यथार्थ गीता के लेखक स्वामी अड़गड़ानंद के आश्रम में तड़तड़ाई गोलियां, एक साधु की मौत, एक घायल

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यथार्थ गीता के लेखक स्वामी अड़गड़ानंद के आश्रम में तड़तड़ाई गोलियां, एक साधु की मौत, एक घायल

यथार्थ गीता के लेखक स्वामी अड़गड़ानंद के आश्रम में तड़तड़ाई गोलियां, एक साधु की मौत, एक घायल

वाराणसीः यथार्थ गीता के प्रणेता स्‍वामी अड़गड़ानंद महाराज के मीरजापुर स्थित सक्‍तेशगढ़ परमहंस आश्रम में गुरुवार सुबह भक्‍त और आश्रम के लोग आसन लगाकर भक्ति में लीन थे तभी गोलियां चलने की आवाज सुनाई दी। जिस तरफ से गोलियां चलने की आवाज आई उस तरफ भागकर लोग पहुंचे तो देखा कि गोली लगने से साधु जीवन बाबा उर्फ जीत (45) की मौत हो चुकी थी जबकि आशीष महाराज (46) गोली लगने से घायल पड़े थे। घायल साधु को आश्रम के लोग अस्‍पताल ले गए।

सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस को सिर में गोली लगने से मृत जीवन बाबा का शव और दो तमंचे मिले। सीओ चुनार रामानंद राय फील्‍ड यूनिट व डॉग स्‍क्‍वाड के साथ मौके पर पहुंचे और छानबीन की। आश्रम के लोगों ने बताया कि जीवन बाबा ने खुद को गोली मारकर आत्‍महत्‍या की है। घायल साधु के बारे में किसी ने पुलिस को जानकारी नहीं दी। सीसी कैमरे की पड़ताल में पता चला कि एक और साधु को गोली लगी है। इसके बाद दोपहर में पुलिस को अपने सूत्रों से पता चला कि गोली से घायल आशीष बाबा का चंदौली के निजी अस्‍पताल में इलाज चल रहा है। अस्‍पताल सूत्रों के मुताबिक आशीष बाबा के कमर में फंसी गोली ऑपरेशन कर निकाल दिए जाने से हालत खतरे से बाहर है।

अड़गड़ानंद की हत्‍या की साजिश
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार गोली चलने की घटना से कुछ मिनटों पहले ही स्‍वामी अड़गड़ानंद सुबह टहलने के बाद आश्रम के अपने कक्ष में पहुंचे थे। अचानक जीवन बाबा स्‍वामी अड़गड़ानंद से मिलने पहुंच गया। कक्ष के बाहर खड़े आशीष महाराज ने अंदर जाने से रोकने की कोशिश की तो दोनों में गुत्‍थमगुत्‍थी हुई। इसी दौरान जीवन बाबा ने कमर में खोंसे दो तमंचे निकाल गोलियां चलाई और फिर खुद सिर में गोली मार ली। जीवन बाबा की चलाई गोली आशीष के पेट में लगी। पूरे घटनाक्रम को देखते हुए पुलिस घटना के पीछे स्‍वामी अड़गड़ानंद की हत्‍या की साजिश की आशंका की भी जांच कर रही है। आश्रम के सभी सीसीटीवी के फुटेज पुलिस ने कब्‍जे में लिए हैं।

वेश बदल कर पहुंचा था आश्रम
आश्रम के लोगों ने बताया कि खुद को गोली मारने वाला साधु जीवन बाबा आश्रम के रसोई का काम देखा करता था। किसी के ऊपर खौलता तेल फेंक देने के बाद स्‍वामी अड़गड़ानंद ने तीन महीने पहले उसे आश्रम से निकाल दिया था। हालांकि वह आश्रम में आता-जाता रहता था। साधु वेशभूषा में रहने वाले जीवन बाबा पहचान छिपाने के लिए बुधवार शाम पैंट-शर्ट पहनकर आश्रम में आया था। आश्रम के लोगों के पहचान लेने पर उसने बातचीत की और रात में खाना खाकर सो गया था। सुबह उसने अड़गड़ानंद के कक्ष में जबरन घुसने की कोशिश की। पुलिस को जांच में पता चला कि जीवन बाबा बुधवार को पीडीडीयू नगर रेलवे स्‍टेशन से टैक्‍सी लेकर सक्‍तेशगढ़ पहुंचा था। पुलिस चालक को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है।

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