यहां अब भीड़ डरा रही है, मास्क लगाना भूल रहे लोग,मंडराया तीसरी लहर का खतरा

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यहां अब भीड़ डरा रही है, मास्क लगाना भूल रहे लोग,मंडराया तीसरी लहर का खतरा

जबलपुर में वैक्सीन वैन कम टीकाकरण वाले क्षेत्रों के गली-मोहल्ले में दरवाजे तक दे रही दस्तक

 

 

जबलपुर। कोरोना की तीसरी लहर की आहट के बीच कोरोना वैक्सीन लगवाने में शहर के 20 वार्ड के बाशिंदे पीछे रह गए हैं। यहां के आधे से ज्यादा लोगों ने कोरोना से बचाव का टीका नहीं लगवाया। जबकि, शहर में सभी लोगों को वैक्सीन की पहली डोज लगाने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग की वैक्सीन वैन कम टीकाकरण वाले क्षेत्रों के गली-मोहल्लों में सुबह से शाम तक घूम रही है। स्वास्थ्य कर्मी दरवाजे-दरवाजे दस्तक दे रहे हैं। लेकिन, टीका लगाने से छूट गए ये लोग मिल नहीं रहे।
अधारताल क्षेत्र के हैं 20 में 12 वार्ड
शहर में टीकाकरण में फिसड्डी सबसे ज्यादा वार्ड अधारताल तहसील के अंतर्गत हैं। अभी तक सबसे कम टीका लगवाने वाले जिन 20 वार्ड को चिन्हित किया गया है, उसमें 12 अधारताल क्षेत्र में हैं। कम वैक्सीनेशन वाले क्षेत्रों में कोरोना पहली लहर के दौरान कई जगह कहर बरपा चुका है। इसके अलावा बाकी चार-चार वार्ड रांझी और गोरखपुर क्षेत्र के हैं। इन सभी 20 वार्ड में औसतन लगभग 65 प्रतिशत लोगों ने अभी तक वैक्सीन की पहली डोज नहीं लगवाई है। रांझी और अधारताल, जिनके कुछ वार्ड में वैक्सीनेशन सबसे कम है, वहीं के एक-एक वार्ड शहर में सौ फीसदी वैक्सीनेशन का रेकॉर्ड बना चुके है। रांझी का एक वार्ड शहर का पहला और अधारताल का वार्ड 75 सौ फीसदी टीकाकृत दूसरा वार्ड है।
शहर में वैक्सीनेशन
-945156 व्यक्तिनिर्वाचन मतदाता सूची के अनुसार है।
– 760902 व्यक्तियों को इसमें फस्र्ट डोज लग चुकी है।
– 244191 व्यक्तियों ने इसमें सेकेंड डोज भी लगवा ली है।
पीछे छूटे 20 वार्ड में स्थिति
– 253391 व्यक्तिनिर्वाचन मतदाता सूची के अनुसार हैं।
– 88933 व्यक्तियों ने इसमें अभी कोरोना टीका लगवाया है।
– 164458 लोगों को अभी कोरोना की वैक्सीन नहीं लगवाई है।
अभी तक दो वार्ड ही सौ फीसदी वैक्सीनेटेड
जिले में करीब सात माह से कोविड वैक्सीनेशन चल रहा है। इसके बावजूद नगर निगम सीमा क्षेत्र में अभी तक सिर्फ दो वार्ड ही सौ फीसदी टीकाकृत हो सके हैं। कई वार्ड सौ फीसदी वैक्सीनेशन से कुछ पीछे है। सूत्रों के अनुसार टीकाकरण से छूट गए अब वहीं बचे हैं, जिन्हें वैक्सीनेशन को लेकर भ्रम है। कुछ ऐसे भी हैं, जिनका मतदाता सूची में नाम है, लेकिन वे बाहर है या उनकी मृत्यु हो चुकी है। जानकारों के अनुसार कम वैक्सीनेशन वाले क्षेत्रों में कुछ जगह अभी भी टीके को लेकर भ्रम है। जागरुकता की कमी के कारण लोग वैक्सीनेशन सेंटर नहीं पहुंच रहे। यहां टीकाकरण को प्रोत्साहित करने के लिए स्थानीय बुद्धिजीवी, सामाजिक संगठन और जनप्रतिनिधि भी जोर नहीं लगा रहे। इसके कारण प्रशासन के प्रयास के बाद भी वैक्सीन लगाने के लिए लोगों को घरों से बाहर निकालना मुश्किल हो रहा है।











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