युवक की मौत के बाद सिंहपुर के करसरा में हंगामा, चौकी प्रभारी और एएसआइ देररात लाइन अटैच | Ruckus in Karsara after the death of the youth | Patrika News

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युवक की मौत के बाद सिंहपुर के करसरा में हंगामा, चौकी प्रभारी और एएसआइ देररात लाइन अटैच | Ruckus in Karsara after the death of the youth | Patrika News


युवक की मौत के बाद सिंहपुर के करसरा में हंगामा, चौकी प्रभारी और एएसआइ देररात लाइन अटैच | Ruckus in Karsara after the death of the youth | Patrika News

ऐसी है एफआईआर में कहानी
मृत युवक की मां मुन्नी चौधरी द्वारा दर्ज कराई गई एफआइआर के अनुसार, 4 अक्टूबर की रात 9 बजे मनोज चौधरी (35) पिता रामाश्रय के साथ गांव के ही चार लोगों ने मिलकर मारपीट की थी। मनोज बैंडबाजा पार्टी चलाता था। आरोपी चाहते थे कि दशहरा चल समारोह में मनोज बैंड बाजा बजाए, लेकिन उसने पहले से बुङ्क्षकग होने का हवाला देकर मना कर दिया था। इसी बात से गुस्साए सौरभ, मोनू, कमलेश व संतोष ने मारपीट कर दी थी। घटना के समय मनोज गांव में दुर्गा पंडाल देखने गया था। जब वह घर नहीं लौटा तो माता-पिता तलाशने निकले, दाई मंदिर के पास कराहता मिला। अगली सुबह डायल 100 बुलाकर युवक को नागौद अस्पताल ले जाया गया। वहां से जिला अस्पताल रेफर किया गया। पैर में गंभीर चोट होने से युवक को 6 अक्टूबर को रीवा रेफर किया गया जहां शनिवार रात दो बजे मौत हो गई। बताया गया कि पैर में गंभीर चोट के चलते संक्रमण फैलने से युवक की मौत हुई है।

चार आरोपियों पर हत्या का केस दर्ज, एक को पकड़ा
मनोज चौधरी की मौत की सूचना मिलते ही परिजन थाना पहुंचे। आरोप लगा रहे हैं कि आरोपियों को बचाने के लिए पुलिस ने मारपीट की घटना के बाद एफआइआर नहीं लिखी थी। पुलिस ने बताया कि युवक की मौत के मामले में करसरा निवासी कमलेश प्रजापति पिता भोलेनाथ व संतोष प्रजापति के खिलाफ धारा 302, 34 और सौरभ त्रिपाठी व मोनू त्रिपाठी के खिलाफ धारा 302, 34 आइपीसी और एससीएसटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है। एक आरोपी सौरभ को पकड़कर कर पूछताछ कर रही है। बाकी तीन की तलाश जारी है।

शव आने से पहले कई थानों का बल पहुंचा
गांव में बवाल की आशंका पर मनोज का शव आने से पहले ही कई थानों का बल करसरा व ङ्क्षसहपुर भेज दिया गया था। शव आने पर जब परिजनों का आक्रोश बढ़ा तो आठ-दस थानों के टीआइ पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। रात तक परिजन शव लेकर घर के बाहर बैठे रहे। दोपहर से रात तक पूरा गांव पुलिस छावनी में तब्दील हो गया।

एसपी को इनकी मिली लापरवाही
पुलिस अधीक्षक आशुतोष गुप्ता ने रैगांव चौकी प्रभारी और जांचकर्ता अधिकारी महेंद्र गौतम और एएसआइ आरके पाण्डेय को लाइन अटैच कर दिया है। इन दोनों की लापरवाही के चलते ही सिंहपुर थाना इलाके में घंटों लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति निर्मित हुई। करसरा रैगांव चौकी इलाके में आता है। परिजन आरोप लगा रहे थे कि सूचना देने के बाद भी चौकी पुलिस ने एफआइआर दर्ज नहीं की, जिसके चलते मारपीट करने वाले आजाद घूमते रहे।

2 साल में तीसरा बड़ा बवाल
सिंहपुर थाना इलाके में 2 साल में 3 बड़े बवाल हो चुके हैं। इनमें 6 घंटे से लेकर 2 दिन तक कानून व्यवस्था की स्थिति निर्मित रही। सितंबर 2020 में सिंहपुर थाना के लॉकअप में चोरी के संदेही राजपति कुशवाहा की गोली मारकर हत्या के बाद अगले दो दिन तक सिंहपुर और रैगांव चौकी में जमकर बवाल हुआ था। इस वर्ष जून में पंचायत चुनाव के दौरान पूर्व सरपंच व निर्विरोध पंच की सरपंच प्रत्याशी और उसके हिस्ट्रीशीटर भाई द्वारा मारपीट कर हत्या करने के बाद भी दो दिन तक हंगामा हुआ था।





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