मोदी सरकार के Budget 2023 में राजस्थान के हाथ खाली, Ashok Gehlot ने कहा 25 सांसद जिताकर दिए, फिर भी…
Ashok Gehlot on Union Budget 2023: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्रीय आम बजट 2023 पर प्रतिक्रिया देते हुए राजस्थान के हाथ खाली बताए हैं। बजट पेश किए जाने के बाद उन्होंने कहा कि राजस्थान से 25 सांसद जिताकर दिए लेकिन फिर भी केन्द्रीय बजट में प्रदेश को कुछ हाथ नहीं लगा।
हाइलाइट्स
- आम बजट 2023 पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की प्रतिक्रिया
- राजस्थान ने 25 सांसद जिताकर दिए, फिर भी हाथ खाली
- गहलोत ने कहा केन्द्रीय बजट में राजस्थान के हाथ खाली
आम बजट में राइट टू सोसल सिक्योरिटी, राइट टू हेल्थ और ईआरसीपी का जिक्र तक नहीं
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि हमने केन्द्र सरकार को राइट टू हेल्थ और राइट टू सोशल सिक्योरिटी का प्रावधान लागू करने के लिए कई बार पत्र लिखे ताकि प्रत्येक देशवासी को एक समान चिकित्सा और सामाजिक सुरक्षा का प्राप्त हो सके। राजस्थान में मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत 10 लाख रुपए का निशुल्क इलाज तथा 5 लाख रुपए तक का दुर्घटना बीमा दिया जा रहा है। साथ ही एक करोड़ लोगों को पेंशन उपलब्ध कराई जा रही है। गहलोत ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना में अभी भी 5 लाख रुपए तक के इलाज की सीमा है, इसे भी नहीं बढाया गया। साथ ही चिकित्सा शिक्षा के राजस्थान मॉडल के अनुरूप देश में 157 नर्सिंग कॉलेजों की स्थापना करने की घोषणाएं की गई है लेकिन यह नहीं बताया गया है कि इन कॉलेजों की स्थापना कब तक की जाएगी। केन्द्र सरकार ने इस बजट में कोई ठोस कार्य योजना तैयार नहीं की है।
ईआरसीपी पर मौन, राजस्थान के 13 जिलों की जनता में घोर निराशा
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राजस्थान की जनकल्याणकारी योजनाओं के अध्ययन के बाद केन्द्र बजट पेश होता तो आमजन को राहत मिलती। प्रदेश के 13 जिलों को पेयजल और सिंचाई हेतु पर्याप्त पानी के लिए पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा नहीं मिलने से क्षेत्रवासियों को निराशा हुई है। वहीं कर्नाटक राज्य की उपरी भद्रा परियोजना के लिए अतिरिक्त सहायता के रूप में 5300 करोड़ रुपए उपलब्ध कराए जाना राजस्थान के प्रति सौतेले व्यवहार को दर्शाता है। गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार स्वंय के संसाधनों से ईआरसीपी को पूरा करवा कर पानी उपलब्ध कराएगी।
किसानों के कर्ज माफी पर भी केन्द्र ने साधी चुप्पी
गहलोत ने कहा कि केन्द्रय बजटट में किसानों को ऋण देने की घोषणा तो की गई है लेकिन कर्ज में डूबे किसानों को सहारा नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा राज्य के सहकारी बैंकों के 22 लाख किसानों द्वारा लिए गए 14 हजार करोड़ रुपए का कर्ज माफ किया गया है। राज्य के किसानों के राष्ट्रीयकृत बैंकों के ऋण माफी के लिए हमने कई बार केन्द्र सरकार को पत्र लिखे, जिस पर अभी तक केन्द्र मौन साधे हुए हैं। वहीं कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्रालय के बजट में पिछले वर्ष की तुलना में 6 प्रतिशत (7500 करोड़ रुपए) और यूरिया सब्सिडी मद में भी 15 प्रतिशत (लगभग 23 हजार करोड़ रुपए) तक की कमी की गई है। इससे किसानों को निराशा हुई है।
महंगाई और बेरोजगारी से देशवासी भयभीत
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि बजट में महंगाई और बेरोजगारी का जिक्र तक नहीं है। साथ ही बढती महंगाई को कम करने के संबंध में कोई पॉलिसी स्टेटमेंट नहीं आने से आम आदमी का जीवनयापन और मुश्किल होगा। ग्रामीण क्षेत्रों के लिए महत्वाकांक्षी योजना महात्मा गांधी नरेगा योजना के बजट प्रावधान 33 (लगभग 30,000 करोड़ रुपए) कम करना यह साबित करता है कि यह बजट गरीब, भूमिहीन कासान एवं आमजन विरोधी है। गहलोत ने कहा कि राजस्थान सरकार ने महात्मा गांधी नरेगा में 25 दिन का अतिरिक्त रोजगार दिए जाने का साथ ही इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना की भी शुरूआत कर दी गई है।
रिपोर्ट – रामस्वरूप लामरोड़
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