मैनपुरी उपचुनाव के बदले अपर्णा यादव को बीजेपी देने वाली है ये गिफ्ट, तभी डिंपल के सामने मैदान में नहीं उतरीं?

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मैनपुरी उपचुनाव के बदले अपर्णा यादव को बीजेपी देने वाली है ये गिफ्ट, तभी डिंपल के सामने मैदान में नहीं उतरीं?

मैनपुरी उपचुनाव के बदले अपर्णा यादव को बीजेपी देने वाली है ये गिफ्ट, तभी डिंपल के सामने मैदान में नहीं उतरीं?

लखनऊ: समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव (Aparna Yadav) का नाम इन दिनों चर्चा में चल रहा है। मैनपुरी लोकसभा सीट पर उपचुनाव (Mainpuri By Election 2022 के लिए टिकट न मिलने के बाद बीजेपी नेता अपर्णा यादव के आगामी नगर निकाय चुनाव के दंगल में उतरने की चर्चाएं अब जोरों से चलने लगी है। राजनीतिक गलियारों में हो रही चर्चाओं की मानें तो अपर्णा यादव को बीजेपी लखनऊ से मेयर (Lucknow Mayor) पद का उम्मीदवार बना सकती है। हालांकि अभी लिस्ट फाइनल होना बाकी है। यूपी विधानसभा चुनाव 2022 और मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव से पहले अपर्णा यादव का बीजेपी उम्मीवाद के तौर पर नाम खूब चर्चा में रहा है। मैनपुरी से सपा उम्मीदवार डिंपल यादव (Dimple Yadav) के खिलाफ बीजेपी से अपर्णा यादव का नाम लगभग तय माना जा रहा था। हालांकि बीजेपी (BJP) की यूपी उपचुनाव 2022 से जुड़ी लिस्ट में उनका नाम नहीं था। वहीं बीजेपी स्टार प्रचारकों की लिस्ट में भी उनका नाम नहीं था। अब चर्चा है कि उन्हें लखनऊ मेयर पद को लेकर मनाया गया है।

दरअसल मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) के छोटे बेटे प्रतीक यादव की पत्नी अपर्णा यादव ने बीते यूपी विधानसभा चुनाव 2022 से पहले अखिलेश यादव की सपा को छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया था। बीजेपी में अपर्णा यादव के शामिल होने के बाद ये चर्चा जोरों पर चलने लगी कि बीजेपी अपर्णा यादव को कैंट विधानसभा सीट से उम्मीदवार बना सकती है, लेकिन वहां वर्तमान उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक को टिकट थमाकर अपर्णा के अरमानों पर पानी फेर दिया। इसी तरह विधानसभा चुनाव के बाद हुए राज्यसभा और विधानपरिषद के चुनाव में भी अपर्णा को लेकर तमाम तरह की चर्चाएं चली, लेकिन वो सिर्फ चर्चा ही रह गई। वहीं नेताजी के निधन के बाद फिर एक बार चर्चाओं ने तूल पकड़ा की बीजेपी सपा के अभेद किले को भेदने के लिए अपर्णा यादव को मैनपुरी से उम्मीदवार बना जा सकता है। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी से अपर्णा की मुलाकात के बाद इन चर्चाओं के तूल पकड़ लिया था।

हालांकि मैनपुरी से बीजेपी ने पूर्व सांसद रघुराज शाक्य को उम्मीदवार बना दिया। यहां तक कि बीजेपी की स्टार प्रचारक लिस्ट में भी अपर्णा यादव का नाम शामिल नहीं किया गया। अब ये भी कहना मुश्किल है कि मैनपुरी में बीजेपी अपर्णा से चुनाव प्रचार कराएगी या फिर दूर रखेगी। वहीं अब एक बार फिर चर्चाओं का बाजार गर्म है। चर्चा है कि बीजेपी अपर्णा यादव को लखनऊ से मेयर पद के लिए उम्मीदवार बनाया सकती है।

अपर्णा के मेयर चुनाव लड़ने पर क्या बोले वरिष्ठ पत्रकार
अपर्णा यादव को बीजेपी से लखनऊ से मेयर का प्रत्याशी बनाए जाने पर वरिष्ठ पत्रकार योगेश मिश्र से बात हुई। उन्होंने कहा कि लखनऊ से सांसद और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से राय लिए बिना बीजेपी लखनऊ में मेयर उम्मीदवार नहीं उतारेगी। राजनाथ सिंह के साथ अपर्णा यादव पोस्टर से लेकर कही भी दिखाई भी नहीं दी है तो ऐसे में टिकट मिलना बड़ा मुश्किल होगा। साथ ही उन्होंने कहा कि जितने भी मेयर पिछले 5-10 सालों से हैं, उनकी उम्र, और अपर्णा यादव की उम्र देख लीजिए तो पता चल जाएगा। बीजेपी अपर्णा यादव की उम्र के लोगों को मेयर के लिये नहीं उतारती है। वहीं वरिष्ठ पत्रकार नवल कांत सिन्हा कहते हैं कि अभी तो आरक्षण आना है। फिर भी बीजेपी अपर्णा यादव को लखनऊ से मेयर का चुनाव लड़ाएगी, ऐसी संभावनाएं अभी दिख नहीं रही है। बाकी राजनीति में कुछ भी संभव है।

यादव Vs यादव करने का कोई मतलब नहीं था- वरिष्ठ पत्रकार
साथ ही नवल कांत सिन्हा ने मैनपुरी उपचुनाव को लेकर कहा कि अपर्णा यादव का नाम चलना हवाहवाई जैसा था क्योंकि मैनपुरी में लोग डिंपल यादव को बहू मानते हैं। ऐसे में अपर्णा का चुनाव लड़ने का सवाल ही नहीं उठता था। साथ ही उन्होंने कहा कि बीजेपी कभी ऐसा दांव नहीं लगाती जो सिर्फ दिखावे के लिए हो, और फिर यादव Vs यादव करने का कोई मतलब नहीं था, इसीलिये शाक्य उम्मीदवार को टिकट दिया है।

बीजेपी में बड़े घर के होने से अमूमन फायदा नहीं मिलता-नवल
वरिष्ठ पत्रकार नवल कांत सिन्हा अपर्णा यादव को लेकर कहते हैं कि यह तो तय है कि बीजेपी अपर्णा यादव का इस्तेमाल समाजवादी पार्टी के खिलाफ ही करेगी, लेकिन अभी कोई सीन इस तरह का दिख नहीं रहा है। नेताजी (मुलायम सिंह यादव) के जाने के बाद अगर बीजेपी अपर्णा को उम्मीदवार बना देती तो फायदे के बजाए नुकसान हो जाता। वहीं उन्होंने कहा कि बड़े घर का होने का फायदा सब जगह होता है लेकिन खासतौर पर इस नई बीजेपी में आप खुद क्या है, ये बहुत महत्वपुर्ण होता है। बीजेपी रणनीति पर काम करती है, बड़े कद की वजह से कुछ हासिल हो जाए अमूमन ऐसा होता नहीं है।

पार्टी मां है, वो तय करती है कि कहा काम लेना है- बीजेपी
अपर्णा यादव के मेयर चुनाव लड़ने को लेकर बीजेपी प्रवक्ता मनीष मिश्रा ने कहा कि आरक्षण घोषित होने के बाद सभी कार्यकर्ताओं का टिकट मांगने का हक है। लेकिन कौन लड़ेगा और कौन नहीं लड़ेगा ये पार्टी आलाकमान तय करेगा। वहीं मैनपुरी उपचुनाव को लेकर उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी में कार्यकर्ताओं की एक लंबी श्रंखला है, जब कहीं भी चुनाव होते हैं, तब वहां विभिन्न नामों पर विचार किए जाते हैं जो उपयोगी होता है, उस पर पार्लियामेंट्री बोर्ड मुहर लगाती है। मैनपुरी चुनाव में भी उम्मीदवारों की एक लंबी श्रंखला थी, अपर्णा यादव टिकट चाहती थी या नहीं ये जानकारी नहीं है, लेकिन पार्टी ने रघुराज शाक्य को उम्मीदवार बनाया है। अब उनके लिए पूरी पार्टी एकजुट होकर लगी हुई है। पार्टी मां होती है और वो तय करती है कि किस बेटा या बेटी से कब और कहां पर काम लेना है। साथ ही उन्होंने कहा कि पार्टी अगर चाहेगी तो अपर्णा यादव से भी चुनाव प्रचार करा सकती है।
रिपोर्ट- अभय सिंह

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