मौलाना मोहम्मद अली जौहर अली ट्रस्ट को मिली बड़ी राहत, सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर लगाई रोक | Maulana Mohammad Ali Jauhar Ali Trust got big relief from Supreme Cour | Patrika News

135

मौलाना मोहम्मद अली जौहर अली ट्रस्ट को मिली बड़ी राहत, सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर लगाई रोक | Maulana Mohammad Ali Jauhar Ali Trust got big relief from Supreme Cour | Patrika News

मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय एक निजी विश्वविद्यालय है। जो रामपुर में मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट, उत्तर प्रदेश विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, (यूजीसी) द्वारा मान्यता प्राप्त 2006 में स्थापित किया गया था। इसके चांसलर सपी के पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खां है। यह उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 2012 में विश्वविद्यालय का दर्जा प्रदान किया गया था। इस पर 28 अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों के लिए राष्ट्रीय आयोग (NCMEI) द्वारा अल्पसंख्यक का दर्जा मई 2013 को दिया गया था।

लखनऊ

Published: April 18, 2022 01:48:54 pm

यूपी के रामपुर स्थित मौलाना मोहम्मद अली जौहर अली ट्रस्ट की जमीन को वापस लेने के मामले पर ट्रस्ट को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने विश्वविद्यालय बनवाने के लिए ट्रस्ट द्वारा अधिगृहीत की गई जमीन सरकार को वापस लौटाने के इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है। इस मामले पर आदेश जारी करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ट्रस्ट से 12.5 एकड़ जमीन को छोड़ कर बाकी 450 एकड़ से ज्यादा ज़मीन पर सरकार द्वारा नियंत्रण में लिए जाने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को नोटिस जारी कर अपना जवाब दाखिल करने को कहा हैं। कोर्ट इस मामले पर अब अगस्त में सुनवाई करेगा।

SG ने जतायी आपत्ति सोमवार को यूपी की तरफ से सॉलिटर जनरल तुषार मेहता ने इस याचिका पर आपत्ति जताते हुए कहा हमने हाईकोर्ट के आदेश के मुताबिक जमीन वापस लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा हम देखेंगे।

ट्रस्ट ने सुप्रीम कोर्ट में दी थी चुनौती दरअसल समाजवादी पार्टी के विधायक आजम खान ने मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट द्वारा जमीन अधिग्रहण के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। पिछले साल इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एसडीएम की रिपोर्ट और एडीएम के आदेश की वैधता को चुनौती देने वाली जौहर ट्रस्ट की याचिका खारिज कर दिया था।

ADM वित्त ने आदेश को सही ठहराया था इसके साथ ही कोर्ट ने आजम खान के मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट द्वारा विश्विद्यालय के लिए अधिग्रहीत 12.50 एकड़ अतिरिक्त जमीन को राज्य द्वारा वापस लिए जाने के लिए दिए गए एडीएम वित्त के आदेश को सही ठहराया था।

ट्रस्ट ने अधिग्रहण की शर्तों का उल्लंघन किया हाईकोर्ट ने यह भी कहा था कि अनुसूचित जाति की जमीन बिना जिलाधिकारी की अनुमति के ट्रस्ट द्वारा अवैध रूप से ली गई। अधिग्रहण शर्तों का उल्लंघन कर शैक्षिक कार्य के उपयोग की बजाय मस्जिद का निर्माण कराया गया।

26 किसानों ने दर्ज कराया था केस इस मामले में ट्रस्ट द्वारा विश्वविद्यालय निर्माण के लिए लगभग 471 एकड़ जमीन अधिग्रहीत किया गया था। जिसमे ग्राम सभा की सार्वजनिक उपयोग की चकरोड की जमीन व नदी किनारे की सरकारी जमीन को ले लिया गया था। वहीं किसानों से जबरन उनकी जमीन का बैनामा करा लिया गया। जिसके खिलाफ 26 किसानों ने आजम खां के खिलाफ केस दर्ज कराया था।

newsletter

अगली खबर

right-arrow



उत्तर प्रदेश की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – Uttar Pradesh News