यूपी में धुंध से बढ़ी ठंड, छाने लगा घना कोहरा, बीमारियों का खतरा भी बढ़ा

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यूपी में धुंध से बढ़ी ठंड, छाने लगा घना कोहरा, बीमारियों का खतरा भी बढ़ा

बढ़ती ठंड ने बीमारियों का भी खतरा पैदा कर दिया है। जरा सी भी लापरवाही से तुरंत सर्दी, खांसी, बुखार, निमोनिया, दमा, ब्रोंकाइटिस, कोल्ड डायरिया और हृदय संबंधी बीमारियों के प्रकोप का खतरा बन सकता है। खासतौर पर बच्चों और बुजुर्गों को लेकर ज्यादा सावधानी बरतनी होगी।

UP Weather update: इस समय यूपी समेत पूरे उत्तर भारत में कंपकंपाती ठंड का दौर शुरू हो गया है। पहाड़ों पर हुई बर्फबारी ने ठंड में और इज़ाफा कर दिया है। आने वाले दिनों में हाड़ कंपाने वाली ठंड का सामना करना पड़ सकता है। आलम ये है कि नवंबर महीने के मध्य में ही कश्मीर घाटी के श्रीनगर में तापमान शून्य से 1.5 डिग्री नीचे जा चुका है। मौसम विभाग ने पिछले दिनों अपने पूर्वानुमान में बताया था कि पहाड़ी राज्यों में बर्फबारी होने के चलते उत्तर भारत में ठंड बढ़ेगी।

प्रदेश लखनऊ, वाराणसी, प्रयागराज, कानपुर समेत आसपास के जिलों के रात के तापमान में रोजाना गिरावट का सिलसिला बना हुआ है। खासकर तराई इलाकों में ठंड ज्यादा तेजी से बढ़ रही है। वहीं पहाड़ों पर हुई बर्फबारी ने ठंड में और इज़ाफा कर दिया है। आने वाले दिनों में हाड़ कंपाने वाली ठंड का सामना करना पड़ सकता है। कश्मीर घाटी के श्रीनगर में तापमान शून्य से 1.5 डिग्री नीचे चल गया था। मौसम विभाग ने पिछले दिनों अपने पूर्वानुमान में बताया था कि पहाड़ी राज्यों में बर्फबारी होने के चलते उत्तर भारत में ठंड बढ़ेगी। ला-नीना के प्रभाव के चलते मौसम विज्ञानियों ने पहले ही हाड़ कँपा देने वाली ठंड की चेतावनी जारी कर रखी है।

ठंड के साथ बीमारी भी बढ़ी

बढ़ती ठंड ने बीमारियों का भी खतरा पैदा कर दिया है। जरा सी भी लापरवाही से तुरंत सर्दी, खांसी, बुखार, निमोनिया, दमा, ब्रोंकाइटिस, कोल्ड डायरिया और हृदय संबंधी बीमारियों के प्रकोप का खतरा बन सकता है। खासतौर पर बच्चों और बुजुर्गों को लेकर ज्यादा सावधानी बरतनी होगी। इस दौरान अपने खान-पान का ध्यान रखने से बहुत सी चीजों से बचा जा सकता है। हमें ऐसी चीजों का सेवन करना चाहिए जिससे इम्यूनिटी मजबूत बने और इस मौसम में हर तरह के संक्रमण से बचा जा सके।

प्रदूषण ने बढ़ायी समस्या

एक ओर जहाँ बढ़ती ठंड से बीमारियों से सावधान रहना पड़ता है वहीं प्रदूषण ने इसमें और इज़ाफा कर दिया है। नोएडा-गाज़ियाबाद में वायु प्रदूषण में हालात कितने खराब हैं ये सभी देख रहे हैं। हाल ही में स्पेन में किए गए एक अध्ययन के अनुसार, लंबे समय तक वायु प्रदूषण के संपर्क में रहने के कारण कोरोना संक्रमण के बढ़ने के साथ पहले से संक्रमित लोगों में इसके गंभीर रूप लेने का जोखिम बढ़ गया है।

दरअसल ठंड के मौसम में हवा ठंडी होने से भारी हो जाती है जिसके चलते वह ऊपर उठने के बजाय नीचे फैलने लगती है, और इस हवा में अगर प्रदूषण भी शामिल हो गया तो फिर ये खतरनाक हो जाता है। लोगों को सांस लेने में कठिनाई होने लगती है। खासतौर पर हृदय रोगियों और अस्थमा के मरीजों को सबसे ज्यादा दिक्कत होती है।
















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