ चेंज कर दिया गया। इस बूथ से दूसरे बूथ पर पहुंचा दिया गया। उन्होंने कहा कि यह जनता की बनाई हुई सरकार नहीं है। आज भी आप जब लोगों के बीच सदस्यता अभियान के लिए गए होंगे तो महूसस किया होगा कि लोग खुद आश्चर्य चकित हैं कि कैसे बीजेपी की सरकार दोबारा बन गई।

अखिलेश ने कार्यकर्ताओं का बढ़ाया उत्साह
अखिलेश यादव ने कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि यूपी चुनाव के दौरान जिस तरह का जनसमर्थन और कार्यकर्ताओं की मेहनत थी, सरकार सपा की बन गई थी। लेकिन, बनी हुई सरकार को पूरी की पूरी मशीनरी ने छीनने का काम किया है। इन्हें पता था कि अगर यूपी में सरकार नहीं बनी तो दिल्ली में भी नहीं बनेगी। इस प्रकार की बातों के जरिए अखिलेश ने कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ाया, लेकिन निशाने पर चुनाव आयोग के आने से अगली रणनीति का खुलासा होता दिख रहा है।

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