मोदी सरकार ने राजस्थान के तीनों डिस्कॉम को दी C ग्रेड, जानें इससे बिजली उपभोक्ताओं पर किस तरह पड़ेगा असर | Modi government Rajasthan discoms Grade C Poor performance | Patrika News

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मोदी सरकार ने राजस्थान के तीनों डिस्कॉम को दी C ग्रेड, जानें इससे बिजली उपभोक्ताओं पर किस तरह पड़ेगा असर | Modi government Rajasthan discoms Grade C Poor performance | Patrika News

बिजली खरीद, वितरण से लेकर वित्तीय प्रबंधन पर फोकस

जयपुर

Published: February 11, 2022 07:02:15 pm

जयपुर। बिजली वितरण से लेकर प्रबंधन में प्रदेश के तीनों डिस्कॉम की ‘पुअर’ परफोर्मेंस आने के बाद सरकार ने मॉनिटरिंग बढ़ा दी है। जयपुर, अजमेर और जोधपुर तीनों डिस्कॉम में सुधार के लिए खुद उर्जा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुबोध अग्रवाल जुट गए हैं। इसके तहत बिजली खरीद से लेकर वितरण प्रणाली और वित्तीय प्रबंधन पर रिपोर्ट तैयार की जा रही है। बताया जा रहा है कि विद्युत मंत्रालय की ओर से पिछले वर्ष रैंकिंग जारी की गई। इसमें अजमेर डिस्कॉम सी प्लस ग्रेड के साथ 26वें पायदान पर और जयपुर डिस्कॉम की 35वीं व जोधपुर डिस्कॉम की 41वीं रैंक आई। जयपुर और जोधपुर दोनों डिस्कॉम सी ग्रेड में रहे। गौरतलब है कि इस मामले में केन्द्रीय उर्जा मंत्री राजस्थान के मुख्यमंत्री को भी पत्र भेजकर सुधार की जरूरत जता चुके हैं।

उपभोक्ताओं पर यह दिक्कत
यदि परफोर्मेंस नहीं सुधरती है तो इसका सीधा असर प्रदेश के 1.52 करोड़ बिजली उपभोक्ताओं पर पड़ना तय है। महंगी बिजली खरीदेंगे और उसकी वसूली जनता से करेंगे। बिजली छीजत और चोरी में कमी नहीं होने पर घाटा बढ़ता जाएगा। इसकी पूर्ति भी जनता की जेब से ही होगी। बिजली दर बढ़ाने का प्रस्ताव आ सकता है।

मोदी सरकार ने राजस्थान के तीनों डिस्कॉम को दी C ग्रेड, जानें इससे बिजली उपभोक्ताओं पर किस तरह पड़ेगा असर

सुधार के लिए इन पर काम शुरू
-विद्युत लॉस (डिस्ट्रीब्यूशन एवं ट्रांसमिशन लॉस) को 15 प्रतिशत से कम लाना। इसके लिए हर माह का टारगेट तय किया गया है। अभी प्रदेश में औसत 21 प्रतिशत तक विद्युत लॉस है।
-कंपनियों का घाटा कम करने के लिए वित्तीय प्रबंधन की रिस्ट्रक्चरिंग। इसके लिए डिस्कॉम्स की ओर से तय की गई लोन प्रक्रिया का सरलीकरण और कम ब्याज दर पर लोन की उपलब्धता।
-महंगी बिजली खरीद कम से कम हो। इसकी बजाय राज्य में मौजूदा विद्युत उत्पादन यूनिट से ही बिजली खरीद हो। साथ ही अक्षय उर्जा को बढ़ाने पर फोकस। इससे बिजली कंपनियों और उपभोक्ताओं पर महंगी बिजली का बोझ कम आएगा।
-विद्युत विनियामक आयोग में समय पर टैरिफ पीटिशन दायर हो। साथ ही आयोग भी पीटिशन पर आदेश निर्धारित समय सीमा में ही जारी करे।
-सरकार स्तर पर जिन विद्युत उपभोक्ताओं को सब्सिडी जारी की जा रही है, उतनी सब्सिडी राशि समय पर डिस्कॉम्स को मिले।

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