यूक्रेनी क्षेत्रों को रूस में ‘विलय’ किए जाने की Speech में Putin ने क्यों लिया भारत और चीन का नाम? | Why did Putin take the names of India and China in the merger speech | Patrika News

89
यूक्रेनी क्षेत्रों को रूस में ‘विलय’ किए जाने की Speech में Putin ने क्यों लिया भारत और चीन का नाम? | Why did Putin take the names of India and China in the merger speech | Patrika News

यूक्रेनी क्षेत्रों को रूस में ‘विलय’ किए जाने की Speech में Putin ने क्यों लिया भारत और चीन का नाम? | Why did Putin take the names of India and China in the merger speech | Patrika News

पुतिन ने 30 सितंबर को यूक्रेन के चार नए इलाक़ों को रूस में शामिल किए जाने के मौके पर मॉस्को में एक समारोह में भाषण भी दिया जिसमें उन्होंने पश्चिम के देशों पर खुलकर निशाना साधा। राष्ट्रपति पुतिन ने अपने भाषण में भारत का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि पश्चिम ने मध्य युग में औपनिवेशिक नीति शुरू कर दी थी। इसके बाद उन्होंने स्लेव ट्रेड, अमरीका में इंडियन ट्राइब्स का जनसंहार, भारत में लूट और चीन के खिलाफ इंग्लैंड और फ्रांस का युद्ध किया।

भारत और चीन का नाम लेकर रूर का तीन तरफा निशाना इस सबको याद दिलाकर पुतिन असल में तीन तरफा संदेश दे रहे थे। एक तरफ तो वे पश्चिम को याद दिलाते हुए आइना दिखा रहे थे कि आज जो पश्चिम युद्ध और हिंसा से दूर रहने और मानवाधिकारों की बात कर रहा उसकी अपनी हकीकत बेहद कड़वी है। साथ ही पुतिन इस भाषण के माध्यम से पश्चिम और पूर्व के देशों में विभाजन पैदाकर अपने लिए वैश्विक समर्थन जुटा रहे थे और सबसे अहम, भारत और चीन जैसे देशों का नाम लेकर विश्व के समक्ष उभरती नई ताकतों को अपने पक्ष में लाने और उनकी सहानुभूति जीतने की कोशिश कर रहे थे। बता दें चीन और भारत ही दो बड़े देश हैं जिन्होंने सुरक्षा परिषद में रूस के खिलाफ मतदान से अपने को दूर रखा।

पश्चिमी ताकतें पूरे देश को दे रहे थीं ड्रग्स उन्होंने कहा कि, “वे पूरे पूरे देश को ड्रग्स दे रहे थे और उन्होंने जानबूझकर पूरे के पूरे जनजातियों समूहों का जनसंहार किया। जमीन और संसाधनों के लिए उन्होंने लोगों के साथ जानवरों जैसा व्यवहार किया। ये व्यवहार मनुष्य के स्वभाव, सच, स्वतंत्रता और न्याय के खिलाफ है।”

बता दें, पुतिन की इस घोषणा के बाद पूरे रूस में जश्न का माहौल है और इस घोषणा के बाद भी एक सांस्कृतिक समारोह का आयोजन किया गया जिसमें भारी मात्रा में रूसी जुटे थे।

क्रीमिया के बाद यूक्रेन से 4 और शहर लिए

इसी तरह साल 2014 में रूस ने यूक्रेन के क्राइमिया प्रायद्वीप को भी अपने नियंत्रण में ले लिया था। ये इलाक़ा अभी भी रूस के नियंत्रण में ही है। पुतिन ने क्रेमलिन में जब अधिग्रहण के दस्तावेज़ों पर बारी-बारी से हस्ताक्षर किए तब रूस के सैन्य अधिकारी और नेता तालियां बजा रहे थे, इनमें वो अधिकारी भी मंच पर पुतिन के साथ खड़े थे जो विलय के बाद यूक्रेन के चार नए हिस्सों डोनेट्स्क, लुहान्स्क, ज़ापोरिज़्ज़िया और खेरसॉन के प्रमुख बनाए गए हैं । क्रेमलिन में यूक्रेन के इलाक़ों को रूस में शामिल करने की घोषणा करते हुए पुतिन ने कहा कि लोगों ने अपनी पसंद ज़ाहिर कर दी है और इन इलाक़ों को रूस का हिस्सा बनाना यहां की आबादी की इच्छा थी।

पश्चिमी देश कर रहे हैं निंदा

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मॉस्को में हुए समारोह में यूक्रेन के चार इलाक़ों के रूस में शामिल होने का ऐलान करने के बाद पश्चिमी देश इसकी निंदा कर रहे हैं। । खेरसॉन, ज़ापोरिज़्ज़िया, डोनेट्स्क और लुहान्स्क के औपचारिक विलय के साथ, यूक्रेन का लगभग 15% क्षेत्र रूसी नियंत्रण में आ जाएगा। अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों ने विलय के बाद रूस पर अधिक प्रतिबंध लगाए हैं। अमेरिका ने कहा है कि वह अन्य देशों पर भी लागत लगा सकता है जो यूक्रेन के क्षेत्रों के रूस के कब्जे को मान्यता देते हैं।



राजस्थान की और समाचार देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – Rajasthan News